महेंद्रगढ़ : भले ही भारत कितना भी आधुनिक हो गया हो, लेकिन देश में आज भी लोग पुरखों से चली आ रही परंपरा को निभा रहे हैं. कुछ ऐसा ही नजारा हरियाणा के (Mahendragarh city of Haryana) महेंद्रगढ़ शहर का है. दरअसल इस शहर में दीपावली के दूसरे दिन यानी गोवर्धन पूजा वाले दिन (Mahendragarh Govardhan Puja Special Food) शहर के किसी घर में भोजन नहीं बनाया जाता है. दरअसल भगवान गोवर्धन की पूजा के बाद लोग प्रसाद लेने के लिए राधाकृष्ण मंदिर पहुंचते हैं.
राधाकृष्ण मंदिर हजारों साल से इस परंपरा को निभा रहा है. शहर के अलावा आस- पास के गांव के लोग भी यहां प्रसाद ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं. लोगों की मान्यता है कि हजार साल से ऐसे ही यहां प्रसाद बांटा जा रहा है वहीं पूरे शहर में किसी भी घर में आज के दिन खाना नहीं बनाया जाता. श्रद्धालु यहां पहुंचकर प्रसाद ग्रहण करते हैं. इसके अलावा लोग प्रसाद को घर पर भी ले जाकर खाते हैं.
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राधाकृष्ण मंदिर में 2 से 3 दिन तक बड़ी-बड़ी कढाईयो में प्रसाद का निर्माण किया जाता है. इस प्रसाद को काफी प्रकार की सब्जियां और साबुत अनाज को मिलाकर तैयार किया जाता है. प्रसाद को बनाने की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें कोई एक प्रकार का प्रसाद नहीं तैयार किया जाता है मतलब पूडी या हलवा वगैरह. ये प्रसाद कई अनाजों से मिलकर बना होता है. यह पूरी तरह से स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है. ऐसा नहीं है कि केवल शहर के लोग ही यहां प्रसाद लेने के लिए पहुंचते है. बल्कि दूर- दराज से लोग भी इस प्रसाद को ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं.
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