कुरूक्षेत्र: कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ने कई कलाकारों को अपनी कला का प्रर्दशन करने का सशक्त मंच प्रदान किया है. कैदियों को भी अपनी कला प्रदर्शित करने का मौका मिला है. कैदियों की कलाकारी को लोग खूब पसंद कर रहे हैं और तारीफ भी कर रहे हैं.
कैदियों की कला का प्रदर्शन: अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में कैदियों की कलाकृति का भी प्रदर्शन किया गया है. राज्य के आठ जिले के जेलों के कैदियों की कलाकृति दिखायी जा रही है. कैदियों की कलाकारी को लोग खूब पसंद कर रहे हैं. इन कैदियों ने अपने हाथों से अलग-अलग तरह की कलाकृति बनायी है. पर्यटक कैदियों की कलाकृति की खूब तारीफ कर रहे हैं. पर्यटक राजेश का कहना है कि जेल में बंद कैदियों के द्वारा यहां पर जो भी सामान की प्रदर्शनी लगाई गई है वो काफी अच्छी है और उनकी गुणवत्ता भी काफी अच्छी है. अगर हम कहीं बाहर की दुकान या शोरूम से लेते तो वहां पर ज्यादा कीमत है जबकि यहां पर कीमत कम है. राजेश ने जेल विभाग की पहल का भी स्वागत किया.
कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश: कुरुक्षेत्र जेल के हेड वार्डन लोकेश कुमार ने बताया कि पिछले पांच साल से जेल विभाग द्वारा स्टॉल लगाया जा रहा है. ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब कैदी अपनी सजा खत्म कर जेल से बाहर जाएं तब खुद को आत्मनिर्भर बना सके. जेल से बाहर निकलने के बाद वे अपने हुनर को और निखार सकें और अपना जीविकोपार्जन कर सके. काम में व्यस्त रहने से उनका आत्मविश्वास भी बना रहता है. लोकेश ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर कैदियों के द्वारा बनाए गए सामान की जो प्रदर्शनी लगाई है उससे जो भी पैसा आता है उसे जेल विभाग अपने पास न रखकर कैदियों के उत्थान के काम में लगाता है. जिससे जेल में रहने के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या ना हो और उनको खाने से लेकर रहने तक की सही सुविधा उपलब्ध कराई जाए.