कुरुक्षेत्र: पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर अब उत्तर भारत में भी देखने को मिल रहा है. ठंड की दस्तक के साथ अब किसान गेहूं की फसल की बिजाई में व्यस्त हो गए हैं. एक तरफ बढ़ती ठंड गेहूं के किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है तो दूसरी तरफ बागवानी करने वाले किसानों के लिए ये ठंड नुकसानदायक साबित हो रही है.
अनिल, भूषण और प्रशांत नाम के किसानों ने उम्मीद जताई कि इस बार गेहूं की पैदावार अच्छी होगी. क्योंकि पहले के मुकाबले इस बार ठंड अच्छी हो रही है. किसानों ने कहा कि बागवानी के लिए ये नुकसानदायक भी साबित होगी.
सूबे में 3 दिन पहले हुई ओलावृष्टि ने ठंड के स्तर को और बढ़ा दिया है. जो बागवानी करने वाले किसानों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. बैंगन और गोभी की फसल को अगर छोड़ दिया जाए तो सभी सब्जियों के लिए ये बढ़ती ठंड ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकती है. जैसे-जैसे पारा गिरेगा वैसे-वैसे गेहूं की अच्छी पैदावार होने का चांस बढ़ता जाएगा.
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कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 20 नवंबर तक गेहूं की बिजाई का सीजन होता है. उसके बाद जनवरी में लगने वाली कुछ नस्लें कम समय में जल्दी तैयार हो जाती हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों के ठंड को लेकर भी सचेत किया है. ताकि किसान बढ़ती ठंड से सब्जियों को होने वाले नुकसान से बचा सके. इसके साथ ही किसानों को विभाग ने गेहूं की बिजाई भी जल्द से जल्द करने की अपील की है. ताकि इस पैदावार और अच्छी हो सके.