कुरुक्षेत्र: भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप ने कुरुक्षेत्र की पीपली अनाज मंडी में जन आक्रोश रैली का आयोजन किया. इस रैली के जरिए गुरनाम चढूनी ने शक्ति प्रदर्शन किया. गुरनाम चढूनी भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इसके अलावा वो हरियाणा के बड़े किसान नेता भी हैं. लोकसभा चुनाव बहुत नजदीक है. जिसके चलते गुरनाम सिंह अब राजनीतिक पार्टी में जमीन तलाशने के लिए जुट गए हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि गुरनाम चढूनी 2024 के चुनाव में हरियाणा के रण में अपनी पार्टी को उतारना चाहते हैं.
राजनीतिक पार्टी में शामिल हो सकते हैं चढूनी: अनुमान लगाया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले गुरनाम चढूनी किसी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने रैली के मंच से ये बात कबूली है कि वो अपने किसान भाइयों के साथ मीटिंग करके किसी भी पार्टी का दामन थाम सकते हैं. उन्होंने अपने भाषण के दौरान बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हमें हर हालत में बीजेपी को हराने के लिए आगे आना होगा. अगर हमारे किसान भाईयों ने समर्थन दिया, तो हम आने वाले 2024 चुनाव में बीजेपी को हराएंगे.
मंच से जताई चुनाव लड़ने की इच्छा: चढूनी ने कहा कि हमें किसानों के हितों की आवाज उठाने के लिए सांसद और विधानसभा में जाना होगा. ये तभी संभव हो सकता है, जब हम लोगों में से कुछ लोग वहां (संसद) जाकर प्रतिनिधित्व करेंगे. हाल ही में गुरनाम चढूनी ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी से मुलाकात की थी. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने किसानों समस्या सुनने के लिए हमें बुलाया था. उसके चलते हम उनसे मिले थे. अगर किसान भाई चाहेंगे, तो हम राजनीति में जरूर आएंगे.
गुरनाम सिंह काफी समय से किसानों के हितों की आवाज उठा रहे हैं. किसान आंदोलन के बाद वो एक बड़े नेता के रूप में हरियाणा और भारत में उभरे हैं. अब वो राजनीतिक पार्टी में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं. आपको बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में गुरनाम सिंह की पत्नी बलविंदर कौर कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं. तब उन्हें 79000 वोट मिले थे.
पंजाब विधानसभा चुनाव में भी गुरनाम सिंह चढूनी ने भारतीय किसान यूनियन के संगठन की एक पार्टी बनाई थी. जिसमें उन्होंने अपने किसान नेताओं को विधानसभा चुनाव के रण में उतारा था, लेकिन वहां पर उनको लोगों का कुछ खास समर्थन नहीं मिल पाया. जिसके चलते वो हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि या तो गुरनाम चढूनी नई पार्टी बना सकते हैं, या फिर किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
उधर जयंत चौधरी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी ने हमेशा किसानों को लूटने का काम किया है और अब समय आ गया है कि किसानों को भी अपनी ताकत दिखानी होगी, जब उनसे सवाल किया गया कि क्या आप हरियाणा में चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा अभी ऐसा कोई विचार नहीं है. गुरनाम सिंह के सवाल पर जयंत चौधरी ने कहा कि अगर गुरनाम उनकी पार्टी में शामिल होते हैं, तो उनका हम स्वागत करते हैं, क्योंकि किसानों की बात उठाने के लिए पार्टी में शामिल होकर लोकसभा और विधानसभा में जाकर ही उनकी बात उठाई जा सकती है.
अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव ने कहा कि गुरनाम सिंह ने किसानों के हित में हमेशा काम किया है चौधरी छोटू राम और चौधरी चरण सिंह के जैसे ही वो भी हमेशा किसानों के लिए जेल में गए हैं और किसानों को हक दिलाने का काम कर रहे हैं. अगर वो हमारी पार्टी में शामिल होते हैं, तो हम उनका स्वागत करते हैं, जब उनसे सवाल किया गया कि क्या आप हरियाणा में चुनाव लड़ने जा रहे हैं. तब उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही दे सकते हैं. मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता.
इस रैली से एक बात स्पष्ट हो गई है कि गुरनाम सिंह चढूनी चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसी के चलते उन्होंने जयंत चौधरी और सपा के बड़े नेताओं को इस रैली में आमंत्रित किया. इस रैली में हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों से हजारों की संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया. इस रैली में किसान नेता गुरनाम चढूनी के अलावा, जयंत चौधरी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव मौजूद रहे.
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