महेंद्रगढ़ः हरियाणा की राजनीति में पैदा हुआ ताजा हालात इस ओर इशारा करते हैं कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) दक्षिण हरियाणा (South Haryana Politics) में राव इंद्रजीत सिंह (rao inderjit singh) का विकल्प तलाश रही है, और इस विकल्प के तौर पर उन्होंने भूपेंद्र यादव (bhupender yadav) को जनता के सामने पेश किया है. भूपेंद्र यादव फिलहाल केंद्र सरकार में मंत्री हैं और नरेंद्र मोदी(narendra modi) के भरोसेमंद माने जाते हैं. और भूपेंद्र सिंह यादव गुरुग्राम के जमालपुर से आते हैं, जो अहीर बेल्ट का हिस्सा है. इसी को भुनाने की कोशिश भारतीय जनता पार्टी कर रही है.
भूपेंद्र यादव की इस जन आसीर्वाद यात्रा को कितना आशीर्वाद मिलता है ये आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल राव इंद्रजीत का आशीर्वाद उन्हें नहीं मिला है. अभी तक भूपेंद्र यादव की इस यात्रा से राव इंद्रजीत सिंह और उनके समर्थकों ने दूरी बना रखी है. हालांकि ये खबरें जरूर हैं कि बड़े नेताओं के दबाव में राव इंद्रजीत सिंह ने भूपेंद्र यादव को रामपुरा हाउस में डिनर पर इनवाइट किया है. लेकिन राव इंद्रजीत ये संदेश अपने समर्थकों में पहुंचा चुके हैं कि पार्टी के इस फैसले से वो खुश नहीं हैं.
भूपेंद्र यादव के साथ कौन-कौनः अगर भूपेंद्र यादव के साथ की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी की लगभग पूरी यूनिट उनकी जन आशीर्वाद यात्रा में अलग-अलग जगहों पर शामिल हो रही है. सीएम मनोहर लाल से लेकर तमाम बड़े नेता इस यात्रा का हिस्सा हैं, लेकिन इस हिस्से का जो सबसे बड़ा नेता माना जाता है वो भूपेंद्र यादव से दूरी बनाए हुए है जो पार्टी और भूपेंद्र यादव दोनों के लिए परेशानी का सबब है.
सवाल ये है कि आखिर ये नौबत कैसे आई तो राव इंद्रजीत सिंह चुप रहकर सहने वाले नेताओं में से नहीं हैं. याद कीजिए 2014 से पहले के वो हालात जब वो कांग्रेस में हुआ करते थे, उस वक्त उन्होंने खुलकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था और आखिर में बीजेपी में शामिल हो गए. लेकिन बीजेपी में आने के बाद उन्हें मनमुताबिक ताकत नहीं मिली. भारतीय जनता पार्टी को सत्ता हासिल हुई, और राव इंद्रजीत सिंह को केंद्र में मंत्री बना दिया गया. हालांकि उनकी हमेशा से इच्छा मुख्यमंत्री बनने की थी.
ये भी पढ़ेंः BJP के पोस्टर से क्यों गायब हुए राव इंद्रजीत सिंह? सांसद धर्मबीर सिंह ने बताया
यही वजह रही कि वो बीजेपी में आकर भी खुश नहीं थे लेकिन अब ऑप्शन नहीं दिख रहा था क्योंकि भारतीय जनता पार्टी वक्त के साथ-साथ लगातार मजबूत होती रही और कांग्रेस वो पहले ही छोड़ चुके थे. लिहाजा राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी बेटी से एक अलग मोर्चा शुरू करवा दिया. जो शायद बीजेपी को खटक गया और उन्होंने राव इंद्रजीत सिंह का विकल्प तलाशना शुरू कर दिया. इसी विकल्प के लिए भूपेंद्र यादव को नरेंद्र मोदी ने यहां भेजा है, और जनआशीर्वाद यात्रा के जरिए जनता की नब्ज टटोली जा रही है.
ये भी पढ़ेंः विधानसभा में गूंजेगा पेपर लीक मामला, भूपेंद्र हुड्डा बोले- सरकार परचून की तरह बेच रही नौकरियां
बात अब यहां तक आ पहुंची है कि बीजेपी के पोस्टर से राव इंद्रजीत सिंह गायब हो गए हैं. भूपेंद्र यादव की जन आशीर्वाद यात्रा के जो पोस्टर महेंद्रगढ़ में लगे हैं उनमें छोटे-बड़े सभी नेताओं का फोटो है लेकिन राव इंद्रजीत का नहीं. यहीं से अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद बीजेपी ने कदम आगे बढ़ा दिए हैं. लेकिन क्या ये कदम राव इंद्रजीत के बिना टिक सकते हैं ये बड़ा सवाल है. हालांकि भूपेंद्र यादव को संगठन का लंबा अनुभव है और बिहार में बीजेपी के प्रदर्शन के पीछे भी भूपेंद्र यादव को ही माना जाता है.