करनाल: कोरोना महामारी ने जन-जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है. इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में अब करनाल के सरकारी अध्यापक सामने आए हैं. शिक्षकों ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के साथ मिलकर कोरोना हेल्प डेस्क बनाया है. जिसका नंबर 1950 है. इस नंबर पर कॉल करके कोई भी करनाल निवासी स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी ले सकता है. जानकारी चाहे वो अस्पताल में ICU बेड की हो या ऑक्सीजन बेड की, कोरोना टेस्ट की हो या वैक्सीनेशन की, एम्बुलेंस की हो या फिर दवाइयों की.
करनाल के अलग-अलग सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले 28 टीचर्स ये बीड़ा उठाया है. ये टीचर्स अलग-अलग शिफ्ट में 24 घंटे यहां ड्यूटी देते हैं, ताकि अगर किसी को रात में बेड की जानकारी लेनी है तो भी दी जा सके. इन टीचर्स के साथ शिफ्ट में एक डॉक्टर भी रहता है, ताकि स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी लोगों तक आसानी से पहुंच सके. फोन करने वालों का नंबर भी नोट कर लिया जाता है ताकि व्हाट्सएप के ज़रिए भी उन्हें ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जा सके.
लॉकडाउन के पहले चरण में भी अध्यापकों ने बढ़-चढ़कर योगदान दिया था, चाहे लोगों के घर तक कर राशन पहुंचाना हो, बच्चों को पुस्तके पहुंचानी हो, या फिर एयरपोर्ट से यात्रियों को लाना हो. ग्रामीण इलाकों में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी अध्यापकों ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से की थी. अब कोरोना की दूसरी लहर में भी शिक्षक स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर हेल्प डेस्क लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान करने में जुटे हुए हैं.
करनाल के इन अध्यापकों के जज्बे को हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने भी सराहा है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि समाज में ऐसे लोगों की ज़रूरत है, जो आगे बढ़ चढ़कर काम कर रहे हैं. उनके जज्बे को सलाम है.
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बड़ी बात ये है कि ये सभी 28 टीचर फ्री में लोगों की सेवा कर रहे हैं. ना तो किसी तरह की सेलरी ले रहे हैं और ना ही किसी से जानकारी के बदले कोई पैसा ले रहे हैं. कोरोना वॉरियर्स के तौर पर करनाल के टीचर इस महामारी को हराने के लिए आगे आए हैं. इस कोरोना हेल्प डेस्क के जरिए अध्यापक कोरोना मरीजों का इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करवाते ही हैं, वहीं परेशान लोग इनसे संपर्क कर मनोवैज्ञानिक तरीका भी जान सकते हैं.