ETV Bharat / state

मेडिकल नशे की चपेट में युवा, घरौंडा में सरकारी स्कूल बना नशे का अड्डा

स्कूल में निर्माणाधीन कमरों और खेल में मैदान में पड़े जहां-तहां नशे के इंजेक्शन और दूसरी दवाईयां इसकी गवाही दे रहे हैं और इस बात की भी तस्दीक कर रहे हैं कि युवा वर्ग किस तहर से नशे की गिरफ्त में है और कैसे मेडिकल उपकरणों और दवाईयों को नशे का जरिया बना रहे हैं.

nasha
nasha
author img

By

Published : Dec 15, 2019, 2:39 PM IST

करनालः घरौंडा का सरकारी स्कूल इन दिनों नशे के अड्डे में बदल गया है. नशेड़ियों ने राजकीय विद्यालय में बनाई जा रही एलीमेंट्री विंग की बिल्डिंग को अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया है.

मेडिकल उपकरणों से नशा कर रहे युवा
स्कूल में निर्माणाधीन कमरों और खेल में मैदान में पड़े जहां-तहां नशे के इंजेक्शन और दूसरी दवाईयां इसकी गवाही दे रहे हैं और इस बात की भी तस्दीक कर रहे हैं कि युवा वर्ग किस तहर से नशे की गिरफ्त में है और कैसे मेडिकल उपकरणों और दवाईयों को नशे का जरिया बना रहे हैं.

मेडिकल नशे की चपेट में युवा, घरौंडा में सरकारी स्कूल बना नशे का अड्डा

स्कूल परिसर में इंजेक्शन और दवाईयों का ढेर
स्कूल की एलीमेंट्री विंग की बिल्डिंग नशेड़ियों का अड्डा बन गई है. जहां नशे के शिकार युवा अपने शरीर में इंजेक्शन गोदते है. कुछ ऐसा ही हाल स्कूल के प्ले ग्राउंड का भी है. जहां सैकड़ों की तादाद में इस्तेमाल किए गए सीरिंज और मेडिसन की खाली शीशियां हर तरफ बिखरी पड़ी है. स्कूल परिसर के ऐसे हालात बेहद चिंताजनक हैं, बावजूद इसके नशे के इस खेल पर रोक लगाने के लिए न तो स्कूल प्रबन्धन ने कोई कदम उठाया है और न ही प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई की जा रही है.

आसानी से उपलब्ध है मेडिकल नशा
सस्ता और सुलभ होने के चलते युवा वर्ग मेडिकल नशे की तरफ बढ़ रहा है. नशे के लिए युवा आसानी से दवाईयों को मेडिकल स्टोर से खरीद लेते है. डॉक्टरों के मुताबिक इन दवाओं का इस्तेमाल एलर्जी, ड्रग रैशेज, खांसी के ईलाज व नीम बिहोशी के लिए किया जाता है. लेकिन युवा नशे के लिए इस डोज का प्रयोग कर रहे हैं और ऐसा करना उनके लिए घातक साबित हो सकता है. ऐसे में अब नगर पालिका पार्षद अब इसके लिए जागरुकता अभियान चलाने की बात कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः- नशे के खिलाफ ईटीवी भारत हरियाणा ने उठाई आवाज, सियासी गलियारों में तेज हुई हलचल

करनालः घरौंडा का सरकारी स्कूल इन दिनों नशे के अड्डे में बदल गया है. नशेड़ियों ने राजकीय विद्यालय में बनाई जा रही एलीमेंट्री विंग की बिल्डिंग को अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया है.

मेडिकल उपकरणों से नशा कर रहे युवा
स्कूल में निर्माणाधीन कमरों और खेल में मैदान में पड़े जहां-तहां नशे के इंजेक्शन और दूसरी दवाईयां इसकी गवाही दे रहे हैं और इस बात की भी तस्दीक कर रहे हैं कि युवा वर्ग किस तहर से नशे की गिरफ्त में है और कैसे मेडिकल उपकरणों और दवाईयों को नशे का जरिया बना रहे हैं.

मेडिकल नशे की चपेट में युवा, घरौंडा में सरकारी स्कूल बना नशे का अड्डा

स्कूल परिसर में इंजेक्शन और दवाईयों का ढेर
स्कूल की एलीमेंट्री विंग की बिल्डिंग नशेड़ियों का अड्डा बन गई है. जहां नशे के शिकार युवा अपने शरीर में इंजेक्शन गोदते है. कुछ ऐसा ही हाल स्कूल के प्ले ग्राउंड का भी है. जहां सैकड़ों की तादाद में इस्तेमाल किए गए सीरिंज और मेडिसन की खाली शीशियां हर तरफ बिखरी पड़ी है. स्कूल परिसर के ऐसे हालात बेहद चिंताजनक हैं, बावजूद इसके नशे के इस खेल पर रोक लगाने के लिए न तो स्कूल प्रबन्धन ने कोई कदम उठाया है और न ही प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई की जा रही है.

आसानी से उपलब्ध है मेडिकल नशा
सस्ता और सुलभ होने के चलते युवा वर्ग मेडिकल नशे की तरफ बढ़ रहा है. नशे के लिए युवा आसानी से दवाईयों को मेडिकल स्टोर से खरीद लेते है. डॉक्टरों के मुताबिक इन दवाओं का इस्तेमाल एलर्जी, ड्रग रैशेज, खांसी के ईलाज व नीम बिहोशी के लिए किया जाता है. लेकिन युवा नशे के लिए इस डोज का प्रयोग कर रहे हैं और ऐसा करना उनके लिए घातक साबित हो सकता है. ऐसे में अब नगर पालिका पार्षद अब इसके लिए जागरुकता अभियान चलाने की बात कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः- नशे के खिलाफ ईटीवी भारत हरियाणा ने उठाई आवाज, सियासी गलियारों में तेज हुई हलचल

Intro:हरियाणा का युवा आ रहा है दवाई नशे की चपेट में , नशे की तलब को शांत करने के लिए युवा दवाईयों और इंजेक्शन का ले रहे है सहारा , युवाओं में नशा किस तरह फैल रहा है इसका खुलासा सरकारी स्कुल परिसर में बिखरी पड़ी यूज्ड सिरिंज व दवाईयों की शीशियो से हुआ , राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घरौंडा की निर्माणाधीन बिल्डिंग व खेल मैदान नशे का बना अड्डा , हाइवे से लगते खेल मैदान और एलीमेंट्री विंग के कमरों में दवाइयों की खाली शीशियो व प्रयोग किये हुए सिरिंजो की भरमार , हालतों से साफ़ जाहिर कि लगता है नशेडिय़ो का यहां जमावड़ा, स्कुल प्रबन्धन को नशेडिय़ो की इस कारगुजारी की जानकारी लेकिन फिर भी मौन , स्कूल परिसर के अंदर इसप्रकार की गतिविधियां निंदनीय।

Body:शिक्षण संस्था और खेल मैदान में जानलेवा नशे की मौजूदगी किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। सरकारी स्कूल परिसर में बड़ी तादाद में पड़े इंजेक्शन व खाली शीशी यह बताने के लिए काफी है कि शहर का युवा वर्ग किस हद तक खतरनाक नशे की गिरफ्त आ चूका है। नशेडिय़ो ने राजकीय विद्यालय में बनाई जा रही एलीमेंट्री विंग की बिल्डिंग को अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया है। निर्माणधीन कमरों की शरण में नशे की लत के शिकार अपने शरीर में इंजेक्शन गोदते है । कुछ ऐसा ही हाल स्कूल के प्ले ग्राउंड का भी है। मैदान में सैकड़ो की संख्या में यूज किये गई सिरिंज व मेडिसन की खाली शीशिया हर तरफ बिखरी पड़ी है। बड़ी संख्या में सिरिंज व इंजेक्शन मिलना इस बात को पुष्ट करता है कि यहाँ रोजाना नशे का इस्तेमाल किया जाता है। स्कूल परिसर के ऐसे हालत बेहद चिंता जनक है बावजूद इसके नशे के इस खेल पर रोक लगाने के लिए न तो स्कुल प्रबन्धन ने कोई कदम उठाया है और न ही प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई की जा रही है।

Conclusion:सस्ता और सुलभ होने के कारण युवा वर्ग मेडिकल नशे की तरफ बढ़ रहा है। सरकारी स्कूल की बिल्डिंग में यूज की गए सिरिंज के साथ फेनिरामाइन मलेट इंजेक्शन व पेंटाजोशिन इंजेक्शन की खाली शीशिया पाई गई है। ये दवाईया नशे के आदि युवा बड़ी आसानी से मेडिकल स्टोर से खरीद लेते है। डॉक्टरों के मुताबिक, इन दवाओं का इस्तेमाल एलर्जी, ड्रग रैशेज, खांसी के ईलाज व नीम बिहोशी के लिए किया जाता है। कुछ लोग नशे के लिए भी इस डोज को प्रयोग करते है। लेकिन ऐसा करना घातक साबित हो सकता है। वहीं एसएमसी के सदस्य व नगर पार्षद पंकज गुलाटी का कहना है कि युवा नशे की चपेट में आ रहा है। सीरिंज से नशा करना यह बहुत ही बुरी लत है। इसके लिए बच्चों को जागरूक करने की जरूरत है।

बाइट-1 इंद्रजीत कालिया, प्रिंसिपल
बाइट-2 पंकज गुलाटी, पार्षद नगरपालिका घरौंडा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.