करनाल: गेहूं की फसल किसानों के खेतों में लहरा रही है. जो कुछ ही समय में पक कर तैयार हो जाएगी. वहीं, अब तक गेहूं की फसल काफी अच्छी रही है. अबकी बार कोई भी कीट या रोग गेहूं में नहीं आया है. जिसके चलते किसानों को उम्मीद है, कि अबकी बार गेहूं की फसल काफी बेहतर होगी और अच्छा उत्पादन देगी. लेकिन पिछले कुछ दिन से किसानों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है, कि अबकी बार समय से पहले ज्यादा गर्मी पड़ गई है. अचानक से इतनी ज्यादा गर्मी के बढ़ने से गेहूं की पैदावार प्रभावित हो सकती है.
गेहूं की जबरदस्त पैदावार: जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रदीप ने बताया जितना भी रकबा अबकी बार गेहूं का है, सभी किसानों की गेहूं की फसल काफी अच्छी है. लेकिन, समय से पहले गर्मी होने के चलते किसानों की गेहूं की फसल की पैदावार प्रभावित हो सकती है. क्योंकि खेतों में खड़ी गेहूं की फसल में दाना परिपक्वता की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में किसान की निगाहें आसमान पर टिकी हुई हैं. क्योंकि तापमान का एकदम से बढ़ जाना गेहूं के लिए अच्छा नहीं होता.
बढ़ती गर्मी से गेहूं पर असर: पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष तापमान अधिक बढ़ा हुआ है. जिससे गेहूं का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. जो समय गेहूं का अब चल रहा है, इस समय में गेहूं की बाली में दाना बनता है और तेज गर्मी होने के चलते दाना पूरी तरह से पक नहीं पाता. वह सिकुड़ कर छोटा हो जाता है और गेहूं का दाना उतना बड़ा नहीं बन पाता जितना उसको बनाना चाहिए. आकार में वह छोटा रह जाता है. आकार छोटा होने की वजह से वह वजन भी कम देता है. क्योंकि दाने के सिकुड़ने से वह हल्का हो जाता है. ऐसे में गेहूं की फसल का 30 फीसदी तक उत्पादन कम हो जाता है.
किसान जरूर बरतें सावधानी: जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि, अगर एकदम से गर्मी बढ़ जाती है. तो ऐसे में वह गेहूं के लिए खतरनाक हो सकती है. फसल को प्रभावित कर सकती है. इसलिए किसान भाई अपने गेहूं के खेत में पोटेशियम नाइट्रेट 4 किलोग्राम दवाई का 200 लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाकर अपने खेत में स्प्रे करें. जिस किसान भाई की गेहूं की फसल की बिजाई पछेती है. वह इस दवाई का स्प्रे 10 दिन के अंतराल में दो बार करें.
ऐसे करें फसल की देखभाल: ऐसा करने से किसानों की गेहूं की फसल पर एकदम से गर्मी का प्रकोप नहीं बढ़ेगा और जो दाने के परिपक्वता का समय है. वह कुछ दिन के अंदर ही पक जाएगी. उसके बाद ज्यादा गर्मी से फसल पर कोई भी प्रभाव नहीं होगा. इसलिए जो आने वाले 15 दिन हैं. उन दिनों के दौरान किसान भाई को अपने गेहूं की फसल की ज्यादा देखभाल करने की आवश्यकता है. क्योंकि इन दिनों में गेहूं की बाली में दाना बनता है. अगर किसी भी कारणवश वह दाना सिकुड़ कर छोटा रह जाता है, तो उस से गेहूं के उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है.
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