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शाहबाद में 32 दिन की मां-बेटे के धरने के बाद शुगर मिल ने दी नौकरी - Sugar mill mother son protest

कुरुक्षेत्र में नौकरी की मांग को लेकर धरने पर बैठे मां-बेटे की जीत हुई है. शुगर मिल ने धरने पर बैठे परिवार में से युवती को ज्वाइनिंग लेटर दिया है.

suger mill give joining latter in shahbad
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Published : Mar 16, 2020, 11:10 AM IST

कुरुक्षेत्र: नौकरी की मांग को लेकर शाहबाद शुगर मिल के बाहर धरने पर बैठे मां-बेटे की जीत हुई है. आखिरकार शुगर मिल ने धरने पर बैठे परिवार की बेटी के नाम ज्वाइनिंग लेटर दे दिया है.

शाहबाद में 32 दिन की मां-बेटे के धरने के बाद शुगर मिल ने दी नौकरी, देखें वीडियो

शाहाबाद सहकारी चीनी मिल के गेट पर एक्सग्रेशिया के तहत नौकरी की मांग को लेकर 12 फरवरी से अनिश्चिकालीन धरने पर बैठे थे. 32 दिन के धरने के बाद मिल प्रशासन ने मां-बेटे की आवाज सुनी और सुनीता रानी को उसकी बेटी के नाम पर ज्वाइनिंग लेटर दिया.

मां सुनीता और बेटा अजय 32 दिन से धरने पर डटे थे और बारिश और सर्दी में भी इन्होंने धरने को विराम नहीं दिया. इस दौरान सुनीता रानी की हालत खराब भी हुई, लेकिन दोनों ने हौसला नहीं छोड़ा. ये धरना कुछ दिनों तक सुबह नौ बजे से सायं पांच बजे तक चलता रहा, लेकिन 22 दिनों के बाद मां-बेटे ने इस धरने को 24 घंटे में तब्दील कर दिया था.

ये भी जानें- रेवाड़ीः मास्क और सेनेटाइजर की कालाबाजारी के आरोप में मेडिकल स्टोर सील

आपको बता दें कि अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे अजय कुमार और उसकी मां सुनीता रानी ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शाहाबाद शुगर मिल पर लागू अनुकंपा सहायता नियम 2005 के तहत नौकरी दिलाने या इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी थी. अजय ने बताया कि उसके पिता की ड्यूटी के दौरान सात फरवरी 2011 को मृत्यु हो गई थी. उस समय शाहाबाद सहकारी चीनी मिल पर एक्सग्रेशिया पॉलिसी 2005 लागू थी.

शाहाबाद सहकारी चीनी मिल ने प्रदेश सरकार की 2006 की पॉलिसी नहीं मानी थी. अजय ने कहा कि उनके घर पर मिल की तरफ से पत्र और फार्म मिला था, जिसमें कहा गया था कि फॉर्म को जल्दी भर कर भेजें, ताकि उन्हें पांच लाख रुपये दिए जा सकें, लेकिन फॉर्म में नौकरी का कहीं जिक्र नहीं था. जिस पर उन्होंने मिल से मांग की कि अगर एक्सग्रेशिया में नौकरी का प्रावधान नहीं है तो 2006 के तहत उन्हें प्रतिमाह वेतन दिया जाए.

अजय ने अपनी इस जीत की खुशी को जाहिर कर ने कहा कि आज मिल ने उनकी मांग को मान लिया है, इसके लिए वह एमडी सुशील कुमार का आभार व्यक्त किया.

कुरुक्षेत्र: नौकरी की मांग को लेकर शाहबाद शुगर मिल के बाहर धरने पर बैठे मां-बेटे की जीत हुई है. आखिरकार शुगर मिल ने धरने पर बैठे परिवार की बेटी के नाम ज्वाइनिंग लेटर दे दिया है.

शाहबाद में 32 दिन की मां-बेटे के धरने के बाद शुगर मिल ने दी नौकरी, देखें वीडियो

शाहाबाद सहकारी चीनी मिल के गेट पर एक्सग्रेशिया के तहत नौकरी की मांग को लेकर 12 फरवरी से अनिश्चिकालीन धरने पर बैठे थे. 32 दिन के धरने के बाद मिल प्रशासन ने मां-बेटे की आवाज सुनी और सुनीता रानी को उसकी बेटी के नाम पर ज्वाइनिंग लेटर दिया.

मां सुनीता और बेटा अजय 32 दिन से धरने पर डटे थे और बारिश और सर्दी में भी इन्होंने धरने को विराम नहीं दिया. इस दौरान सुनीता रानी की हालत खराब भी हुई, लेकिन दोनों ने हौसला नहीं छोड़ा. ये धरना कुछ दिनों तक सुबह नौ बजे से सायं पांच बजे तक चलता रहा, लेकिन 22 दिनों के बाद मां-बेटे ने इस धरने को 24 घंटे में तब्दील कर दिया था.

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आपको बता दें कि अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे अजय कुमार और उसकी मां सुनीता रानी ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शाहाबाद शुगर मिल पर लागू अनुकंपा सहायता नियम 2005 के तहत नौकरी दिलाने या इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी थी. अजय ने बताया कि उसके पिता की ड्यूटी के दौरान सात फरवरी 2011 को मृत्यु हो गई थी. उस समय शाहाबाद सहकारी चीनी मिल पर एक्सग्रेशिया पॉलिसी 2005 लागू थी.

शाहाबाद सहकारी चीनी मिल ने प्रदेश सरकार की 2006 की पॉलिसी नहीं मानी थी. अजय ने कहा कि उनके घर पर मिल की तरफ से पत्र और फार्म मिला था, जिसमें कहा गया था कि फॉर्म को जल्दी भर कर भेजें, ताकि उन्हें पांच लाख रुपये दिए जा सकें, लेकिन फॉर्म में नौकरी का कहीं जिक्र नहीं था. जिस पर उन्होंने मिल से मांग की कि अगर एक्सग्रेशिया में नौकरी का प्रावधान नहीं है तो 2006 के तहत उन्हें प्रतिमाह वेतन दिया जाए.

अजय ने अपनी इस जीत की खुशी को जाहिर कर ने कहा कि आज मिल ने उनकी मांग को मान लिया है, इसके लिए वह एमडी सुशील कुमार का आभार व्यक्त किया.

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