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घातक लापरवाही: महेंद्रगढ़ में बिना डिस्पोज किए फेंकी जा रही पीपीई किट - mahendragarh health department

महेंद्रगढ़ से सरकारी एजेंसियों लापरवाही सामने आया है यहां पीपीई किट को डिस्पोजल किए बिना फेंका जा हरा है. इसी प्रकार शहर के कुछ जगह पर दस्ताने भी पड़े होने की सूचना मिली है.

PPE kits and gloves without disposals thrown
PPE kits and gloves without disposals thrown
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Published : May 6, 2021, 8:26 PM IST

महेंद्रगढ़: आपदा के इस समय में भी सरकारी एजेंसियों से लेकर आम लोग लापरवाही बरत रहे है. जबकि महेंद्रगढ़ जिले के हालात चिंताजनक है और यहां कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. ऐसा ही मामले आज उस समय सामने आए जब श्मशान घाट गए कुछ लोगों ने बताया कि वहां पर पीपीई किट को डिस्पोजल किए बिना फेंका जा हरा है. इसी प्रकार शहर के कुछ जगह पर दस्ताने भी पड़े होने की सूचना मिली. यह घातक लापरवाही है और कोरोना संकट के समय तो यह वायरस को न्यौता देने के समान है.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम के अस्पताल में 8 कोरोना मरीजों की मौत, शव ICU में छोड़कर फरार हुआ स्टाफ

बता दें कि कोविड गाइड लाइंस के अनुसार बायोमेडिकल वेस्ट नियमों के अनुसार कूड़े का निस्तारण किया जाना होता है. इसके लिए अस्पताल में लाल, काले, पीले और सफेद रंग के डस्टबिन रखे जाते है. किट और दस्ताने को इस्तेमाल के बाद हाईपोक्लोराइट के घोल में डुबाया जाता है और बाद में इसे बैग में पैक करना होता है. बाद में बॉयोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट भेजा जाता है जहां इनका डिस्पोजल होता है.

नगर परिषद ईओ अभय सिंह ने बताया कि अभी यह तो नहीं पता कि किसने लापरवाही बरते हुए किट-दस्ताने इस प्रकार फेंके है. हालांकि सूचना मिलने पर इनका डिस्पोजल करा दिया गया है. साथ ही सफाई कर्मियों ने श्मशान घाट के अलावा कुछ और जगह पर भी अभियान चलाकर दस्ताने सहित अन्य संदिग्ध सामान जो कोरोना वायरस को फैलाने में सहायक हो सकता है उसे एकत्रित करके उसका डिस्पोजल कराया है.

ये भी पढ़ें: क्या ऑक्सीजन सिलेंडर की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है नेबुलाइजर? PGI के डॉक्टर से जानें सच्चाई

महेंद्रगढ़: आपदा के इस समय में भी सरकारी एजेंसियों से लेकर आम लोग लापरवाही बरत रहे है. जबकि महेंद्रगढ़ जिले के हालात चिंताजनक है और यहां कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. ऐसा ही मामले आज उस समय सामने आए जब श्मशान घाट गए कुछ लोगों ने बताया कि वहां पर पीपीई किट को डिस्पोजल किए बिना फेंका जा हरा है. इसी प्रकार शहर के कुछ जगह पर दस्ताने भी पड़े होने की सूचना मिली. यह घातक लापरवाही है और कोरोना संकट के समय तो यह वायरस को न्यौता देने के समान है.

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बता दें कि कोविड गाइड लाइंस के अनुसार बायोमेडिकल वेस्ट नियमों के अनुसार कूड़े का निस्तारण किया जाना होता है. इसके लिए अस्पताल में लाल, काले, पीले और सफेद रंग के डस्टबिन रखे जाते है. किट और दस्ताने को इस्तेमाल के बाद हाईपोक्लोराइट के घोल में डुबाया जाता है और बाद में इसे बैग में पैक करना होता है. बाद में बॉयोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट भेजा जाता है जहां इनका डिस्पोजल होता है.

नगर परिषद ईओ अभय सिंह ने बताया कि अभी यह तो नहीं पता कि किसने लापरवाही बरते हुए किट-दस्ताने इस प्रकार फेंके है. हालांकि सूचना मिलने पर इनका डिस्पोजल करा दिया गया है. साथ ही सफाई कर्मियों ने श्मशान घाट के अलावा कुछ और जगह पर भी अभियान चलाकर दस्ताने सहित अन्य संदिग्ध सामान जो कोरोना वायरस को फैलाने में सहायक हो सकता है उसे एकत्रित करके उसका डिस्पोजल कराया है.

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