कुरुक्षेत्र: मंगलवार को साल आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) है. सूर्य ग्रहण 2022 को लेकर कुरुक्षेत्र में मेले का आयोजन किया जाता है. आज हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित इस मेले में श्रद्धालुओं का पहुंचना भी शुरू हो चुका है. वहीं मेले के चलते प्रशासन ने भी पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं. जिला प्रशासन की ओर से दस लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा (Surya Grahan fair in kurukshetra) है.
मेले में सुरक्षा के चलते पांच हजार पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जो मेले की व्यवस्था सहित जिले में यातायात की व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं. साथ ही 370 सीसीटीवी और करीब 17 ड्रोन कैमरे से मेले में चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है. सूर्य ग्रहण 2022 मेले को 20 सेक्टर में बांटा गया है. सभी सेक्टर्स में नियुक्त ड्यूटी मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 400 बस व निशुल्क ई-रिक्शा चलाया जा रहा है.
सूर्य ग्रहण के दिन कुरुक्षेत्र में कुछ ट्रेनों का भी विशेषतौर पर ठहराव रहेगा. जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी न हो. सूर्य ग्रहण का समय 4:27 मिनट से शुरू होकर 5:39 मिनट तक रहेगा. वहीं यह भी बता दें कि नागा साधुओं के शाही स्नान से ही ग्रहण स्नान शुरू किया जाएगा. नागा साधु सबसे पहले ब्रह्मसरोवर के युधिष्ठिर घाट पर शाही स्नान (Brahma Sarovar snan in Kurukshetra)) करेंगे.
जाम की समस्या न बने इसलिए आज कुरुक्षेत्र में सभी बाहरी वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा. सोमवार से ही रूट को डायवर्ट कर दिया गया है. वहीं ब्रह्मसरोवर में स्नान करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को लेकर पंडित राकेश गोस्वामी ने बताया कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर में डुबकी लगाने से अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है. शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय सभी देवी-देवता कुरुक्षेत्र में मौजूद रहते हैं और ब्रह्मसरोवर में स्नान (Importance of Brahma Sarovar snan in Kurukshetra) करते हैं.
मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और मनुष्य जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है. कुरुक्षेत्र के आसपास या नजदीकी शहरों में कोई हवाई अड्डा नहीं है. इसलिए ब्रह्मसरोवर कुरुक्षेत्र में पहुंचने के लिए बस, रेल या फिर अपने वाहनों से ही संभव है. दिल्ली से कुरुक्षेत्र 160 किलोमीटर है. श्रद्धालु ट्रेन के माध्यम से कुरुक्षेत्र जंक्शन पर पहुंच सकते हैं. यह रेलवे स्टेशन दिल्ली-अंबाला रेलवे लाइन पर स्थित है.
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भिवानी में बंद हुए मंदिरों के कपाट: सूर्य ग्रहण के चलते सूतक काल शुरू हो चुका है. वहीं सूतक काल शुरू होने के बाद सभी मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए. इसके बाद संंतों और पुजारियों ने भजन और मंत्रोच्चार करना शुरू कर दिया. छोटी कांशी के नाम से प्रसिद्ध भिवानी के मंदिरों में संतों, श्रद्धालुओं और महिलाओं ने हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा का पाठ, सुंदरकांड, गायत्री महामंत्र, हनुमान अष्टक का पाठ किया. जिससे कि देश और दुनिया में सूर्य ग्रहण का बुरा असर न पड़े.