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कुरुक्षेत्र: पितृ पक्ष की अमावस्या को लेकर तीर्थ स्थानों पर प्रतिबंध - अमावस्या श्रद्धालु एंट्री ब्रह्मसरोवर कुरुक्षेत्र

कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगाई गई है. पढ़ें पूरी खबर.

Brahma sarovar Kurukshetra entry ban
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Published : Sep 16, 2020, 7:26 PM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा के सबसे बड़े तीर्थ स्थल ब्रह्मसरोवर पर इस बार कोरोना माहामारी के तहत 16 और 17 सितंबर अमावस्या वाले दिन श्रद्धालुओं के इकट्ठा होने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई गई है. ताकि पितृ अमावस के दिन यहां कोई श्रद्धालु ना पहुंचे और ब्रह्मसरोवर में स्नान ना कर सके. सुरक्षा मद्देनजर कुरुक्षेत्र प्रशासन ने ये कदम उठाया है.

ब्रह्मसरोवर की टूरिस्ट चौकी इंचार्ज विनोद कुमार ने बताया कि पितृपक्ष के दौरान आने वाली अमावस्या को अपने पितरों को पिंडदान करने के लिए कुरुक्षेत्र के पवित्र स्थलों पर श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और अपनों के पिंड दान कर पूजा अर्चना करते हैं. जिनकी भीड़ आम दिनों में हजारों की संख्या में होती जाती है. अमावस के दिन तो ये भीड़ बढ़ कर लाखों की संख्या में पहुंच जाती है.

ये भी पढ़ें- विज के बाद अब पूर्व राज्यमंत्री ने पीपली में लाठीचार्ज होने से किया इंकार

इस बार श्राद्ध में पितृपक्ष की अमावस्या 17 सितंबर 2020 को है. कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कुरुक्षेत्र प्रशासन ने अमावस्या के दिन तक दोनों तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं के एकत्रित होने पर पूर्णतया पाबंदी लगाई है. इसलिए श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वो अपने दूसरे लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कुरुक्षेत्र में पिहोवा में इकट्ठा ना हो. इसके मद्देनजर सभी तीर्थ स्थलों पर पुलिस को तैनात किया गया है.

कुरुक्षेत्र: हरियाणा के सबसे बड़े तीर्थ स्थल ब्रह्मसरोवर पर इस बार कोरोना माहामारी के तहत 16 और 17 सितंबर अमावस्या वाले दिन श्रद्धालुओं के इकट्ठा होने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई गई है. ताकि पितृ अमावस के दिन यहां कोई श्रद्धालु ना पहुंचे और ब्रह्मसरोवर में स्नान ना कर सके. सुरक्षा मद्देनजर कुरुक्षेत्र प्रशासन ने ये कदम उठाया है.

ब्रह्मसरोवर की टूरिस्ट चौकी इंचार्ज विनोद कुमार ने बताया कि पितृपक्ष के दौरान आने वाली अमावस्या को अपने पितरों को पिंडदान करने के लिए कुरुक्षेत्र के पवित्र स्थलों पर श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और अपनों के पिंड दान कर पूजा अर्चना करते हैं. जिनकी भीड़ आम दिनों में हजारों की संख्या में होती जाती है. अमावस के दिन तो ये भीड़ बढ़ कर लाखों की संख्या में पहुंच जाती है.

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इस बार श्राद्ध में पितृपक्ष की अमावस्या 17 सितंबर 2020 को है. कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कुरुक्षेत्र प्रशासन ने अमावस्या के दिन तक दोनों तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं के एकत्रित होने पर पूर्णतया पाबंदी लगाई है. इसलिए श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वो अपने दूसरे लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कुरुक्षेत्र में पिहोवा में इकट्ठा ना हो. इसके मद्देनजर सभी तीर्थ स्थलों पर पुलिस को तैनात किया गया है.

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