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नारनौल: फौजी विदेशों में देता था सेना की खुफिया जानकारी, तार अबू धाबी से जुड़े - फौजी विदेशों देता सेना की जानकारी

विदेशों में सेना की खुफिया जानकारी देने वाले फौजी को पुलिस ने कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था. पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी फौजी के तार आबू-धाबी से जुड़े हुए थे.

पुलिस की गिरफ्त में फौजी
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Published : Jul 14, 2019, 6:43 PM IST

महेंद्रगढ़: हनी ट्रैप केस में फंसे महेंद्रगढ़ के फौजी रविंद्र के तार सोशल मीडिया के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी तक जुड़े हैं. रविंद्र के पास से 5 मोबाइल नंबर संदिग्ध मिले थे, उनमें से एक नंबर अबूधाबी, तीन नंबर दिल्ली और एक मोबाइल नंबर विदेश का है.

पुलिस की गिरफ्त में फौजी

जो तीन नंबर दिल्ली के हैं, उनका संपर्क अबूधाबी में बैठे व्यक्ति से होने की आशंका जताई जा रही है. पुलिस दिल्ली के इन नंबरों को एजेंट के रूप में देख रही है. पुलिस को आशंका है कि लड़की के नाम पर फर्जी अकाउंट बना कर लड़का भी चैटिंग कर सकता है. इस मामले में पैनी नजर रखने बनाए रखने के लिए आर्मी से जुड़े अधिकारी और आईबी टीम नारनौल में गुप्त डेरा डाले हुए है.

केस आर्मी को हो सकता ट्रांसफर
पुलिस सूत्र बताते हैं कि पुलिस से आरोपित फौजी के केस को आर्मी में भी ट्रांसफर किया जा सकता है. इसके लिए सोमवार को आर्मी की ओर से अदालत में दरखास्त लगाने की तैयारी की जा रही है. इसी दिन आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

5 संदिग्ध नंबरों पर की चैटिंग
रिमांड अवधि में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है. आरोपित फौजी के मोबाइल नंबरों के फेसबुक और व्हाट्सएप से 5 संदिग्ध नंबरों पर लंबी चैटिंग की गई. सेना से जुड़े हथियार और कैंपों की तस्वीरों को भेजा गया. पुलिस को शक है कि आईडी पर लड़की के नाम से लड़का भी चैटिंग कर सकता है.

'फौजी की विदेशी महिला से हुई दोस्ती'
आपको बता दें बसई गांव निवासी रविंद्र साल 2017 में पांचवीं कुमाऊं रेजिमेंट में सिपाही पद पर भर्ती हुआ था. आरोपी की साल 2018 में अमृतसर में पोस्टिंग थी. इस दौरान ही उसकी एक विदेशी महिला से दोस्ती हुई थी. रविंद्र ने महिला को बताया कि वह सेना में अमृतसर में कार्यरत है. जिसके बाद दोनों का वीडियो कॉलिंग के जरिए भी बात होने लग गई.

'फौजी विदेशी महिला को देता था सेना से जुड़ी जानकारियां'
इतना ही नहीं महिला ने यूनिट के लोकेशन और सेना में प्रयोग होने वाली राइफल के बारे में जानकारी मांगी. आरोपी ने गूगल पर सर्च करके राइफल की फोटो महिला के पास भेजी. जिसके बाद आरोपी यूनिट के साथ अमृतसर से अरुणाचल प्रदेश के लिए रवाना हो गया. उसने इस बात की भी जानकारी महिला को भेज दी.

इतना ही नहीं सूत्रों की मानें तो विदेश से फौजी के अकाउंट में पैसे भी आते थे, आरोपी लगातार देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जगहों की जानकारी महिला को देता रहा. जैसे ही सूत्रों के अनुसार इसकी जानकारी खूफिया एजेंसियों को लगी. एजेंसियों ने पुलिस से इस जानकारी को सांझा किया.

पुलिस ने फौजी को नारनौल रेलवे स्टेशन से किया काबू
जिसके बाद पुलिस को पता चला कि सिपाही रविंद्र आठ जुलाई को पांच दिन की छुट्टी लेकर घर आ रहा है और जैसे ही नारनौल रेलवे स्टेशन पर उतरा. पुलिस ने आरोपी को चाय की दुकान से काबू किया था.

महेंद्रगढ़: हनी ट्रैप केस में फंसे महेंद्रगढ़ के फौजी रविंद्र के तार सोशल मीडिया के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी तक जुड़े हैं. रविंद्र के पास से 5 मोबाइल नंबर संदिग्ध मिले थे, उनमें से एक नंबर अबूधाबी, तीन नंबर दिल्ली और एक मोबाइल नंबर विदेश का है.

पुलिस की गिरफ्त में फौजी

जो तीन नंबर दिल्ली के हैं, उनका संपर्क अबूधाबी में बैठे व्यक्ति से होने की आशंका जताई जा रही है. पुलिस दिल्ली के इन नंबरों को एजेंट के रूप में देख रही है. पुलिस को आशंका है कि लड़की के नाम पर फर्जी अकाउंट बना कर लड़का भी चैटिंग कर सकता है. इस मामले में पैनी नजर रखने बनाए रखने के लिए आर्मी से जुड़े अधिकारी और आईबी टीम नारनौल में गुप्त डेरा डाले हुए है.

केस आर्मी को हो सकता ट्रांसफर
पुलिस सूत्र बताते हैं कि पुलिस से आरोपित फौजी के केस को आर्मी में भी ट्रांसफर किया जा सकता है. इसके लिए सोमवार को आर्मी की ओर से अदालत में दरखास्त लगाने की तैयारी की जा रही है. इसी दिन आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

5 संदिग्ध नंबरों पर की चैटिंग
रिमांड अवधि में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है. आरोपित फौजी के मोबाइल नंबरों के फेसबुक और व्हाट्सएप से 5 संदिग्ध नंबरों पर लंबी चैटिंग की गई. सेना से जुड़े हथियार और कैंपों की तस्वीरों को भेजा गया. पुलिस को शक है कि आईडी पर लड़की के नाम से लड़का भी चैटिंग कर सकता है.

'फौजी की विदेशी महिला से हुई दोस्ती'
आपको बता दें बसई गांव निवासी रविंद्र साल 2017 में पांचवीं कुमाऊं रेजिमेंट में सिपाही पद पर भर्ती हुआ था. आरोपी की साल 2018 में अमृतसर में पोस्टिंग थी. इस दौरान ही उसकी एक विदेशी महिला से दोस्ती हुई थी. रविंद्र ने महिला को बताया कि वह सेना में अमृतसर में कार्यरत है. जिसके बाद दोनों का वीडियो कॉलिंग के जरिए भी बात होने लग गई.

'फौजी विदेशी महिला को देता था सेना से जुड़ी जानकारियां'
इतना ही नहीं महिला ने यूनिट के लोकेशन और सेना में प्रयोग होने वाली राइफल के बारे में जानकारी मांगी. आरोपी ने गूगल पर सर्च करके राइफल की फोटो महिला के पास भेजी. जिसके बाद आरोपी यूनिट के साथ अमृतसर से अरुणाचल प्रदेश के लिए रवाना हो गया. उसने इस बात की भी जानकारी महिला को भेज दी.

इतना ही नहीं सूत्रों की मानें तो विदेश से फौजी के अकाउंट में पैसे भी आते थे, आरोपी लगातार देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जगहों की जानकारी महिला को देता रहा. जैसे ही सूत्रों के अनुसार इसकी जानकारी खूफिया एजेंसियों को लगी. एजेंसियों ने पुलिस से इस जानकारी को सांझा किया.

पुलिस ने फौजी को नारनौल रेलवे स्टेशन से किया काबू
जिसके बाद पुलिस को पता चला कि सिपाही रविंद्र आठ जुलाई को पांच दिन की छुट्टी लेकर घर आ रहा है और जैसे ही नारनौल रेलवे स्टेशन पर उतरा. पुलिस ने आरोपी को चाय की दुकान से काबू किया था.

Intro:नारनौल। हनी ट्रैप में फंसे महेंद्रगढ़ के फौजी रविंद्र की तार सोशल मीडिया के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी आबू धाबी तक जुड़े हैं। रविंद्र के पास जो 5 मोबाइल नंबर संदिग्ध मिले थे, उनमें से एक नंबर अबूधाबी, तीन नंबर दिल्ली वह एक मोबाइल नंबर विदेश का है। जो तीन नंबर दिल्ली के हैं, उनका संपर्क अबूधाबी में बैठे व्यक्ति से होना आंका जा रहा है। पुलिस दिल्ली के इन नंबरों को एजेंट के रूप में देख रही है। पुलिस को आशंका है कि लड़की के नाम पर फर्जी अकाउंट बना कर लड़का भी चैटिंग कर सकता है। इस मामले में पूरी पैनी नजर रखने के लिए आर्मी से जुड़े अधिकारी व आईबी टीम भी नारनौल में गुप्त डेरा डाले हुए है।


Body: पुलिस सूत्र बताते हैं कि पुलिस से आरोपित फौजी के केस को आर्मी में भी ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके लिए सोमवार को आर्मी की ओर से अदालत में दरखास्त लगाने की तैयारी भी की जा रही है। इसी दिन आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस प्रवक्ता नरेश कुमार ने बताया कि आरोपी फौजी के तार अबूधाबी तक जुड़े हैं और अन्य विदेशी एजेंट भी उसके संपर्क में थे। व्हाट्सएप व फेसबुक पर लंबी चैटिंग का रिकॉर्ड भी मिला है, जिसमें आर्मी से जुड़े दस्तावेज और कैम्प की फोटो भेजी गई है।


Conclusion:रिमांड अवधि में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है। आरोपित फौजी के मोबाइल नंबरों के फेसबुक और व्हाट्सएप से 5 संदिग्ध नंबरों पर लंबी चैटिंग की गई है। सेना से जुड़े हथियार व कैंपों की तस्वीरों को भेजा गया है। पुलिस को यह भी शक है कि आईडी पर लड़की के नाम से लड़का भी चैटिंग कर सकता है और हो सकता है रविंद्र के साथ भी ऐसा ही हुआ हो। आपको बतादें की नारनौल सिटी पुलिस ने नारनौल रेलवे स्टेशन के पास से फौजी रविंद्र को पकड़ा था। रविंद्र पर आरोप है कि उसने मोबाइल इंटरनेट के माध्यम से भारतीय सेना से जुड़ी जानकारी व कैम्प स्थलों की फोटो विरोधी विदेशी एजेंटों को भेजी। इस आरोप के बाद पुलिस ने फौजी को पकड़कर पूछताछ शुरू कर दी थी।
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