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करनाल में कछुआ चाल से हो रहे अमरुत योजना के काम, समय सीमा बढ़ाने के बाद भी अधूरे पड़े प्रोजेक्ट

सीएम सिटी करनाल में अमरुत योजना के काम कछुआ चाल से हो रहे हैं. दो बार समयसीमा बढ़ाई जा चुकी है लेकिन अभी तक काम अधूरे पड़े हैं.

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Published : Feb 22, 2021, 6:33 PM IST

Updated : Mar 2, 2021, 1:56 PM IST

करनाल: अमरुत योजना के तहत शहर में सीवरेज, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, पेयजल व बरसाती पानी निकासी के प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं. अटल मिशन के तहत दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण और सीवरेज पाइप लाइन बिछाने की समय सीमा एक बार फिर से आगे बढ़ा दी गई है. पहले भी दो बार समय सीमा को बढ़ाया जा चुका. निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन बेहद धीमी गति से. नगर निगम आयुक्त ने इसके लिये निर्माण कंपनी के अधिकारियों को लताड़ लगाई है.

राज्य सरकार ने फिर से कायाकल्प और शहरी परिवर्तन (एएमआरयूटी) योजना के लिए अटल मिशन के तहत दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण और सीवरेज पाइपलाइन बिछाने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब मई तक काम पूरा होना है। ठेकेदार 23 अक्टूबर 2019, और दूसरा 31 दिसंबर, 2020 दो बार समय सीमा समाप्त कर चुका है.

शहर को सीवरेज व बरसाती पानी की निकासी की समस्या से निजात और सबको शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए चल रही अमरुत योजना की कछुआ चाल लोगों को मुसीबत बनी है। 153 करोड़ खर्च होने के बाद भी ये समस्या तो बरकरार ही हैं, इनको लेकर हुई खोदाई के चलते मुसीबत और बढ़ गई है। प्रोजेक्ट डेडलाइन से दो बार समय सीमा बीतने के बाद 30 से 40 फीसद तक अधूरे हैं।

ये भी पढ़ें- हरियाणा में 24 फरवरी से खुलेंगे प्राइमरी स्कूल, 3 घंटे की होगी क्लास


इनका काम करने वाली तीनों एजेंसियों पर अबतक करीब 24-25 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है लेकिन काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। अब उन्हें मई तक डेड लाइन दी गई है लेकिन नहीं लगता है नहीं कि यह पूरा हो पाएगा। पेयजल और सीवरेज लाइन के लिए खोदाई के चलते इसके चलते कैलाश, फूसगढ़, इंद्री रोड पर सीवरेज व डब्ल्यूजेसी के साथ सहित कई क्षेत्रों में कहीं सड़क निर्माण अटका है। यहां रोजाना हादसे हो रहे हैं?

दो एसटीपी का निर्माण

  • फूसगढ़ में 20 मिलियन लीटर प्रति दिन (MLD) की क्षमता के साथ और दूसरा 8 MLD की शिव कॉलोनी में
  • 151 किलोमीटर लंबी सीवेज पाइपलाइनों को बिछाने का काम 15 नवंबर, 2017 को शुरू हुआ था। परियोजना की अनुमानित लागत 178 करोड़ रुपये थी.
  • अधिकारियों का कहना है कि पाइपलाइन का 14 किलोमीटर लंबा काम लंबित है। एसटीपी के लिए लगभग 30 प्रतिशत निर्माण कार्य लंबित है। इसमे कोई दोराय नही कि काम की गति धीमी है।

नगर निगम आयुक्त विक्रम यादव ने कहा कि मैंने हाल ही में इस योजना के तहत विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की है। इसमें कोई शक नहीं, काम निधारित समय के मुताबिक पीछे चल रहा है। उन्होंने कहा इस पर संज्ञान लिया गया है और इस कार्य को करने वाली कंपनी के अधिकारियों को भी सख्ती से दिशा निर्देश दिए गए ।

ये भी पढ़ें- हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने रद्द की टीजीटी इंग्लिश भर्ती

करनाल: अमरुत योजना के तहत शहर में सीवरेज, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, पेयजल व बरसाती पानी निकासी के प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं. अटल मिशन के तहत दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण और सीवरेज पाइप लाइन बिछाने की समय सीमा एक बार फिर से आगे बढ़ा दी गई है. पहले भी दो बार समय सीमा को बढ़ाया जा चुका. निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन बेहद धीमी गति से. नगर निगम आयुक्त ने इसके लिये निर्माण कंपनी के अधिकारियों को लताड़ लगाई है.

राज्य सरकार ने फिर से कायाकल्प और शहरी परिवर्तन (एएमआरयूटी) योजना के लिए अटल मिशन के तहत दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण और सीवरेज पाइपलाइन बिछाने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब मई तक काम पूरा होना है। ठेकेदार 23 अक्टूबर 2019, और दूसरा 31 दिसंबर, 2020 दो बार समय सीमा समाप्त कर चुका है.

शहर को सीवरेज व बरसाती पानी की निकासी की समस्या से निजात और सबको शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए चल रही अमरुत योजना की कछुआ चाल लोगों को मुसीबत बनी है। 153 करोड़ खर्च होने के बाद भी ये समस्या तो बरकरार ही हैं, इनको लेकर हुई खोदाई के चलते मुसीबत और बढ़ गई है। प्रोजेक्ट डेडलाइन से दो बार समय सीमा बीतने के बाद 30 से 40 फीसद तक अधूरे हैं।

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इनका काम करने वाली तीनों एजेंसियों पर अबतक करीब 24-25 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है लेकिन काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। अब उन्हें मई तक डेड लाइन दी गई है लेकिन नहीं लगता है नहीं कि यह पूरा हो पाएगा। पेयजल और सीवरेज लाइन के लिए खोदाई के चलते इसके चलते कैलाश, फूसगढ़, इंद्री रोड पर सीवरेज व डब्ल्यूजेसी के साथ सहित कई क्षेत्रों में कहीं सड़क निर्माण अटका है। यहां रोजाना हादसे हो रहे हैं?

दो एसटीपी का निर्माण

  • फूसगढ़ में 20 मिलियन लीटर प्रति दिन (MLD) की क्षमता के साथ और दूसरा 8 MLD की शिव कॉलोनी में
  • 151 किलोमीटर लंबी सीवेज पाइपलाइनों को बिछाने का काम 15 नवंबर, 2017 को शुरू हुआ था। परियोजना की अनुमानित लागत 178 करोड़ रुपये थी.
  • अधिकारियों का कहना है कि पाइपलाइन का 14 किलोमीटर लंबा काम लंबित है। एसटीपी के लिए लगभग 30 प्रतिशत निर्माण कार्य लंबित है। इसमे कोई दोराय नही कि काम की गति धीमी है।

नगर निगम आयुक्त विक्रम यादव ने कहा कि मैंने हाल ही में इस योजना के तहत विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की है। इसमें कोई शक नहीं, काम निधारित समय के मुताबिक पीछे चल रहा है। उन्होंने कहा इस पर संज्ञान लिया गया है और इस कार्य को करने वाली कंपनी के अधिकारियों को भी सख्ती से दिशा निर्देश दिए गए ।

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Last Updated : Mar 2, 2021, 1:56 PM IST
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