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गुरनाम सिंह चढूनी ने की 25 नवंबर को पीपली में बड़ी किसान रैली का ऐलान, जाट धर्मशाला कुरुक्षेत्र में हुई भाकियू की बैठक, ये हैं नई मांगें - पीपली में बीकेयू की रैली

हरियाणा में किसान एक बार फिर आंदोलन की राह पर जाते दिखाई दे रहे हैं. जाट धर्मशाला कुरुक्षेत्र में गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) की बैठक हुई. इस बैठक में कई राज्यों के संगठन पदाधिकारी शामिल हुए. भाकियू के अध्यक्ष और किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बैठक में बड़ी किसान रैली करने का ऐलान किया.

Jat Dharamshala Kurukshetra
Farmers Panchayat in Kurukshetra
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 24, 2023, 7:37 PM IST

Updated : Aug 24, 2023, 7:50 PM IST

कुरुक्षेत्र: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) की राष्ट्रीय स्तरीय मीटिंग गुरुवार को जाट धर्मशाला कुरुक्षेत्र में हुई. यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम चढूनी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड से संगठन के पदाधिकारी शामिल हुए. किसानों की बैठक में गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि आने वाले 25 नवंबर को राष्ट्रीय स्तर की एक बड़ी किसान रैली पीपली में आयोजित की जाएगी, जिसमे देश भर से किसान शिरकत करेंगे.

किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि 25 नवंबर को होने वाली ये रैली देश में किसान राजनीति को नई दिशा देने का काम करेगी. चढूनी ने कहा कि आज देश में कमेरा किसान सरकार की गलत नीतियों से दयनीय जीवन जीने को मजबूर है. किसान आर्थिक रूप से पिछड़ता जा रहा है और कर्ज के बोझ में दब चुके हैं. सरकार को तुरंत किसानों और मजदूरों का कर्ज माफ कर देना चाहिए.

ये भी पढ़ें- Haryana Bandh: किसानों ने रोहतक-दिल्ली हाईवे किया जाम, झज्जर में पुलिस की पांच कंपनियां तैनात

गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार पर आरोप लगाया कि बैंक लिमिट व लोन के बहाने किसान की करोड़ों की जमीन हथियाने का षड्यंत्र कर रहे हैं. 1-2 लाख की KCC लिमिट बनाने के बदले में करोड़ों की कीमती जमीन रेहन कर रहे हैं, जो कि सरासर अन्याय है. क्योंकि किसी भी तरह के लिए 125 प्रतिशत से ज्यादा मूल्य की सम्पति रेहन नहीं रखी जा सकती. गुरनाम चढूनी ने संगठन से देश हित के तमाम मुद्दों को लेकर आंदोलन करने के लिए तैयार रहने की अपील की है.

गुरनाम चढूनी ने कुरुक्षेत्र में हुई मीटिंग में गांव स्तर पर कमेटियां बनाकर संगठन को मजबूत करने के निर्देश दिए और हर पदाधिकारी को घर पर भाकियू का झंडा लगाने और आंदोलन व अन्य कार्यक्रम के दौरान केसरी रंग की पगड़ी के साथ पटका पहनने का भी आह्वान किया. मीटिंग में यूपी (मेरठ) से सैंकड़ों किसान व नेताओं ने गुरनाम चढूनी की इस बैठक में हिस्सा लिया. जाट धर्मशाला में हुई इस बैठक में 10 सितंबर को जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें रखने का फैसला किया गया.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में MSP के लिए 'महाभारत', किसानों ने नेशनल हाईवे 44 पर किया कब्जा, टिकैत बोले- मांग पूरी होने तक नहीं हटेंगे

  1. सभी फसलों पर MSP की गारंटी दी जाए.
  2. WTO का मुकाबला करने वा खेती की लागत कम करने के लिए सभी कृषि यंत्र कोऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से फ्री में इस्तेमाल के लिए दिए जाएं.
  3. खराब फसल का मुआवजा 30 हजार प्रति एकड़ दिया जाए.
  4. प्रति एकड़ 12 हजार रुपये का अनुदान सरकार द्वारा किसान को दिया जाए.
  5. बेरोजगारों को कारोबार करने के लिए 2 लाख की ब्याज फ्री आर्थिक सहायता दी जाए.

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य किसी भी देश की मूलभूत जरूरत है. इसलिए शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं देश के सभी नागरिकों के लिए फ्री होनी चाहिए. इस मीटिंग में पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष दिलबाग गिल, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सूबे सिंह, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा कर्म सिंह मथाना, हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष तरसेम सिंह, राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष महावीर गुर्जर. महिला प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा सुमन हुड्डा समेत कई नेता शामिल हुए.

ये भी पढ़ें- किसानों की सरकार से बातचीत फेल, अब संयुक्त किसान मोर्चा संभालेगा आंदोलन, बुधवार को अहम बैठक

कुरुक्षेत्र: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) की राष्ट्रीय स्तरीय मीटिंग गुरुवार को जाट धर्मशाला कुरुक्षेत्र में हुई. यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम चढूनी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड से संगठन के पदाधिकारी शामिल हुए. किसानों की बैठक में गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि आने वाले 25 नवंबर को राष्ट्रीय स्तर की एक बड़ी किसान रैली पीपली में आयोजित की जाएगी, जिसमे देश भर से किसान शिरकत करेंगे.

किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि 25 नवंबर को होने वाली ये रैली देश में किसान राजनीति को नई दिशा देने का काम करेगी. चढूनी ने कहा कि आज देश में कमेरा किसान सरकार की गलत नीतियों से दयनीय जीवन जीने को मजबूर है. किसान आर्थिक रूप से पिछड़ता जा रहा है और कर्ज के बोझ में दब चुके हैं. सरकार को तुरंत किसानों और मजदूरों का कर्ज माफ कर देना चाहिए.

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गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार पर आरोप लगाया कि बैंक लिमिट व लोन के बहाने किसान की करोड़ों की जमीन हथियाने का षड्यंत्र कर रहे हैं. 1-2 लाख की KCC लिमिट बनाने के बदले में करोड़ों की कीमती जमीन रेहन कर रहे हैं, जो कि सरासर अन्याय है. क्योंकि किसी भी तरह के लिए 125 प्रतिशत से ज्यादा मूल्य की सम्पति रेहन नहीं रखी जा सकती. गुरनाम चढूनी ने संगठन से देश हित के तमाम मुद्दों को लेकर आंदोलन करने के लिए तैयार रहने की अपील की है.

गुरनाम चढूनी ने कुरुक्षेत्र में हुई मीटिंग में गांव स्तर पर कमेटियां बनाकर संगठन को मजबूत करने के निर्देश दिए और हर पदाधिकारी को घर पर भाकियू का झंडा लगाने और आंदोलन व अन्य कार्यक्रम के दौरान केसरी रंग की पगड़ी के साथ पटका पहनने का भी आह्वान किया. मीटिंग में यूपी (मेरठ) से सैंकड़ों किसान व नेताओं ने गुरनाम चढूनी की इस बैठक में हिस्सा लिया. जाट धर्मशाला में हुई इस बैठक में 10 सितंबर को जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें रखने का फैसला किया गया.

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  1. सभी फसलों पर MSP की गारंटी दी जाए.
  2. WTO का मुकाबला करने वा खेती की लागत कम करने के लिए सभी कृषि यंत्र कोऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से फ्री में इस्तेमाल के लिए दिए जाएं.
  3. खराब फसल का मुआवजा 30 हजार प्रति एकड़ दिया जाए.
  4. प्रति एकड़ 12 हजार रुपये का अनुदान सरकार द्वारा किसान को दिया जाए.
  5. बेरोजगारों को कारोबार करने के लिए 2 लाख की ब्याज फ्री आर्थिक सहायता दी जाए.

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य किसी भी देश की मूलभूत जरूरत है. इसलिए शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं देश के सभी नागरिकों के लिए फ्री होनी चाहिए. इस मीटिंग में पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष दिलबाग गिल, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सूबे सिंह, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा कर्म सिंह मथाना, हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष तरसेम सिंह, राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष महावीर गुर्जर. महिला प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा सुमन हुड्डा समेत कई नेता शामिल हुए.

ये भी पढ़ें- किसानों की सरकार से बातचीत फेल, अब संयुक्त किसान मोर्चा संभालेगा आंदोलन, बुधवार को अहम बैठक

Last Updated : Aug 24, 2023, 7:50 PM IST
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