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देश में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन, उच्च क्वालिटी के गेहूं की निर्यात की तैयारी

देश ने गेहूं उत्पादन में नए लक्ष्य को प्राप्त किया है. किसानों और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की मेहनत की ही नतीजा है कि आज भारत 102 मिलियन टन गेहूं के साथ फल फूल रहा है.

गेहूं
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Published : Oct 5, 2019, 10:32 PM IST

करनाल: 102 मिलियन टन के साथ भारत ने गेहूं उत्पादन में एक नए आयाम को छुआ है. ये लक्ष्य भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित उच्च गुणवत्ता युक्त किस्म और किसानों की कड़ी मेहनत के कारण संभव हो पाया है. इस बात की जानकारी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के उप महानिदेशक आनंद कुमार सिंह ने दी.

किसानों की आय हो सकती है दोगुना- किसान वैज्ञानिक
आनंद कुमार सिंह ने बताया कि अगर किसान वैज्ञानिक खेती अपना ले तो 4 साल में ही उसकी आय दोगुनी ही बल्कि 3 से 4 गुना भी हो सकती है. आनंद सिंह ने कहा कि उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ उनका लक्ष्य गेहूं निर्यात करने का भी है, ताकि किसानों को फायदा ज्यादा हो.

ये भी पढ़ें- VIDEO: देखिए ये जनाब हैं हरियाणा पुलिस के जवान, बसों में करते हैं फ्री सफर

विदेशों में उच्च क्वालिटी के गेहूं के निर्यात की तैयारी
उन्होंने बताया कि विदेशों में अधिकतर खाने में ब्रेड का प्रयोग होता है. जिसके लिए विशेष गुणवत्ता युक्त गेहूं का उत्पादन किया जाना है और इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, अगर हम इसमें सफल हो गए तो किसानों का गेहूं विदेशों में बिक सकेगा.

गेहूं उत्पादन में देश ने छुए नए आयाम, देखें वीडियो

पराली का भी जल्द होगा समाधान
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है, जिसके निपटान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान काम कर रहा है. इसके द्वारा किए गए प्रयासों से पिछले सालों के मुकाबले फसल अवशेषों को जलाने में काफी कमी आई है. हमें अवशेषों के उपयोग और इसकी खाद बनाने पर ध्यान देना होगा.

उन्होंने कहा कि किसान की आय को दोगुना करने में नई तकनीक कारगर साबित होगी. संस्थान द्वारा हाल ही में गेहूं की नई किस्म विकसित की गई है, इसके बेहतर परिणाम मिलेंगे. इसका इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इसमें उत्पादन ज्यादा मिलता है और बीमारी का प्रकोप भी बहुत कम होता है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में 16 और 17 नवम्बर को आयोजित करवाई जाएगी HTET परीक्षा

बता दें कि इस मौके पर संस्थान द्वारा हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित अन्य राज्यों से आए किसानों को इसने किस्म का बीज वितरित किया गया. कार्यशाला में कृषि उत्पादन की नई किस्म का प्रदर्शन और किसानों को इसके इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई.

करनाल: 102 मिलियन टन के साथ भारत ने गेहूं उत्पादन में एक नए आयाम को छुआ है. ये लक्ष्य भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित उच्च गुणवत्ता युक्त किस्म और किसानों की कड़ी मेहनत के कारण संभव हो पाया है. इस बात की जानकारी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के उप महानिदेशक आनंद कुमार सिंह ने दी.

किसानों की आय हो सकती है दोगुना- किसान वैज्ञानिक
आनंद कुमार सिंह ने बताया कि अगर किसान वैज्ञानिक खेती अपना ले तो 4 साल में ही उसकी आय दोगुनी ही बल्कि 3 से 4 गुना भी हो सकती है. आनंद सिंह ने कहा कि उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ उनका लक्ष्य गेहूं निर्यात करने का भी है, ताकि किसानों को फायदा ज्यादा हो.

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विदेशों में उच्च क्वालिटी के गेहूं के निर्यात की तैयारी
उन्होंने बताया कि विदेशों में अधिकतर खाने में ब्रेड का प्रयोग होता है. जिसके लिए विशेष गुणवत्ता युक्त गेहूं का उत्पादन किया जाना है और इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, अगर हम इसमें सफल हो गए तो किसानों का गेहूं विदेशों में बिक सकेगा.

गेहूं उत्पादन में देश ने छुए नए आयाम, देखें वीडियो

पराली का भी जल्द होगा समाधान
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है, जिसके निपटान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान काम कर रहा है. इसके द्वारा किए गए प्रयासों से पिछले सालों के मुकाबले फसल अवशेषों को जलाने में काफी कमी आई है. हमें अवशेषों के उपयोग और इसकी खाद बनाने पर ध्यान देना होगा.

उन्होंने कहा कि किसान की आय को दोगुना करने में नई तकनीक कारगर साबित होगी. संस्थान द्वारा हाल ही में गेहूं की नई किस्म विकसित की गई है, इसके बेहतर परिणाम मिलेंगे. इसका इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इसमें उत्पादन ज्यादा मिलता है और बीमारी का प्रकोप भी बहुत कम होता है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में 16 और 17 नवम्बर को आयोजित करवाई जाएगी HTET परीक्षा

बता दें कि इस मौके पर संस्थान द्वारा हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित अन्य राज्यों से आए किसानों को इसने किस्म का बीज वितरित किया गया. कार्यशाला में कृषि उत्पादन की नई किस्म का प्रदर्शन और किसानों को इसके इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई.

Intro:102 मीट्रिक टन के साथ देश ने छुआ गेहूं उत्पादन की नई ऊंचाइयों को, अब विदेशों में उच्च क्वालिटी के गेहूं निर्यात की तैयारी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के उप महानिदेशक आनंद कुमार सिंह ने दी जानकारी, राष्ट्रीय गेहूं संधान संस्थान करनाल में राष्ट्रीय बीज दिवस पर कृषि विज्ञानिक कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन और नई किस्मों से कराया गया रूबरू, हरियाणा समेत उत्तर भारत के किसानों ने लिया भाग, संस्थान द्वारा विकसित गेहूं की नई प्रजाति करण वंदना से बहू रंगे किसानों के दिन बेहतर उत्पादन के साथ होगा बीमारियों के से बचाव ।


Body:102 मीट्रिक टन के साथ भारत में गेहूं उत्पादन में एक नए आयाम को छुआ है । ये लक्ष्य भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित उच्च गुणवत्ता युक्त किस्म और किसानों की कड़ी मेहनत के कारण संभव हो पाया है । करनाल में यह जानकारी देते हुए कृषि विभाग के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के उप महानिदेशक आनंद कुमार सिंह ने बताया कि अगर किसान वैज्ञानिक खेती अपना ले तो 4 साल में ही अब उसकी आय दुगनी ही नहीं अपितु 3 से 4 गुना भी हो सकती है । वह आज करनाल स्थित राष्ट्रीय गेहूं अनुसंधान संस्थान में आयोजित बीज दिवस एवं कृषक वैज्ञानिक कार्यशाला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे ।


Conclusion:आनंद सिंह ने कहा कि उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ उनका लक्ष्य गेहूं निर्यात करने का भी है ताकि किसानों को फायदा ज्यादा हो । विदेशों में अधिकतर खाने में ब्रेड का प्रयोग होता है जिसके लिए विशेष गुणवत्ता युक्त गेहूं का उत्पादन किया जाना है और इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, अगर हम इस में सफल हो गए तो किसानों का गेहूं विदेशों में बिक सकेगा ।

उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है, जिसकी निपटान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान काम कर रहा है । इसके द्वारा किए गए प्रयासों से पिछले सालों के मुकाबले फसल अवशेषों को जलाने में काफी कमी आई है । हमें अवशेषों के उपयोग और इसकी खाद बनाने पर ध्यान देना होगा । उन्होंने कहा कि किसान की आय को दोगुना करने की नई तकनीक कारगर साबित होगी । संस्थान द्वारा हाल ही में गेहूं की नई किस्म विकसित की गई है इसके बेहतर परिणाम मिलेंगे । इसका इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इसमें उत्पादन या ज्यादा मिलता है और बीमारी का प्रकोप भी बहुत कम होता है इस मौके पर संस्थान द्वारा हरियाणा राजस्थान उत्तर प्रदेश पंजाब सहित अन्य राज्यों से आए किसानों को इसने किस्म का बीज वितरित किया गया । कार्यशाला के में कृषि उत्पादन की नई किस्म का प्रदर्शन और किसानों को इसके इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई ।

बाईट - भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के उप महानिदेशक आनंद कुमार सिंह
बाईट - किसान विजेंदर सिंग
बाईट - किसान अमरीक सिंह
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