महेंद्रगढ़: जिले के अटेली विधानसभा के थाने के बाहर पूरी रात युवक का शव रख पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी होती रही. वहीं इस पूरे मामले में जनप्रतिनिधि के साथ-साथ जिला पुलिस थाना प्रभारी का बचाव करते नजर आए. दरअसल ग्रामीणों आरोप था की युवक की पुलिस के द्वारा पिटाई के बाद मौत हो गई है. थाने के बाहर शव रखकर ग्रामीण लगातार थाना प्रभारी व पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे. करीब 6 घंटे तक ये विरोध प्रदर्शन चलता रहा, लेकिन किसी भी अधिकारी ने मीडिया के सामने बोलना जरूरी नहीं समझा.
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क्या है मामला?
बता दें, ग्रामीणों ने अटेली पुलिस पर आरोप लगाया है कि 100 नंबर पर किसी के द्वारा फोन कर झगड़े की सूचना दी गई थी. जिसके बाद अटेली पुलिस मौके पर पहुंची और युवक के साथ मार पिटाई की. जिसके बाद उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई. ग्रामीण लगातार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे.
गांव के सैकड़ों ग्रामीणों में महिलाएं थाने के बाहर खड़े हो पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. तो वही लोगों ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी शराब के नशे में हैं तुरंत प्रभाव से थाना प्रभारी का मेडिकल करवाया जाए, लेकिन समय रहते थाना प्रभारी को थाने से निकाल दिया गया और पूरी रात ग्रामीण करीब 6 घंटे तक थाने के बाहर प्रदर्शन करते रहे.
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साख बचाती नजर आई पुलिस
मीडिया के द्वारा मामले की सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई. मामले को तूल पकड़ता देख डीएसपी कनीना मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े रहे. ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा कि जब तक पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी, शव का अंतिम संस्कार नहीं होगा. वहीं मध्य रात्रि तक शव थाने के बाहर रखा रहा और इस पूरे मामले में पुलिस अपनी साख बचाती नजर आई.
एसएचओ को आखिर तक छुपाती रही पुलिस
करीब 6 घंटे के लंबे इंतजार के बाद डीएसपी कनीना लोगों से बातचीत करके 2 पुलिसकर्मियों सहित चार लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया गया. साथ ही सख्त से सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन इस पूरे प्रकरण में एसएचओ को आखिर तक पुलिस छुपाती नजर आई.
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दलित परिवार लड़ता रहा, विधायक जी सोते रहे
इस पूरे प्रकरण में जहां एक दलित परिवार न्याय के लिये गुहार लगा रहा था. वहीं बीजेपी के विधायक सीताराम यादव पुलिस को बचाने में पूरा सहयोग करते नजर आए. महज 5 किलोमीटर दूर बैठे विधायक ने लोगों तक पहुंचना तक जरूरी नहीं समझा. अटेली विधानसभा का एक दलित परिवार पूरी रात थाने के बाहर इंसाफ की लड़ाई लड़ता रहा. तो वहीं स्थानीय विधायक कुंभकरण की नींद में सोते रहे.