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राजकीय PG कॉलेज महज कागजों में मॉडर्न! शिक्षकों की भारी कमी से छात्र परेशान

उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 32 कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में से नारनौल राजकीय पीजी कॉलेज को मॉडर्न स्टडी सेंटर के रूप में चयन किया है. ऐसे में कॉलेज की बदहाल स्थिति शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े कर रही है.

शिक्षकों की कमी से छात्र परेशान
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Published : Mar 19, 2019, 2:09 PM IST

महेंद्रगढ़ः नारनौल के राजकीय पीजी कॉलेज में शिक्षक स्टाफ की भारी कमी के चलते विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कॉलेज में लगभग हर विषय के स्टाफ की कमी तो है ही, लेकिन विज्ञान जैसे मुख्य विषयों का स्टाफ कम होने से छात्रों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

विभाग ने प्रदेश के 32 कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में से नारनौल राजकीय पीजी कॉलेज को मॉडर्न स्टडी सेंटर के रूप में चयन किया है. इसके अलावा राजकीय पीजी कॉलेज हिसार, राजकीय कॉलेज करनाल, राजकीय गुरुग्राम, राजकीय कॉलेज रोहतक व राजकीय कॉलेज पंचकूला शामिल है.

राजकीय पीजी कॉलेज नारनौल
  • कॉलेज रिकार्ड के अनुसार गणित के छात्रों की संख्या को देखते हुए, यहां 16 प्रवक्ताओं की आवश्यकता है. वहीं इसके लिए 13 पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान में यहां केवल पांच प्रवक्ता ही कार्यरत हैं.
  • भौतिकी विषय में छात्र संख्या को देखते हुए यहां कम से कम 16 प्रवक्ताओं की आवश्यकता है. कॉलेज में भौतिकी के 10 पर स्वीकृत हैं, जिनमें से केवल चार प्रवक्ता ही यहां कार्यरत हैं.
  • कॉलेज में अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर की कक्षाएं गत दशकों से चल रही हैं. इसके लिए कॉलेज में 12 प्रवक्ताओं की आवश्यकता है, जिसके लिए 11 पद स्वीकृत हैं. इनमें से केवल पांच पदों पर ही प्रवक्ता कार्यरत हैं. अंग्रेजी विषय के कार्यरत चार महिला प्रवक्ता लम्बी छुट्टी पर गई हुई हैं.

पिछड़े क्षेत्र में नहीं आना चाहता कोई प्रोफेसर
जानकारी के मुताबिक हरियाणा में जब भी कोई प्रवक्ता यहां आता है तो वो यहां पर पदभार ग्रहण करते ही अपना स्थानांतरण अपने घर के पास करवाने में लग जाता है. राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते दूसरे जिले से आने वाला प्रवक्ता वापस अपने मूल जिला में स्थानांतरण करवाने में सफल हो जाता है.

'उच्च अधिकारियों को भी भेजा जा चुका है पत्र'

2 महीने पहले दिया गया था दर्जा
हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग ने दो महीने पहले कॉलेज को माडर्न का दर्जा दिया था. जिसके तहत कालेज में 12 कमरे व छात्राओं के लिए एक छात्रावास बनाया जाना था. इसके लिए मामला हरियाणा के मुख्य अभियंता के पास है. जिसके पारित होने के बाद इसका एस्टीमेट बनाया जाएगा.

क्या कहते हैं प्राचार्य?
कॉलेज प्राचार्य एनएन यादव ने बताया कि स्टाफ की कमी के बारे में कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी स्टाफ की कमी को पूरा नहीं किया जा रहा है. जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है.

महेंद्रगढ़ः नारनौल के राजकीय पीजी कॉलेज में शिक्षक स्टाफ की भारी कमी के चलते विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कॉलेज में लगभग हर विषय के स्टाफ की कमी तो है ही, लेकिन विज्ञान जैसे मुख्य विषयों का स्टाफ कम होने से छात्रों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

विभाग ने प्रदेश के 32 कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में से नारनौल राजकीय पीजी कॉलेज को मॉडर्न स्टडी सेंटर के रूप में चयन किया है. इसके अलावा राजकीय पीजी कॉलेज हिसार, राजकीय कॉलेज करनाल, राजकीय गुरुग्राम, राजकीय कॉलेज रोहतक व राजकीय कॉलेज पंचकूला शामिल है.

राजकीय पीजी कॉलेज नारनौल
  • कॉलेज रिकार्ड के अनुसार गणित के छात्रों की संख्या को देखते हुए, यहां 16 प्रवक्ताओं की आवश्यकता है. वहीं इसके लिए 13 पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान में यहां केवल पांच प्रवक्ता ही कार्यरत हैं.
  • भौतिकी विषय में छात्र संख्या को देखते हुए यहां कम से कम 16 प्रवक्ताओं की आवश्यकता है. कॉलेज में भौतिकी के 10 पर स्वीकृत हैं, जिनमें से केवल चार प्रवक्ता ही यहां कार्यरत हैं.
  • कॉलेज में अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर की कक्षाएं गत दशकों से चल रही हैं. इसके लिए कॉलेज में 12 प्रवक्ताओं की आवश्यकता है, जिसके लिए 11 पद स्वीकृत हैं. इनमें से केवल पांच पदों पर ही प्रवक्ता कार्यरत हैं. अंग्रेजी विषय के कार्यरत चार महिला प्रवक्ता लम्बी छुट्टी पर गई हुई हैं.

पिछड़े क्षेत्र में नहीं आना चाहता कोई प्रोफेसर
जानकारी के मुताबिक हरियाणा में जब भी कोई प्रवक्ता यहां आता है तो वो यहां पर पदभार ग्रहण करते ही अपना स्थानांतरण अपने घर के पास करवाने में लग जाता है. राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते दूसरे जिले से आने वाला प्रवक्ता वापस अपने मूल जिला में स्थानांतरण करवाने में सफल हो जाता है.

'उच्च अधिकारियों को भी भेजा जा चुका है पत्र'

2 महीने पहले दिया गया था दर्जा
हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग ने दो महीने पहले कॉलेज को माडर्न का दर्जा दिया था. जिसके तहत कालेज में 12 कमरे व छात्राओं के लिए एक छात्रावास बनाया जाना था. इसके लिए मामला हरियाणा के मुख्य अभियंता के पास है. जिसके पारित होने के बाद इसका एस्टीमेट बनाया जाएगा.

क्या कहते हैं प्राचार्य?
कॉलेज प्राचार्य एनएन यादव ने बताया कि स्टाफ की कमी के बारे में कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी स्टाफ की कमी को पूरा नहीं किया जा रहा है. जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है.

Intro:नारनौल। राजकीय पीजी कॉलेज को उच्च शिक्षा विभाग ने मॉडर्न स्टडी सेंटर का दर्जा तो दे दिया। परंतु शिक्षक स्टाफ की भारी कमी के चलते विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य गत अनेक महीनों से बाधित हो रहा है। कॉलेज में लगभग हर विषय के स्टाफ की कमी तो है ही, लेकिन विज्ञान जैसे मुख्य विषयों का स्टाफ कम होने से छात्रों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कॉलेज में स्टाफ की यह कमी कॉलेज को माडर्न कालेज घोषित करने के बावजूद है। छात्रों में इस बात का भी भारी रोष है कि कॉलेज प्रशासन ने हरियाणा सरकार से अनेक बार उनकी समस्याओं को शिक्षा विभाग के पास रखा है, इसके बाद भी सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है।

आपको बता दे कि विभाग ने प्रदेश के 32 कॉलेज आॅफ एक्सीलेंस में से नारनौल राजकीय पीजी कॉलेज को मॉडर्न स्टडी सेंटर के रूप में चयन किया है। इसके अलावा राजकीय पीजी कॉलेज हिसार, राजकीय कॉलेज करनाल, राजकीय गुरुग्राम, राजकीय कॉलेज रोहतक व राजकीय कॉलेज पंचकूला शामिल है। परंतु इसके बावजूद कॉलेज में स्टाफ की भारी कमी है। जिसका खामियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है। पीजी करने के लिए दूर दराज के शहरों तथा गांवों से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। कालेज रिकार्ड के अनुसार गणित जैसे महत्वपूर्ण विषय में जहां छात्रों की संख्या को देखते हुए यहां 16 प्रवक्ताओं की आवश्यकता है। इसके लिए 13 पद स्वीकृत हैं। परंतु वर्तमान में यहां केवल पांच प्रवक्ता ही कार्यरत हैं तथा शेष पद खाली हैं। इस विषय में एक महिला प्रवक्ता लम्बी छुट्टी पर चल रही है। भौतिकी विषय में छात्र संख्या को देखते हुए यहां कम से कम 16 प्रवक्ताओं की आवश्यकता है। कॉलेज में भौतिकी के 10 पर स्वीकृत हैं। जिनमें से केवल चार प्रवक्ता ही यहां कार्यरत हैं। शेष पद गत वर्षों से खाली चले आ रहे हैं। कॉलेज में अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर की कक्षाएं गत दशकों से चल रही हैं। इसके लिए कॉलेज में 12 प्रवक्ताआें की आवश्यकता है, जिसके लिए 11 पद स्वीकृत हैं। इनमें से केवल पांच पदों पर ही प्रवक्ता कार्यरत हैं। अंग्रेजी विषय के कार्यरत चार महिला प्रवक्ता लम्बी छुट्टी पर गई हुई हैं।




Body:पिछड़े क्षेत्र में नहीं आना चाहता कोई प्रोफेसर

दक्षिणी हरियाणा में जब भी कोई प्रवक्ता यहां आता है तो वह यहां पर पदभार ग्रहण करते ही अपना स्थानांतरण अपने घर के पास करवाने में लग जाता है। राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते दूसरे जिले से आने वाला प्रवक्ता वापस अपने मूल जिला में स्थानांतरण करवाने में सफल हो जाता है। उक्त विषयों को कोई स्थानीय प्रवक्ता नहीं होने से यहां अनेक सालों से उक्त महत्वपूर्ण विषयों के पद खाली रहते हैं।




Conclusion:कॉलेज में बनेगा 12 कमरों का भवन व छात्रावास

हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग ने दो मास पहले कॉलेज को माडर्न का दर्जा दिया था। जिसके तहत कालेज में 12 कमरे व छात्राओं के लिए एक छात्रावास बनाया जाना था। इसके लिए मामला हरियाणा के मुख्य अभियंता के पास है। जिसके पारित होने के बाद इसका एस्टीमेट बनाया जाएगा। बाद में इसे लोकनिर्माण विभाग द्वारा बनाया जाएगा। वर्तमान में कालेज में दूर दराज से आकर शिक्षा ग्रहण करने वाली छात्राएं शहर में अपने रिस्क पर रह रही है। छात्रावास बनने के बाद काफी सहूलियत होगी।

क्या कहते है प्राचार्य

कॉलेज प्राचार्य एनएन यादव ने बताया कि स्टाफ की कमी के बारे में कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है। परंतु इसके बाद भी स्टाफ की कमी को पूरा नहीं किया जा रहा है। जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है।

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