कुरुक्षेत्र: डॉक्टर सुरेश कुमार सैनी का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल होने पर सम्मानित किया गया. उनको ये सम्मान 130 बार रक्तदान और 94 बार प्लेटलेट्स दान करने पर मिला है. डॉक्टर सुरेश सैनी के सम्मान में कुरुक्षेत्र में रेडक्रॉस सोसाइटी की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. यहां पर रेडक्रॉस के सचिव रमेश चौधरी डॉक्टर सुरेश को सम्मानित किया.
इस मौके पर डॉक्टर सुरेश सैनी ने कहा कि समाज में ये भ्रांति बनी हुई है कि रक्तदान करने से कमजोरी आती है, जबकि ऐसा नहीं है. आदमी को मानसिक तौर पर तैयार रहना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर देश में 2 से 3 प्रतिशत युवा रक्तदान करें तो देश में रक्त की कमी को पूरा किया जा सकता है. फिर रक्त की कमी से भारत में किसी की भी मौत नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि केवल मानव शरीर ही है जो रक्त बनाता है. विज्ञान भी अभी तक ऐसा को कोई तरीका नहीं खोज पाया कि रक्त बन सके और दुनिया में कोई ऐसी फैक्ट्री है जिसमें रक्त बनता हो. इसलिए लोगों को इस महादान में आकर अपनी सहभागिता निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रक्तदान बहुत जरूरी है. लोगों को जीते जी रक्तदान और मरने पर देहदान का बड़ा दान करना चाहिए.
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इस मौके पर रेडक्रॉस सचिव रमेश चौधरी ने कहा कि हमारे लिए ये गर्व की बात है कि कुरुक्षेत्र रेडक्रॉस के डॉक्टर सुरेश सैनी को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड और इंडिया बुक ऑफर रिकॉर्ड में सम्मान मिला है. उनसे युवा प्रेरित होकर रक्तदान करेंगे, जिससे देश में रक्त की कमी से होने वाली मौतों में कमी आएगी.