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गीता जयंती महोत्सव में कानपुर के स्टॉल की धूम, जूट की मूर्तियां बनी आर्कषण का केंद्र

गीता जयंती महोत्सव में स्टॉल संचालक रंजना ने बताया कि वो यहां पहली बार आई हैं. रंजना के मुताबिक मूर्तियों की खासियत ये है कि ये मूर्तियां जूट और साइकिल के रिम से निकली तारों से तैयार की गई हैं.

Geeta Jayanti Festival Kurukshetra
गीता जयंती महोत्सव में कानपुर के स्टॉल की धूम
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Published : Nov 29, 2019, 11:58 PM IST

कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 2019 में कानपुर के हस्त कलाकार की बनाई गई मूर्तियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. हाथों से बनी हुई मूर्तियां लोगों को पसंद आ रही हैं. गीता जयंती महोत्सव में उत्तर प्रदेश के कानपुर का स्टॉल लगा है. इस स्टॉल में बनी मूर्तियां लोगों को खूब भा रही हैं.

कानपुर की स्टॉल चर्चा का विषय
स्टॉल संचालक रंजना ने बताया कि वो यहां पहली बार आई है. मूर्तियों की खासियत ये है कि ये मूर्तियां जूट और साइकिल के रिम से निकली तारों से तैयार की गई हैं. रंजना के परिवार के सभी सदस्य मूर्ति बनाते हैं. इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रंजना के परिवार को दो बार सम्मानित भी कर चुके हैं.

गीता जयंती महोत्सव में कानपुर के स्टॉल की धूम, देखें वीडियो

जूट से बनी मूर्तियों को पसंद कर रहे हैं लोग
रंजना के मुताबिक इन्हीं मूर्तियों की वजह से उनका रोजगार चलता है. पीढ़ी दर पीढ़ी वो मूर्ति बनाने के काम को करते आ रहे हैं. रंजना सरस मेले के लिए स्पेशल मूर्तियां बनाकर लाई हैं. इन्में राधा कृष्ण और मीरा की मूर्तियां विशेष हैं. ये मूर्तियां लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं.

ये भी पढ़ें- सांसद बृजेंद्र सिंह ने उठाया हरियाणा में पड़ोसी राज्यों की धान बिक्री का मुद्दा, केंद्रीय मंत्री से की जांच की मांग

एक मूर्ति को बनाने में लगता है पूरा दिन
रंजना ने बताया कि एक मूर्ति को बनाने में लगभग पूरा 1 दिन लग जाता है और उसका पूरा परिवार ही मूर्तियां बनाता है. रंजना ने मेले में अपनी मूर्तियों की कीमत ₹200 से लेकर ₹800 तक की रखी है. जैसे-जैसे मेले में भीड़ बढ़ रही है. वैसे ही उन्हें मुनाफा भी हो रहा है.

कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 2019 में कानपुर के हस्त कलाकार की बनाई गई मूर्तियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. हाथों से बनी हुई मूर्तियां लोगों को पसंद आ रही हैं. गीता जयंती महोत्सव में उत्तर प्रदेश के कानपुर का स्टॉल लगा है. इस स्टॉल में बनी मूर्तियां लोगों को खूब भा रही हैं.

कानपुर की स्टॉल चर्चा का विषय
स्टॉल संचालक रंजना ने बताया कि वो यहां पहली बार आई है. मूर्तियों की खासियत ये है कि ये मूर्तियां जूट और साइकिल के रिम से निकली तारों से तैयार की गई हैं. रंजना के परिवार के सभी सदस्य मूर्ति बनाते हैं. इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रंजना के परिवार को दो बार सम्मानित भी कर चुके हैं.

गीता जयंती महोत्सव में कानपुर के स्टॉल की धूम, देखें वीडियो

जूट से बनी मूर्तियों को पसंद कर रहे हैं लोग
रंजना के मुताबिक इन्हीं मूर्तियों की वजह से उनका रोजगार चलता है. पीढ़ी दर पीढ़ी वो मूर्ति बनाने के काम को करते आ रहे हैं. रंजना सरस मेले के लिए स्पेशल मूर्तियां बनाकर लाई हैं. इन्में राधा कृष्ण और मीरा की मूर्तियां विशेष हैं. ये मूर्तियां लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं.

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एक मूर्ति को बनाने में लगता है पूरा दिन
रंजना ने बताया कि एक मूर्ति को बनाने में लगभग पूरा 1 दिन लग जाता है और उसका पूरा परिवार ही मूर्तियां बनाता है. रंजना ने मेले में अपनी मूर्तियों की कीमत ₹200 से लेकर ₹800 तक की रखी है. जैसे-जैसे मेले में भीड़ बढ़ रही है. वैसे ही उन्हें मुनाफा भी हो रहा है.

Intro:अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2019 में कानपुर के हस्त कलाकार द्वारा बनाई गई छोटी छोटी मूर्तियां बनी आकर्षक का केंद्र

कानपुर से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में अपनी कला द्वारा बनाई गई मूर्तियां लेकर फौजी रंजना ने बताया कि वह यहां पहली बार आई है और उनके द्वारा जो मूर्तियां बनाई गई है वह जूट साइकिल के रिम से निकली तारों से तैयार की गई है और अपनी कला को दिखाते हुए उन्होंने बताया कि उसके परिवार के सभी सदस्य यह कार्य करते हैं और वह उत्तर प्रदेश सरकार से दो बार सम्मानित भी हो चुकी है और इन्हीं मूर्तियों से वह अपना पालन पोषण भी करते हैं और यहां इन मूर्तियों को काफी पसंद किया जा रहा है और वह स्पेशल इस मेले के लिए राधा कृष्ण भारत माता और मीरा जी की मूर्ति बना कर लाई है जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है और राधा कृष्ण की बनी मूर्तियों की मांग यहां मेले में लगातार बढ़ गई है रंजना ने बताया कि एक मूर्ति को बनाने में लगभग पूरा 1 दिन लग जाता है और उसका पूरा परिवार ही यह मूर्तियां बनाता है उन्होंने मेले में अपनी मूर्तियों की कीमत ₹200 से लेकर ₹800 तक की रखी है और जिस जिस तरह मेले में भीड़ बढ़ रही है उस तरह ही उन्हें काफी मुनाफा भी मिल रहा है


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