कुरुक्षेत्र: हरियाणा के किसानों को धान की फसल को लेकर काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. धान की खरीद को लेकर पिछले कई-कई दिनों से किसान मंडियों में पड़े हुए हैं लेकिन उनका धान नहीं बिक रहा है.
इसका जायजा लेने के ईटीवी भारत की टीम कुरुक्षेत्र की अनाज मंडी पहुंची और किसानों से जानने की कोशिश की कि क्या उनको मंडी में फसल का उचित दाम मिल रहा है और प्रशासन की ओर से उनको क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं.
MSP से कम में धान की खरीद
वहां मौजूद किसानों ने मंडी की बदहाली के बारे में बताया. किसानों का कहना है कि सरकार चुनाव के समय में बड़े-बड़े वायदे करती है और खुद किए हुए वादे को तोड़ देती है. किसानों ने कहा कि 1121 किस्म के धान की आवक मंडियों में है. पिछले कई सालों से इस धान की कीमत बाजार में 34 सौ रुपये से लेकर 35 सौ रुपये क्विंटल मिल रही थी लेकिन मंडियों में किसानों को इस बार मात्र 27 सौ रुपये से लेकर 28 सौ तक ही मिल रहे हैं. इस निराशाजनक रेट को लेकर भी किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
धान गीला बता कर परेशान कर रहे आढ़ती
किसानों ने बताया कि आढ़ती और कंपनियां उनके धान की जो बोली लगाती है उसमें पहले कंपनिंया अक्सर धान को गीला बताकर रिजेक्ट कर देती हैं. जो रेट मंडी दे रही है उससे लागत भी नहीं निकल पा रही. ऊपर से मंडी में कई-कई दिन से किसान पड़े हैं. किसान के लिए मंडियों की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई. पूरी-पूरी रात किसान खुले में पड़े रहते हैं.
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धान बेचने के लिए मजबूर किसान
किसानों का कहना है कि हमें अपने धान मजबूरी में बेचने पड़ रहे हैं, किसानों के पास इतने संसाधन नहीं हैं, जिससे कि वो अपनी अगली फसल तैयार कर सकें. मजबूरन उनको ओने पौने दामों पर धान की फसल बेचनी पड़ रही है.
कैसे होगी किसान की आय दो गुनी?
एक ओर सरकार दावा कर रही है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देगी, लेकिन इन हालातों को देखकर नहीं लगता कि किसानों की आय दो गुनी होगी. किसानों को न तो उनकी फसल का उचित दाम मिल पा रहा है और न ही सरकार उनकी कोई मदद कर रही है.