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लाडवा अनाज मंडी में पहुंची सलेहरी औषधि, विदेशों में भारी मांग

एशिया की प्रसिद्ध अनाज मंडी लाडवा में सलेहरी औषधियों की आवक शुरू हो गई है. हरियाणा,पंजाब और राजस्थान के किसानों द्वारा ये फसल उगाई जाती है और जिसकी बिक्री केवल देश की 2 अनाज मंडियों में ही होती है.

नाज मंडी में पहुंची सलेहरी की फसल.
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Published : Jun 3, 2019, 3:36 AM IST

कुरुक्षेत्र: सलेहरी की बिक्री देश की जिन दो अनाज मंडियों में होती है वो हैं कुरुक्षेत्र की लाडवा और अमृतसर की अनाज मंडी. इन दोनों मंडियों में इस फसल की आवक शुरू हो गई है.


कुरूक्षेत्र की लाडवा मंडी में फसल लेकर आये पंजाब के एक किसान ने बताया कि सलेहरी की फसल की पैदावार एक एकड़ में लगभग 7 से 8 किवंटल है और इसका भाव 7800 से 8000 रुपये प्रति किवंटल है.

क्लिक कर देखें वीडियो.

कैसे की जाती सलेहरी की खेती?
किसान हरजीत ने बताया कि सलेहरी के बीज को खेत मे सिर्फ एक बार ही डाला दिया जाता है और उसके बाद ये फसल अपने आप बार-बार खेत मे उगना शुरू हो जाती है ओर कटाई के बाद जब खेत मे दूसरी फसल उगाई जाती है तो उसके साथ ही ये फसल दुबार खुद ब खुद उग जाती है. सलेहरी की फसल पर किसी कीटनाशकों का प्रयोग भी नहीं करना पड़ता है.


बता दें कि सलेहरी का इस्तेमाल कई प्रकार की दवाईयों में भी किया जाता है तासिर गर्म होने के चलते सलेहरी की अधिक ठंड वाले देशों में भी है. इस ओषधि का उपयोग दूसरे देशों में पैकेट फूड को लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए किया जाता है.

कुरुक्षेत्र: सलेहरी की बिक्री देश की जिन दो अनाज मंडियों में होती है वो हैं कुरुक्षेत्र की लाडवा और अमृतसर की अनाज मंडी. इन दोनों मंडियों में इस फसल की आवक शुरू हो गई है.


कुरूक्षेत्र की लाडवा मंडी में फसल लेकर आये पंजाब के एक किसान ने बताया कि सलेहरी की फसल की पैदावार एक एकड़ में लगभग 7 से 8 किवंटल है और इसका भाव 7800 से 8000 रुपये प्रति किवंटल है.

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कैसे की जाती सलेहरी की खेती?
किसान हरजीत ने बताया कि सलेहरी के बीज को खेत मे सिर्फ एक बार ही डाला दिया जाता है और उसके बाद ये फसल अपने आप बार-बार खेत मे उगना शुरू हो जाती है ओर कटाई के बाद जब खेत मे दूसरी फसल उगाई जाती है तो उसके साथ ही ये फसल दुबार खुद ब खुद उग जाती है. सलेहरी की फसल पर किसी कीटनाशकों का प्रयोग भी नहीं करना पड़ता है.


बता दें कि सलेहरी का इस्तेमाल कई प्रकार की दवाईयों में भी किया जाता है तासिर गर्म होने के चलते सलेहरी की अधिक ठंड वाले देशों में भी है. इस ओषधि का उपयोग दूसरे देशों में पैकेट फूड को लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए किया जाता है.

Intro:एशिया की प्रसिद्ध अनाज मंडी लाडवा में सलेहरी औषधियों की आवक शुरू हो गई है हरियाणा,पंजाब राजस्थान के किसानों द्वारा यह फसल उगाई जाती है और जिसकी बिक्री केवल भारत देश की 2 अनाज मंडियों में ही होती है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र के जिले की अनाज मंडी में इसकी बिक्री होती है और पंजाब के अमृतसर जिले में इसकी ओषधि की फसल की बिक्री होती है।

कुरूक्षेत्र की लाडवा मंडी में फसल लेकर आये पंजाब के एक किसान ने बताया कि सलेहरी की फसल की पैदावार एक एकड़ में लगभग 7 से 8 किवंटल है और इसका भाव 7800 से 8000 रुपये प्रति किवंटल है।

कैसे की जाती सलेहरी की खेती।

किसान हरजीत ने बताया कि सलेहरी के बीज को खेत मे सिर्फ एक बार ही डाला दिया जाता है और उसके बाद यह फसल अपने आप बार बार खेत मे उगना शुरू हो जाती है ओर कटाई के बाद जब खेत मे दूसरी फसल उगाई जाती है तो उसके साथ ही यह फसल दुबार खुद ब खुद उग जाती है और बड़ी बात इस सलेहरी कि फसल पर किसी कीटनाशक का प्रयोग नही करना पड़ता।

बता दे कि सलेहरी का इस्तेमाल कई प्रकार की दवाईयों में भी किया जाता है तासिर गर्म होने के चलते सलेहरी अधिक ठंड वाले देशो में किया जाता है इस ओषधि उपयोग दूसरे देशों में पैकेट फ़ूड को लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए किया जाता है।
बाईट:-हरजीत किसान
वन 2 वन एक्सपोर्टर सूबे सिंह


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