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हरियाणा के किसानों के साथ धोखा: ऐसे फर्जीवाड़ा कर बिक रही है यूपी के किसानों की धान - करनाल धान खरीद न्यूज

Karnal Fraud Paddy Procurement: आढ़ती उनसे कम रेट पर फसल खरीदते हैं और हरियाणा के किसानों के नाम पर सरकार को एमएसपी पर बेचते हैं. इसके बदले यूपी के किसानों को नकद में भुगतान किया जाता है.

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ऐसे फर्जीवाड़ा कर बिक रही है यूपी के किसानों की धान
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Published : Oct 20, 2021, 7:27 PM IST

करनाल: जिला करनाल में धान की बम्पर आवक हो रही है. ट्रैक्टर ट्रालियों की लंबी कतारों की वजह से मंडियों के अंदर और सड़कों पर जाम की स्थिति है, हालत यह है कि लिफ्टिंग के लिए मंडियों में खरीद बंद करनी पड़ रही है, लेकिन इसी हाबड़-तोड़ की स्थिति के बीच कुछ आढ़ती यूपी से आ रहे किसानों से सस्ते में पीआर धान खरीद कर हरियाणा के किसानों के नाम एमएसपी पर बेच रहे हैं.

हरियाणा-यूपी सीमा पर मंगलोरा के पास प्रशासन ने नाकेबन्दी की है. एसडीओ लव कुमार की देखरेख में पुलिस की टीम यूपी से धान लाने वाले किसानों की चेकिंग कर रही है. दावा किए जा रहे हैं कि यूपी की धान लाने पर प्रतिबंध है, लेकिन वास्तव में प्रशासन के नाके फेल साबित हुए है. चेकिंग के बाद भी यूपी से आ रही पीआर धान करनाल अनाज मंडी में धड़ल्ले से बिक रही है.

ऐसे फर्जीवाड़ा कर बिक रही है यूपी के किसानों की धान, देखिए वीडियो

प्रशासन भले ही यूपी की धान रोकने के दावे कर रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश से धान की ना सिर्फ आवक जारी है, बल्कि मंडियों में बिक भी रही है. यूपी के किसानों के मुताबिक बिना पोर्टल रजिस्ट्रेशन के उनकी फसल आढ़ती की मदद से बिकती है. इसमें उन्हें प्रति किवंटल 100 से 200 रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. आढ़ती उनसे कम रेट पर फसल खरीदते हैं और हरियाणा के किसानों के नाम पर सरकार को एमएसपी पर बेचते हैं. इसके बदले यूपी के किसानों को नकद में भुगतान किया जाता है.

ये पढ़ें- धान खरीद नहीं होने पर बवाल: कुरुक्षेत्र के पिपली में 7 घंटे जाम लगाने के बाद किसानों ने खोला जीटी रोड

बता दें कि यूपी से पीआर धान लाने पर पाबंदी लगाई गई है. बॉर्डर पर नाके लगाकर चेकिंग करने का दावा किया जा रहा है. यूपी का जो भी किसान पीआर धान लेकर आता उसे वापस लौटाया जाना चाहिए. गेट पर फसल लाने वाले किसानों के दस्तावेज जांचे जाते है. गेट पर लगी ट्रालियों की कतार से लगभग यूपी से लाई गई 30 ट्रालियों को वापस भेजा गया है.

यूपी से धान लेकर आये किसानों ने बताया कि उन्होंने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया था, लेकिन अभी तक हरियाणा में फसल लाने की अनुमति नहीं दी गई है. फसल कट चुकी है ऐसे में धान मंडी लाना उनकी मजबूरी है. जिस रेट में भी बिक रही है वो अपनी फसलों को बेच रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी फसलों का तुरंत दाम मिल रहा है.

ये पढ़ें- हरियाणा के इस जिले में नागरिक अस्पताल के 6 डॉक्टरों खिलाफ FIR, जानें क्या है पूरा मामला

करनाल: जिला करनाल में धान की बम्पर आवक हो रही है. ट्रैक्टर ट्रालियों की लंबी कतारों की वजह से मंडियों के अंदर और सड़कों पर जाम की स्थिति है, हालत यह है कि लिफ्टिंग के लिए मंडियों में खरीद बंद करनी पड़ रही है, लेकिन इसी हाबड़-तोड़ की स्थिति के बीच कुछ आढ़ती यूपी से आ रहे किसानों से सस्ते में पीआर धान खरीद कर हरियाणा के किसानों के नाम एमएसपी पर बेच रहे हैं.

हरियाणा-यूपी सीमा पर मंगलोरा के पास प्रशासन ने नाकेबन्दी की है. एसडीओ लव कुमार की देखरेख में पुलिस की टीम यूपी से धान लाने वाले किसानों की चेकिंग कर रही है. दावा किए जा रहे हैं कि यूपी की धान लाने पर प्रतिबंध है, लेकिन वास्तव में प्रशासन के नाके फेल साबित हुए है. चेकिंग के बाद भी यूपी से आ रही पीआर धान करनाल अनाज मंडी में धड़ल्ले से बिक रही है.

ऐसे फर्जीवाड़ा कर बिक रही है यूपी के किसानों की धान, देखिए वीडियो

प्रशासन भले ही यूपी की धान रोकने के दावे कर रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश से धान की ना सिर्फ आवक जारी है, बल्कि मंडियों में बिक भी रही है. यूपी के किसानों के मुताबिक बिना पोर्टल रजिस्ट्रेशन के उनकी फसल आढ़ती की मदद से बिकती है. इसमें उन्हें प्रति किवंटल 100 से 200 रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. आढ़ती उनसे कम रेट पर फसल खरीदते हैं और हरियाणा के किसानों के नाम पर सरकार को एमएसपी पर बेचते हैं. इसके बदले यूपी के किसानों को नकद में भुगतान किया जाता है.

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बता दें कि यूपी से पीआर धान लाने पर पाबंदी लगाई गई है. बॉर्डर पर नाके लगाकर चेकिंग करने का दावा किया जा रहा है. यूपी का जो भी किसान पीआर धान लेकर आता उसे वापस लौटाया जाना चाहिए. गेट पर फसल लाने वाले किसानों के दस्तावेज जांचे जाते है. गेट पर लगी ट्रालियों की कतार से लगभग यूपी से लाई गई 30 ट्रालियों को वापस भेजा गया है.

यूपी से धान लेकर आये किसानों ने बताया कि उन्होंने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया था, लेकिन अभी तक हरियाणा में फसल लाने की अनुमति नहीं दी गई है. फसल कट चुकी है ऐसे में धान मंडी लाना उनकी मजबूरी है. जिस रेट में भी बिक रही है वो अपनी फसलों को बेच रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी फसलों का तुरंत दाम मिल रहा है.

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