कुरुक्षेत्र: मंगलवार को कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप की प्रदेश स्तरीय मीटिंग (bharatiya kisan union meeting in kurukshetra) हुई. जिसकी अध्यक्षता किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने की. हरियाणा सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. बैठक में 24 नवंबर को अंबाला में रेलवे ट्रैक जाम (rail roko movement in ambala) करने का फैसला किया गया है.
भारतीय किसान यूनियन की मांग है कि जब तक किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस नहीं हो जाते, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. बैठक में फैसला किया गया कि आदमपुर उपचुनाव में किसान किसी भी पार्टी को समर्थन नहीं देंगे, लेकिन किसानों से अपील रहेगी की जेजेपी-बीजेपी के समर्थित उम्मीदवार को वोट ना दें गुरनाम चढूनी (gurnam chadhuni farmer leader) का कहना है कि सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है.
उन्होंने कहा कि जो वायदे किसान आंदोलन के स्थगित करने के समय किए थे. सरकार उन पर खरी नहीं उतरी. सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान हुए मुकदमों को वापस लेने का ऐलान किया था, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार के द्वारा दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए गए. जिसके समन किसानों के पास पहुंच रहे हैं. सरकार ने एमएसपी को लेकर भी वादा किया था, लेकिन जो कमेटी एमएसपी के लिए बनाई है. उसमें अधिकतर अपने ही लोगों को रखा है.
गुरनाम सिंह चढूनी ने 2024 में होने वाले चुनाव को लेकर अबकी बार किसान सरकार का नारा दिया है. ऐसे में जाहिर है कि इस बार किसान नेता चुनाव लड़ने के मूड में है. आज की मीटिंग का सबसे अहम फैसला रेल रोको आंदोलन को लेकर लिया गया. गुरनाम सिंह चढूनी (gurnam chadhuni farmer leader) ने कहा है कि अगर 24 नवंबर से पहले सरकार किसानों पर किए गए मुकदमों को वापस नहीं लेती, तो किसान रेलवे ट्रैक पर अपना डेरा डालेंगे.
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किसानों ने हरियाणा में किसान भवन बनाने की भी बात कही है. उन्होंने कहा है कि इन किसान भवनों को किसान खुद के द्वारा इकट्ठा किए गए फंड से तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि हरियाणा में पंचायती चुनाव में बीजेपी और जेजेपी का विरोध किया जाएगा. जिस उम्मीदवार ने किसानों के हित में खड़े होकर किसान आंदोलन में उनका साथ दिया. उसका समर्थन किसानों के द्वारा किया जाएगा.