करनाल: हरियाणा में कुछ दिन पहले बेमौसम बरसात से किसानों की फसल तबाह हो गया था. जिसका खामियाजा किसान अभी तक झेल रहे थे. कुछ ही दिन हुए थे, अच्छी धूप खिली थी मौसम अच्छा था. तो फसल कटाई जोरों पर थी लेकिन एक बार फिर मौसम ने अचानक करवट ली है. उत्तर भारत के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है. ऐसे में किसान एक बार फिर परेशानियों के घेरे में आ गए हैं. इस बरसात से फिर मंडी में रखी गेहूं की फसल पर पानी फिर गया है.
मंडी में पानी-पानी: तस्वीरें भी आप देख सकते हैं किस तरह से पूरी मंडी अनाज से भरी पड़ी है, जो कि पानी में नजर आ रही है. वही पिछले काफी समय से हम भी ऐसी खबरों को प्रमुखता से दिखा रहे हैं. जिसमें अनाज मंडी में गेहूं उठाने के काम में काफी ढील बरती जा रही है. जिसके कारण किसानों को गेहूं डालने के लिए जगह नहीं मिल पा रही.
प्रशासन के सिर्फ दावे: जिला प्रशासन अनाज मंडी में पुख्ता प्रबंधों का दावा जरूर करता है, लेकिन धरातल पर ये दावे पानी-पानी होते नजर आ रहे हैं. ये दावे केवल बातों तक ही सीमित रह गए हैं. मौसम विभाग ने पहले ही 2 दिन की बरसात की जानकारी साझा की थी. लेकिन, अनाज को प्रोटेक्ट करने के लिए प्रशासन द्वारा किए गए किसी तरह के बंदोबस्त यहां नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे एक बार फिर अन्नदाता मायूस हैं.
मायूस किसान: अनाज मंडी में आए एक किसान का कहना है कि वह अपने करीब 3 एकड़ की गेहूं की फसल लेकर मंडी पहुंचे हैं. लेकिन पिछले कई घंटों से अनाज मंडी में जगह न होने के कारण उसको खड़े रहना पड़ा और बरसात होने से कुछ समय पहले ही उसका गेहूं ट्रैक्टर ट्रॉली से नीचे उतारा गया था. बरसात आते ही एकदम से गेहूं गिला हो गया. जिसे उस को काफी नुकसान हो गया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार के द्वारा अनाज मंडी फिटिंग का कार्य तेजी से किया होता, तो किसानों को आज के बरसात में इतना नुकसान नहीं हो पाता.
किसानों की बढ़ गई टेंशन: वहीं, एक अन्य किसान संजीव ने बताया कि मंडी में गेहूं की बोरियां भरी हुई पड़ी हैं. जिसको उठाने के लिए जिला प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा. अनाज मंडी में मात्र तीन ही शेड है. जिनके नीचे बोरियां लगी हुई है. सरकार जो गेहूं खरीद से पहले गेहूं खरीद की तैयारियों की बात करती है, यह सिर्फ उनकी झूठी बातें होती हैं. धरातल पर आकर कोई भी काम नहीं होता. जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. आज कुछ देर ही बरसात हुई और उससे किसानों की गेहूं बरसात में गीली हो गई और कुछ गेहूं बरसात के पानी में बहकर नालियों में चली गई. जो कुछ गेंहू बची है, अब उसका उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा.
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दो दिन में और कितना नुकसान!: सेवा सिंह किसान का कहना है, कि आज और कल 2 दिन के बरसात बताई हुई है. आज बरसात के साथ तेज हवा और ओलावृष्टि भी हुई, जिसे किसानों के खेत में खड़ी हुई गेहूं की फसल भी खराब हो गई है. पिछले कुछ दिनों में हुई बरसात से ही किसानों की 70% गेहूं खराब हो चुकी है. जो अधिक परसेंट बची थी आज और कल की बरसात से वह भी खराब हो जाएगी. आज बरसात के साथ काफी ओलावृष्टि हुई है. जिससे किसान को भारी नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि अगर अनाज मंडियों में गेहूं डालने के लिए जगह होती तो अब तक किसानों की काफी गेहूं कट चुकी होती.