नूंह: इस मुसीबत की घड़ी में भी लोग भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं. एक तरफ सरकार ने कोरोना जैसी महामारी के बीच बामुश्किल फसल खरीद शुरू करवाई है तो वहीं जिन लोगों के जिम्मे ये काम लगाया गया वो हीं इसमें गोलमाल करने में जुट गए. नूंह में फसल खरीद के दौरान जमकर घपला किया जा रहा है.
आढ़तियों की पोल किसी आम आदमी ने नहीं बल्कि फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान ने खोली है. उन्होंने फिरोजपुर झिरका अनाज मंडी में तुलाई में गड़बड़ी के अलावा 10 रुपये प्रति बैग अवैध वसूली के और नमी के नाम पर की जा रही कटौती का जमकर विरोध किया था और अधिकारियों को फटकार लगाते हुए मामले की शिकायत डीसी, डिप्टी सीएम, सीएम तक की थी.
इसके अलावा अगर बात पुन्हाना अनाज मंडी की करें तो पुन्हाना अनाज मंडी में भी आढ़तियों ने सरसों इत्यादि की तुलाई में खूब जमकर नियमों की धज्जियां उड़ाई. इस बात की शिकायत की किसी छोटे-मोटे अधिकारी को नहीं बल्कि पुन्हाना की एसडीएम वैशाली शर्मा आईएएस से की गई थी. मामला जोर पकड़ता उससे पहले एसडीएम को ही मामले की जांच डीसी पंकज ने सौंप दी.
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किसानों की कमाई पर डकैती डालने वाले जिन आढ़तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से लेकर उनके लाइसेंस तक रद्द होने जैसी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी, उसे महज चंद हजार रुपए का जुर्माना लगाकर मामले को रफा-दफा करने में जिला प्रशासन ने कोई कोर कसर नहीं रखी. नूंह जिले की अनाज मंडियों में गेहूं तथा सरसों की खरीद में गड़बड़झाला कोई पहली बार नहीं हो रहा है. कई दशकों से इसी तरह आढ़ती सीजन का इंतजार करता है और अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर करोड़ों रुपए की कमाई हर सीजन में कर जाता है.
पुन्हाना अनाज मंडी में तो इस मामले में सबसे ज्यादा बदनाम रही है. दूसरे राज्यों की किसानों की फसल खरीदने के आरोपों से लेकर ज्यादा तुलाई तथा कम दाम इत्यादि बहुत सी शिकायतें इस अनाज मंडी की रही हैं, लेकिन किसानों को सुविधा देने के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली सरकार खरीद के समय इस गड़बड़झाले को आज तक नहीं रोक पा रही है.
हद तो तब हो गई जब विधायक से लेकर आईएएस अधिकारी ने खरीद में गड़बड़ी को मौके पर सही ठहराया, लेकिन जांच के बाद सिर्फ चंद हजार रुपए का फाइन लगाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया. अभी भी किसानों से फसल खरीद में गड़बड़झाले से इनकार नहीं किया जा सकता. नूंह जिले की तमाम अनाज मंडी में हो रही गेहूं तथा सरसों की खरीद की जांच पूरी ईमानदारी से व तेजी से की जाए तो करोड़ों रुपए का गोलमाल सामने आने से इनकार नहीं किया जा सकता.
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नूंह अनाज मंडी में गड़बड़झाले को बढ़ावा देने में एक सफेदपोश नेता का हाथ भी बताया जा रहा है. जब इस मामले में डीसी पंकज कुमार से गड़बड़ करने वाले आढ़तियों पर कार्रवाई को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि पुन्हाना तथा फिरोजपुर झिरका में शिकायत मिली थी. उन्हें जानकारी मिली है कि दोनों अनाज मंडियों में गड़बड़ करने वाले आढ़तियों पर फाइन लगाया गया है. लेकिन सवाल ये है कि सख्त कार्रवाई करने के बजाय मामूली सा जुर्माना लगाकर लुटेरे आढ़तियों को क्यों छोड़ दिया. इसका जवाब अधिकारियों से लेकर सरकार तक के पास नहीं है.