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कुरुक्षेत्र में चैत्र चौदस मेले के आयोजन की मिली अनुमति, कोरोना रिपोर्ट लाना जरूरी

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Published : Apr 7, 2021, 4:19 PM IST

कोरोना काल के बीच इस बार पिहोवा में लगने वाले चैत्र चौदस मेले की अनुमति मिल चुकी है लेकिन श्रद्धालुओं को कोरोना रिपोर्ट लेकर आनी होगी अन्यथा उन्हें मेले में जाने नहीं दिया जाएगा.

Kurukshetra Chaitra Chaudas mela
कुरुक्षेत्र में चैत्र चौदस मेले के आयोजन की मिली अनुमति, कोरोना रिपोर्ट लाना जरूरी

कुरुक्षेत्र: पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर चैत्र चौदस मेला लगाने की अनुमति मिल चुकी है लेकिन इस मेले में कुंभ मेले की तरह कोरोना की रिपोर्ट लेकर आना जरूरी होगा, हालांकि प्रशासन भी स्थानीय स्तर पर इसकी व्यवस्था करेगा. प्रशासन ने इसके साथ कोरोना की नई गाइडलाइन जारी की है जिसके अनुसार 500 लोगों से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं होंगे.

बता दें कि पिहोवा स्थित सरस्वती तीर्थ पर हर वर्ष चैत्र चौदस को मेला लगता है. पिछले साल कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लागू हो गया था जिसके कारण मेला नहीं लग पाया था. इसके बाद तीर्थ पर कभी कभार ही लोग पिंडदान के लिए आते हैं.

ये भी पढ़ें: कुरुक्षेत्र के कलाकृति भवन में आयोजित हो रहा गांधी शिल्प मेला

तीर्थ पुरोहित और ब्राह्मण लंबे समय से मेले के आयोजन की मांग उठा रहे थे और वो खेल मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं. अब इसी बीच कोरोना का संक्रमण फैलने से नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है और अब धार्मिक आयोजन में 500 से अधिक लोगों को शामिल नहीं होने दिया जाएगा. इन सबके बीच एसडीएम वीरेंद्र चौधरी ने अधिकारियों की बैठक कर जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं.

बाहरी क्षेत्रों से आने वालों पर रहेगी नजर

पुलिस प्रशासन चैत्र चौदस मेले में बाहर से आने वाले लोगों पर खास नजर रखेगा. किसी भी व्यक्ति को बिना कोरोना रिपोर्ट के तीर्थ स्थल में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. इसके लिए पिहोवा में जगह-जगह बैरीकेड्स भी लगाए जाएंगे जहां पर लोगों की जांच की जाएगी, वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी अपनी टीम को तैनात करेगी.

ये भी पढ़ें: शाहाबाद में किसान महापंचायत: किसानों ने कांग्रेस नेता को मंच पर चढ़ने से रोका

इस बार चार दिन चलेगा मेला

बता दें कि चैत्र चौदस का मेला 9 अप्रैल को शुरू होगा और 12 तक अप्रैल तक चलेगा और इस बार दो अमावस्या के चलते मेला चार दिनों तक चलेगा. वहीं सामान्य दिनों में यह तीन दिन तक चलता है. यहां लोग प्रदेश और देश के कई हिस्सों से पिंडदान के लिए आते हैं और बिहार के गया के बाद देश में मुक्ति का सबसे प्रसिद्ध केंद्र कुरुक्षेत्र के पिहोवा को माना जाता है. कहा जाता है कि यहां श्रीकृष्ण भगवान के आशीर्वाद से पांडवों ने महाभारत में मृत लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया था.

ये भी पढ़ें: सीता माता के जन्म स्थान से हुआ मधुबनी पेंटिंग का जन्म, जानें क्या है खासियत

कोविड-19 की नई गाइडलाइन अनुसार होगा मेला

पिहोवा एसडीएम वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि चैत्र चौदस मेला कोविड-19 की नई गाइडलाइन के अनुसार होगा और 500 लोगों से अधिक की भीड़ एकजुट नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने बताया कि कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट के आधार पर तीर्थ में प्रवेश करने दिया जाएगा.

कुरुक्षेत्र: पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर चैत्र चौदस मेला लगाने की अनुमति मिल चुकी है लेकिन इस मेले में कुंभ मेले की तरह कोरोना की रिपोर्ट लेकर आना जरूरी होगा, हालांकि प्रशासन भी स्थानीय स्तर पर इसकी व्यवस्था करेगा. प्रशासन ने इसके साथ कोरोना की नई गाइडलाइन जारी की है जिसके अनुसार 500 लोगों से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं होंगे.

बता दें कि पिहोवा स्थित सरस्वती तीर्थ पर हर वर्ष चैत्र चौदस को मेला लगता है. पिछले साल कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लागू हो गया था जिसके कारण मेला नहीं लग पाया था. इसके बाद तीर्थ पर कभी कभार ही लोग पिंडदान के लिए आते हैं.

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तीर्थ पुरोहित और ब्राह्मण लंबे समय से मेले के आयोजन की मांग उठा रहे थे और वो खेल मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं. अब इसी बीच कोरोना का संक्रमण फैलने से नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है और अब धार्मिक आयोजन में 500 से अधिक लोगों को शामिल नहीं होने दिया जाएगा. इन सबके बीच एसडीएम वीरेंद्र चौधरी ने अधिकारियों की बैठक कर जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं.

बाहरी क्षेत्रों से आने वालों पर रहेगी नजर

पुलिस प्रशासन चैत्र चौदस मेले में बाहर से आने वाले लोगों पर खास नजर रखेगा. किसी भी व्यक्ति को बिना कोरोना रिपोर्ट के तीर्थ स्थल में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. इसके लिए पिहोवा में जगह-जगह बैरीकेड्स भी लगाए जाएंगे जहां पर लोगों की जांच की जाएगी, वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी अपनी टीम को तैनात करेगी.

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इस बार चार दिन चलेगा मेला

बता दें कि चैत्र चौदस का मेला 9 अप्रैल को शुरू होगा और 12 तक अप्रैल तक चलेगा और इस बार दो अमावस्या के चलते मेला चार दिनों तक चलेगा. वहीं सामान्य दिनों में यह तीन दिन तक चलता है. यहां लोग प्रदेश और देश के कई हिस्सों से पिंडदान के लिए आते हैं और बिहार के गया के बाद देश में मुक्ति का सबसे प्रसिद्ध केंद्र कुरुक्षेत्र के पिहोवा को माना जाता है. कहा जाता है कि यहां श्रीकृष्ण भगवान के आशीर्वाद से पांडवों ने महाभारत में मृत लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया था.

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कोविड-19 की नई गाइडलाइन अनुसार होगा मेला

पिहोवा एसडीएम वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि चैत्र चौदस मेला कोविड-19 की नई गाइडलाइन के अनुसार होगा और 500 लोगों से अधिक की भीड़ एकजुट नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने बताया कि कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट के आधार पर तीर्थ में प्रवेश करने दिया जाएगा.

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