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कुरुक्षेत्र सांस्कृतिक राजधानी के रूप में बना रहा अपनी पहचान- मुख्यमंत्री - मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar lal khattar) रविवार को गीता ज्ञान संस्थानम् केन्द्र में पहुंचे. इस दौरान सीएम ने कहा कि कुरुक्षेत्र सांस्कृतिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है.

Manohar lal khattar in Gita Mahotsav
Manohar lal khattar in Gita Mahotsav
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Published : Dec 12, 2021, 8:40 PM IST

कुरुक्षेत्र: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar lal khattar) रविवार को गीता ज्ञान संस्थानम् केन्द्र में (Gita Mahotsav in Kurukshetra) पहुंचे. यहां पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द, बाल योगी उमेश नाथ महाराज उज्जैन से मिले और काफी देर बातचीत की. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कुरुक्षेत्र सांस्कृतिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है. इस धरा से ही हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश देकर पूरी दुनिया को ज्ञान देने का काम किया है.

सीएम ने कहा कि इस ज्ञान को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिये ही सरकार की तरफ से एक छोटे से कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को स्वरूप दिया गया. अहम पहलू ये है कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 में एक महाकुंभ की तरह आयोजन करने के लिये एक समन्वय कमेटी बनाई जायेगी. इस समन्वय कमेटी में कुरुक्षेत्र ही नहीं पूरे प्रदेश की समाज सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा.

ये भी पढ़ें- भिवानी में गीता जयंती समारोह का हुआ आगाज, कृषि मंत्री जेपी दलाल ने की शिरकत

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता जयंती को एक छोटे से स्तर पर मनाया जाता था, लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद वर्ष 2016 से इस महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का एक बड़ा स्वरूप दिया गया. उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र के तीर्थ स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है. इस धरा को एक तीर्थ स्थल के रूप में सरकार विकसित करने का काम कर रही है.

सीएम खट्टर ने कहा कि इस बार छठा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया जा रहा है. इस महोत्सव के साथ करीब 10 देशों के लोग जुड़े हुए हैं. इस महोत्सव में सरस और शिल्प मेला 19 दिसम्बर तक लगेगा और मुख्य मंचीय कार्यक्रम 9 से 14 दिसम्बर तक चलेंगे. इस 18 दिन के महोत्सव में संत सम्मेलन, वैश्विक गीता पाठ, दीपोत्सव और संध्य कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केन्द्र रहेंगे. पिछले महोत्सव में करीब 25 लाख लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की थी, लेकिन कोविड के बाद इस महोत्सव में उतनी भीड़ तो नहीं होगी फिर भी लाखों की संख्या में लोग पहुंचेंगे.

ये भी पढ़ें- गीता जयंती में आकर्षण का केंद्र बने जंगम जोगी साधु, हाथ में नहीं लेते दान, बस करते हैं शिव का गुणगान

उन्होंने कहा कि महोत्सव में आने वाले लोग अच्छे कार्यक्रम देखकर उत्साहित हो रहे हैं और यहां से अध्यात्मिक और धार्मिक कार्यक्रमों से गीता का सार अपने साथ लेकर जा रहे हैं. इस महोत्सव को लोगों को महोत्सव बनाने के लिये आने वाले वर्ष में एक समन्वय कमेटी बनाई जायेगी. इस कमेटी में कुरुक्षेत्र के साथ-साथ हरियाणा की संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा और इस महोत्सव को एक महाकुंभ की तर्ज पर मनाया जायेगा.

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कुरुक्षेत्र: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar lal khattar) रविवार को गीता ज्ञान संस्थानम् केन्द्र में (Gita Mahotsav in Kurukshetra) पहुंचे. यहां पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द, बाल योगी उमेश नाथ महाराज उज्जैन से मिले और काफी देर बातचीत की. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कुरुक्षेत्र सांस्कृतिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है. इस धरा से ही हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश देकर पूरी दुनिया को ज्ञान देने का काम किया है.

सीएम ने कहा कि इस ज्ञान को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिये ही सरकार की तरफ से एक छोटे से कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को स्वरूप दिया गया. अहम पहलू ये है कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 में एक महाकुंभ की तरह आयोजन करने के लिये एक समन्वय कमेटी बनाई जायेगी. इस समन्वय कमेटी में कुरुक्षेत्र ही नहीं पूरे प्रदेश की समाज सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा.

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता जयंती को एक छोटे से स्तर पर मनाया जाता था, लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद वर्ष 2016 से इस महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का एक बड़ा स्वरूप दिया गया. उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र के तीर्थ स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है. इस धरा को एक तीर्थ स्थल के रूप में सरकार विकसित करने का काम कर रही है.

सीएम खट्टर ने कहा कि इस बार छठा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया जा रहा है. इस महोत्सव के साथ करीब 10 देशों के लोग जुड़े हुए हैं. इस महोत्सव में सरस और शिल्प मेला 19 दिसम्बर तक लगेगा और मुख्य मंचीय कार्यक्रम 9 से 14 दिसम्बर तक चलेंगे. इस 18 दिन के महोत्सव में संत सम्मेलन, वैश्विक गीता पाठ, दीपोत्सव और संध्य कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केन्द्र रहेंगे. पिछले महोत्सव में करीब 25 लाख लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की थी, लेकिन कोविड के बाद इस महोत्सव में उतनी भीड़ तो नहीं होगी फिर भी लाखों की संख्या में लोग पहुंचेंगे.

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उन्होंने कहा कि महोत्सव में आने वाले लोग अच्छे कार्यक्रम देखकर उत्साहित हो रहे हैं और यहां से अध्यात्मिक और धार्मिक कार्यक्रमों से गीता का सार अपने साथ लेकर जा रहे हैं. इस महोत्सव को लोगों को महोत्सव बनाने के लिये आने वाले वर्ष में एक समन्वय कमेटी बनाई जायेगी. इस कमेटी में कुरुक्षेत्र के साथ-साथ हरियाणा की संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा और इस महोत्सव को एक महाकुंभ की तर्ज पर मनाया जायेगा.

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