कुरुक्षेत्र: नवंबर-दिसंबर के महीने में हर कॉलेज में कैंपस सेलेक्शन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इस साल भी ऐसा ही होना था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन से ये कैंपस सेलेक्शन पूरी तरह से रुक गया है. कैंपस सेलेक्शन के रुक जाने से इसका सीधा असर कॉलेज के उन छात्रों पर पड़ा है, जिनका आखिरी सेमेस्टर था. वो छात्र जो कॉलेज खत्म होने के बाद नौकरी करने और नई ऊंचाइयां छूने के सपने संजो रहे थे, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से छात्रों के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है.
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के प्लेसमेंट ऑफिसर महेंदर सिंह ने बताया कि ज्यादातर कंपनियां जनवरी महीने में यूनिवर्सिटी में आती हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि अभी सिर्फ कुछ बच्चों का ही कंपनियों में चयन हुआ है, लेकिन उन बच्चों को भी ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिला है.
प्लेसमेंट ऑफिसर महेंदर सिंह ने कहा कि हालांकि कॉलेज की तरफ से कुछ बच्चों के ऑनलाइन टेस्ट लिए गए हैं, लेकिन कंपनियां बच्चों को कब बुलाती है. इसकी अभी जानकारी नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अभी बच्चों के आखिरी सेमेस्टर के एग्जाम भी नहीं हुए हैं. जिस वजह से ज्यादा दिक्कत हो रही है, क्योंकि बच्चों के पास अप्लाई करने के लिए मार्कशीट ही नहीं है.
महेंदर सिंह ने कहा कि जुलाई के अंत में कॉलेज की परिक्षाएं हो सकती हैं. अगर बच्चों के एग्जाम होते हैं तो शायद उसके बाद ही कोई कंपनी प्लेसमेंट के लिए यूनिवर्सिटी आए. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से बच्चों के भविष्य पर खतरा जरूर बन आया है.
वहीं वीएनएम एजुकेशन ग्रुप के डायरेक्टर डॉ. आशीष संधू ने बताया कि हर साल सैकड़ों बच्चों की प्लेसमेंट कैंपस सेलेक्शन से होती थी, लेकिन इस बार काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. डॉ आशीष संधू ने कहा कि सबसे पहले कॉलेज से होने वाली प्लेसमेंट रुक चुकी है. उन्होंने कोरोना की वजह से प्लेसमेंट में होने वाली दिक्कतों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि
- सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि बच्चों के इंटरव्यू कैसे लिए जाएं?
- इंटरव्यू ऑनलाइन लिए जाएंं तो फिर नए बच्चों को ट्रेनिंग कैसे दी जाए?
- अगर ऑनलाइन ट्रेनिंग मिल भी जाती है तो बच्चों को ऑफिस कैसे बुलाया जाए?
- ऑफिस नहीं बुलाने की सूरत में नए बच्चों को वर्क फॉर्म होम भी नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि उन्हें फील्ड की कोई जानकारी नहीं है.
वहीं जब इस बारे में कुछ कॉलेज के छात्रों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से उनके भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो उनका साल भी खराब हो सकता है. वो देश से कोरोना के जाने और दोबारा सबकुछ ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं.
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