कुरुक्षेत्र: ब्रह्मसरोवर के आसपास का क्षेत्र इन दिनों अनाज मंडी में तब्दील हो गया है. मंडी (Kurukshetra grain market) में जगह ना मिलने पर किसानों ने मजबूरन अब अपना धान सड़कों और ब्रह्मसरोवर के आसपास गिराना (paddy crop at Brahmasarovar) शुरू कर दिया है. ब्रह्मसरोवर के चारों और बनीं 12 पार्किंग इस समय धान से फुल हैं. वहीं मंडी से लेकर ब्रह्मसरोवर तक करीब तीन किलोमीटर का केडीबी रोड भी धान से अट गया है.
हालात ये हैं कि सड़क पर ही मशीनें लगाकर धान की सफाई की जा रही है. ऐसे में डस्ट सीधी वाहन चालकों को परेशान कर रही है. जिससे दुर्घटना होने का खतरा भी बना हुआ है. जब इस बारे में जिला उपयुक्त शांतनु शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आने वाली 25 तारीख को सूर्य ग्रहण का मेला लगना है. जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु कुरुक्षेत्र में पहुंच रहे हैं. इसके चलते कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ धान डालने पर रोक लगा दी गई है, ताकि सफाई व्यवस्था में कोई भी समस्या ना हो.
बता दें कि जिला उपयुक्त के द्वारा कुछ समय पहले प्रेस नोट जारी किया गया था. जिसमें उन्होंने शुरू से ही ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ सूर्य ग्रहण के मेले के चलते धान डालने पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद भी यहां पर धान डाला गया है. जिला उपायुक्त ने कहा कि अगर आज के बाद कोई वहां पर धान डालेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जानकारी के अनुसार दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, बिहार व मध्य प्रदेश और देश विदेश से हजारों पर्यटक ब्रह्मसरोवर पर सूर्यग्रहण के दिन पहुंचते हैं.
इन दिनों ब्रह्मसरोवर के चारों ओर लगी धान की ढेरियों और अनगिनत बोरियों के कारण जगह की कमी हो गई है. यहां तक ब्रह्मसरोवर की पार्किंग तक धान की वजह से फुल हो गई है. ब्रह्मसरोवर पर गुलजारी लाल नंदा पार्क के पास वाली पार्किंग, वीवीआईपी घाट वाली पार्किंग, बाजीगर धर्मशाला के पास वाली पार्किंग, बौद्ध स्तूप के सामने, रोड़ धर्मशाला के सामने व दक्षिण मुखी प्राचीन मंदिर के तीनों ओर धान के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए हैं.
जगह के अभाव में पर्यटक कहीं धान की बोरियों पर बैठ खाना खा रहे हैं और इन्हीं पर विश्राम कर रहे हैं. जिला उपयुक्त शांतनु शर्मा ने बताया कि मंडी के अलावा शहर की विभिन्न जगहों पर प्रशासन की ओर से खरीद केंद्र बनाए गए हैं, जिन पर किसान अपनी धान गिरा रहे हैं. खराब मौसम और मंडी में अव्यवस्था के चलते ये निर्णय लिया गया था कि ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ किसान कुछ समय के लिए धान डाल सकते हैं, लेकिन आज से ये बंद कर दिया गया है. अगर अब कोई किसान यहां धान डालता मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.