महेंद्रगढ़ः नारनौल के राजकीय पीजी कॉलेज में शिक्षक स्टाफ की भारी कमी के चलते विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कॉलेज में लगभग हर विषय के स्टाफ की कमी तो है ही, लेकिन विज्ञान जैसे मुख्य विषयों का स्टाफ कम होने से छात्रों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
विभाग ने प्रदेश के 32 कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में से नारनौल राजकीय पीजी कॉलेज को मॉडर्न स्टडी सेंटर के रूप में चयन किया है. इसके अलावा राजकीय पीजी कॉलेज हिसार, राजकीय कॉलेज करनाल, राजकीय गुरुग्राम, राजकीय कॉलेज रोहतक व राजकीय कॉलेज पंचकूला शामिल है.
- कॉलेज रिकार्ड के अनुसार गणित के छात्रों की संख्या को देखते हुए, यहां 16 प्रवक्ताओं की आवश्यकता है. वहीं इसके लिए 13 पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान में यहां केवल पांच प्रवक्ता ही कार्यरत हैं.
- भौतिकी विषय में छात्र संख्या को देखते हुए यहां कम से कम 16 प्रवक्ताओं की आवश्यकता है. कॉलेज में भौतिकी के 10 पर स्वीकृत हैं, जिनमें से केवल चार प्रवक्ता ही यहां कार्यरत हैं.
- कॉलेज में अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर की कक्षाएं गत दशकों से चल रही हैं. इसके लिए कॉलेज में 12 प्रवक्ताओं की आवश्यकता है, जिसके लिए 11 पद स्वीकृत हैं. इनमें से केवल पांच पदों पर ही प्रवक्ता कार्यरत हैं. अंग्रेजी विषय के कार्यरत चार महिला प्रवक्ता लम्बी छुट्टी पर गई हुई हैं.
पिछड़े क्षेत्र में नहीं आना चाहता कोई प्रोफेसर
जानकारी के मुताबिक हरियाणा में जब भी कोई प्रवक्ता यहां आता है तो वो यहां पर पदभार ग्रहण करते ही अपना स्थानांतरण अपने घर के पास करवाने में लग जाता है. राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते दूसरे जिले से आने वाला प्रवक्ता वापस अपने मूल जिला में स्थानांतरण करवाने में सफल हो जाता है.
2 महीने पहले दिया गया था दर्जा
हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग ने दो महीने पहले कॉलेज को माडर्न का दर्जा दिया था. जिसके तहत कालेज में 12 कमरे व छात्राओं के लिए एक छात्रावास बनाया जाना था. इसके लिए मामला हरियाणा के मुख्य अभियंता के पास है. जिसके पारित होने के बाद इसका एस्टीमेट बनाया जाएगा.
क्या कहते हैं प्राचार्य?
कॉलेज प्राचार्य एनएन यादव ने बताया कि स्टाफ की कमी के बारे में कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी स्टाफ की कमी को पूरा नहीं किया जा रहा है. जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है.