कुरुक्षेत्र: इन दिनों उत्तर भारत में रुक-रुक कर होने वाली बरसात किसानों के लिए एक बड़ी आफत बनती जा रही है. बेमौसमी बरसात ने किसानों की चिंता और भी बढ़ा दिया है. उत्तर भारत में तैयार खड़ी लाखो एकड़ गेहूं की फसल को इस बरसात ओर तेज़ हवाओ ने गिरा दिया है.
बता दें कि ये वक्त गेहूं की फसल के लिए दाना तैयार करने का होता है और जमीन पर गिरने से फसल में दाना बहुत ही कम बनेगा जिससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है. गेहूं की फसल की नहीं बल्कि बागवानी करने वाले किसानों को भी लगातार चल रही इस बरसात से होने वाले नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
टमाटर, आलू, लौकी, तोरी की फसलों पर भी इस बरसात का काफी अधिक प्रभाव पड़ेगा. हर बारिश के साथ ओलावृष्टि भी खेतों में लगभग पक कर तैयार हो चुकी सरसों की फसल का भी दाना झड़ चुका है. किसानों का कहना है कि इस बात बारिश अधिक होने के कारण खेतों की पैदावार आधी रह जाएगी.
किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश की वजह से 1 एकड़ की इस बरसात से पैदावार 20 क्विंटल प्रति एकड़ रह जाएगी. कई हिस्सों में जलभराव की किसी के कारण ओर कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति के कारण सब्जियों की फसल खेतों में ही सड़ चुकी है.
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