करनाल: कैथल के युवक का शव करनाल के चमार खेड़ा गांव की नहर से बरामद हुआ है. खबर है कि कैथल के बरसाना गांव के रहने वाले पवन नाम के युवक ने डोंकी रास्ते के जरिए अमेरिका जाने की तीन बार कोशिश की, लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाया. इसी के चलते वो तनाव में था. उसका शव शुक्रवार को करनाल के चमार खेड़ा गांव की नहर से मिला .
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार कैथल जिले के बरसाना गांव का 21 वर्षीय पवन, डोंकी के जरिए अमेरिका में जाना चाहता था, लेकिन तीन बार कोशिश करने के बाद भी वो अमेरिका नहीं पहुंच पाया. जिसके चलते वो अपना मानसिक संतुलन खो बैठा.
अब तक पवन ने तीन बार अमेरिका जाने की कोशिश की. तीनों ही बार डोंकी के जरिए वो अमेरिका में जाना चाहता था, लेकिन कई देश में घूमने के बाद वो अमेरिका नहीं पहुंच पाया. जिसके चलते वो 20 नवंबर को तीसरी बार अमेरिका जाने से पहले ही रास्ते से वापस आ गया. जब वो घर आया तो काफी तनाव में था. परिवार वालों की तरफ से उसे समझाया भी गया कि कोई बात नहीं. पवन के परिवार में पहले भी कई सदस्य विदेश में रहते हैं. उनको देखकर ही पवन भी विदेश जाना चाहता था, लेकिन समझाने के बावजूद भी वो अपना मानसिक संतुलन पूरे तरीके से खो बैठा और घर से 20 नवंबर को ही वो बाइक लेकर निकला. - बलवीर, मृतक पवन के परिजन
परिजनों को जब पवन की बाइक की जानकारी मिली, तो इसकी सूचना कुरुक्षेत्र पुलिस को दी. कुरुक्षेत्र पुलिस तभी से गोताखोरों की मदद से उसको ढूंढने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसका नहर में कोई भी सुराग नहीं लगा. शुक्रवार को करनाल के चमार खेड़ा गांव के लोगों ने नहर में युवक का शव देखा. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने गोताखोर प्रगट सिंह की टीम को भी मौके पर बुलाया. इस दौरान पवन के परिजन भी मौके पर पहुंच गए. जब शव को नहर से बाहर निकाला गया, तो परिवार वालों ने पवन की पहचान की और कहा कि ये उनका ही बेटा है.
करनाल के चमार खेड़ा गांव के लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी कि नहर में कोई शव पड़ा है. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकला. जिसकी शिनाख्त हो गई है. शव को फिलहाल करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया है. जहां पोस्टमार्टम कर पवन के शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा. परिजनों के बयान पर आगामी कार्रवाई की जाएगी- ऋषिपाल जांच अधिकारी
क्या है डोंकी रास्ता: आसान भाषा में कहें तो अवैध तरीके से विदेश जाने के तरीके को डोंकी कहते हैं. इसमें एजेंट युवाओं से भारी भरकम फीस वसूलते हैं और बिना वीजा के उन्हें दूसरे देश पहुंचाते हैं. इसके लिए युवाओं को कई-कई दिन घने जंगलों में चलना पड़ता है. पानी के रास्ते सफर करना पड़ता है. इसके अलावा उन्हें एक ही गाड़ी में ठूंसकर सफर कराया जाता है, ताकि वो दूसरे देश पहुंच सके.