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कुरुक्षेत्र का वो गांव जो आज भी मूलभूत सुविधाओं से है महरूम, ना सड़कें पक्की, ना ही हैं पक्के घर - लाडवा विधानसभा कुरुक्षेत्र न्यूज

कुरुक्षेत्र की लाडवा विधानसभा का बदरपुर गांव बदहाल है. ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच से लेकर अधिकारियों तक उन्होंने हर किसी को शिकायत की, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा ज्यादा कुछ नहीं मिला.

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बदरपुर गांव में आदिवासियों का जीवन जीने को मजबूर लोग
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Published : Jan 13, 2020, 8:02 PM IST

कुरुक्षेत्र: लाडवा विधानसभा का बदरपुर गांव बदहाल है. लोगों ने सरकार और प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया है. 21वीं सदी में आज भी इस गांव के लोग आदिवासियों जैसे जिंदगी जीने को मजबूर हैं. ना तो ग्रामीणों को पास पक्के घर हैं और ना ही राशन कार्ड. किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिला है.

गली कच्ची, सड़कें कच्ची, घर भी कच्चे
ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच से लेकर अधिकारियों तक उन्होंने हर किसी को शिकायत की, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा ज्यादा कुछ नहीं मिला. ग्रामीणों के मुताबिक गांव की गलियां और सड़कें भी पक्की नहीं है. ना ही यहां को सफाई की व्यवस्था है. कई बार इसकी शिकायत सरपंच को कई गई, लेकिन उन्होंने आश्वसान देकर पल्ला झाड़ लिया.

कुरुक्षेत्र का वो गांव जो आज भी मूलभूत सुविधाओं से है महरूम, देखें रिपोर्ट

ग्रामीणों के पास नहीं हैं राशन कार्ड
कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा विधानसभा के बदरपुर गांव में अधिकतर लोग ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते हैं. 20 से 30 परिवारों के पास यहां राशनकार्ड नहीं हैं. जिनका है भी उनका कार्ड बीपीएल की सूची में नहीं आता. गांव के ज्यादातर घरों की हालत खस्ता है. मिट्टी से बने घरों पर कच्ची और टीन की छत है और अधिकारी हैं कि सुनने को तैयार नहीं हैं.

ये भी पढ़ें- कम लागत, छोटी जगह और मोटा मुनाफा यानि खरगोश पालन, ऐसे शुरू करें बिजनेस

ज्यादातर घरों में शौचालय नहीं
हालत ये है कि ज्यादातर घरों में शौचालय तक नहीं हैं. गांव की महिलाओं ने बताया कि उन्हें खुले में शौच करना पड़ता है. जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों के मुताबिक यहां सरपंच और विधायक सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हैं. इसके बाद उनकी कोई सुध नहीं लेता.

कुरुक्षेत्र: लाडवा विधानसभा का बदरपुर गांव बदहाल है. लोगों ने सरकार और प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया है. 21वीं सदी में आज भी इस गांव के लोग आदिवासियों जैसे जिंदगी जीने को मजबूर हैं. ना तो ग्रामीणों को पास पक्के घर हैं और ना ही राशन कार्ड. किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिला है.

गली कच्ची, सड़कें कच्ची, घर भी कच्चे
ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच से लेकर अधिकारियों तक उन्होंने हर किसी को शिकायत की, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा ज्यादा कुछ नहीं मिला. ग्रामीणों के मुताबिक गांव की गलियां और सड़कें भी पक्की नहीं है. ना ही यहां को सफाई की व्यवस्था है. कई बार इसकी शिकायत सरपंच को कई गई, लेकिन उन्होंने आश्वसान देकर पल्ला झाड़ लिया.

कुरुक्षेत्र का वो गांव जो आज भी मूलभूत सुविधाओं से है महरूम, देखें रिपोर्ट

ग्रामीणों के पास नहीं हैं राशन कार्ड
कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा विधानसभा के बदरपुर गांव में अधिकतर लोग ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते हैं. 20 से 30 परिवारों के पास यहां राशनकार्ड नहीं हैं. जिनका है भी उनका कार्ड बीपीएल की सूची में नहीं आता. गांव के ज्यादातर घरों की हालत खस्ता है. मिट्टी से बने घरों पर कच्ची और टीन की छत है और अधिकारी हैं कि सुनने को तैयार नहीं हैं.

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ज्यादातर घरों में शौचालय नहीं
हालत ये है कि ज्यादातर घरों में शौचालय तक नहीं हैं. गांव की महिलाओं ने बताया कि उन्हें खुले में शौच करना पड़ता है. जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों के मुताबिक यहां सरपंच और विधायक सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हैं. इसके बाद उनकी कोई सुध नहीं लेता.

Intro:हरियाणा सरकार भले ही बड़े-बड़े दावे करती हो एक के बाद एक गरीब परिवारों के लिए योजनाए भी चला रही है पर योजनाएं कागजो तक सीमित रह जाती है ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट में आपको दिखायेगे की हरियाणा जैसे समृद्धि प्रदेश के गांव के लोग आज भी आदिवासियों जैसी जिंदगी जीने को मजबूर है।
कुरुक्षेत्र जिले की विधानसभा लाडवा का गांव बदर पुर इस गांव में आज भी लोग आदिवासियों जैसी जिनदगी जीने को मजबूर है इस गांव में अधिकतर लोग ईंट भट्ठे पर मजदूरी करने वाले लोग रहते है 20 से 30 से यहाँ रहने वाले ग्रमीणों के पास राशनकार्ड तक नही है अधिकतर लोगों के घरों की छत गिरने को है प्रधानमंत्री आवास योजना इन लोगो के लिए कागजो में लिपटी रह गई घर बनाने के लिए अनुदान की तो बात दूर खुले में शौच मुक्त करने के लिए सरकार द्वारा घरो में शौचालय बनाने के दावे भी यहाँ फैल हो जाते है आज भी इस गांव के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर है।
यहाँ रहने वाले लोगो का कहना है जब चुनाव आते है सिर्फ उसी समय यहाँ नेता दिखाई देता है उसके बाद यहाँ कोई भी उनकी सुध लेने नही पहुचता पहले इन गरीब परिवारों के apl राशनकार्ड बना दिये जब सरकार द्वारा चलाई गई स्कीम का लाभ लेने के लिए सरपंच से बात की जाती है तो bpl राशन कार्ड धारको के लिए ये स्कीम बनी ये कहकर सरपंच अपना पल्ला झाड़ लेते है।

टूटी सड़के नालिया भी यहाँ एक बड़ी परेशानी का सबब बानी हुई है इस गांव के एक विकलांग वयक्ति ने भावुक शब्दो मे बताया कि उसके चार बच्चे है लगभग 35 साल से इसी गांव में रह रहा है और आज तक उसके पास राशनकार्ड तक नही है और न विकलांग पेंशन बन पाई है


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