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करनाल में टीबी रोग का बढ़ रहा खतरा, आखिर कैसे टीबी मुक्त होगा जिला?

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Published : Dec 19, 2022, 10:56 PM IST

करनाल जिले में पिछले चार सालों में टीबी मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. टीबी नोडल अधिकारी व डिप्टी सिविल सर्जन सिमी कपूर ने बताया कि पिछले चार सालों में टीबी के कुल 16,947 मरीज सामने आए हैं. इनमें से 655 टीबी के मरीजों की मौत हो चुकी है. जिले में टीबी मरीजों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ने लगी हैं. पढ़ें पूरी खबर... (TB patients Increased in Karnal district )

TB patients Increased in Karnal district
करनाल में टीबी रोग का बढ़ रहा खतरा.
करनाल में टीबी रोग का बढ़ रहा खतरा.

करनाल: हरियाणा के करनाल में टीबी रोग का खतरा बढ़ रहा है. जिले में टीबी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिस प्रकार से टीबी का सफल इलाज होने से मरीजों की संख्या में कमी आई चाहिए थी, लेकिन कहीं ना कहीं लापरवाही बरतने से टीबी मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. ऐसे में वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान पूरा होता नजर नहीं आ रहा है. इसका अंदाजा टीबी के बढ़ते मामलों से ही लगाया जा सकता है. (TB free campaign in Karnal)

जिले में टीबी मरीजों की संख्या का आंकड़ा बताते हुए टीबी नोडल अधिकारी व डिप्टी सिविल सर्जन सिमी कपूर ने बताया कि पिछले चार सालों में टीबी के कुल 16,947 मरीज सामने आए हैं. इनमें से 655 टीबी के मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं, फिलहाल जिले में 2074 मरीजों की दवा चल रही है. टीबी मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होना मुख्य कारण जागरूकता की कमी बताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई जागरूकता कार्यक्रम और शिविरों के आयोजनों करने के बाद भी जिले के लोगों में जागरूकता की कमी है. लोग स्वयं स्वास्थ्य केंद्रों में जांच के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग को घर-घर दस्तक देनी पड़ रही है. (TB free campaign in haryana )

TB patients Increased in Karnal district
टीबी को लेकर जागरूकता संदेश.

टीबी विभाग में कार्यरत विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप ने बताया कि छाती में कफ जमना, तीन सप्ताह या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी का आना, खांसी के साथ खून आना, वजन में लगातार गिरावट आना, थकान का अनुभव होना, बुखार आना, रात में पसीना आना, ठंड लगना, सीने में दर्द का होना, सांस लेने में तकलीफ होना व भूख की कमी महसूस होने इसके लक्षण हैं. इस प्रकार के लक्षण महसूस होने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच कराएं और दवाई शुरू करें. (TB patients Increased in Karnal district) (District TB Center Karnal)

TB patients Increased in Karnal district
जिला नागरिक अस्पताल करनाल.
आइए वर्ष अनुसार प्रदेश में टीबी के मरीजों पर एक नजर डालते हैं...
वर्ष मरीज मौत
2019 3854 153
2020 4312 154
2021 4274 184
2022 4507 164
कुल 16,947 655



आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल 26 लाख केस टीबी के मिलते हैं. इनमें से पांच लाख की मौत हो जाती है. हरियाणा में एक लाख पर 265 मरीज फिलहाल टीबी के मरीज मिल रहे हैं. इन्हें वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत एक लाख पर 10 मरीज तक लेकर आने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए वे प्रयास जारी है.

धूम्रपान से खतरा: चिकित्सकों का मानना है कि धूम्रपान के कारण टीबी और कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. विश्व भर में 80 लाख और देश भर में 13 लाख लोग तंबाकू की वजह से अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं. पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े का कैंसर सबसे अधिक रहे हैं. फेफड़े के कैंसर का प्रमुख कारण धूम्रपान है. प्रदेश में हर साल 77 हजार मौतें तंबाकू खाने की वजह से हो रही है. (symptoms of TB)

इन लक्षणों पर सचेत होना जरूरी

  1. लंबे समय तक खांसी
  2. बलगम के साथ खून आना
  3. सांस का फूलना
  4. सीने में दर्द होना
  5. वजन का तेजी से कम होना
  6. भूख ना लगना
  7. आवाज में बदलाव आना
  8. कंधे और हाथ में दर्द होना

ये भी पढ़ें: 2025 तक भारत से टीबी उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत : राष्ट्रपति मुर्मू

करनाल में टीबी रोग का बढ़ रहा खतरा.

करनाल: हरियाणा के करनाल में टीबी रोग का खतरा बढ़ रहा है. जिले में टीबी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिस प्रकार से टीबी का सफल इलाज होने से मरीजों की संख्या में कमी आई चाहिए थी, लेकिन कहीं ना कहीं लापरवाही बरतने से टीबी मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. ऐसे में वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान पूरा होता नजर नहीं आ रहा है. इसका अंदाजा टीबी के बढ़ते मामलों से ही लगाया जा सकता है. (TB free campaign in Karnal)

जिले में टीबी मरीजों की संख्या का आंकड़ा बताते हुए टीबी नोडल अधिकारी व डिप्टी सिविल सर्जन सिमी कपूर ने बताया कि पिछले चार सालों में टीबी के कुल 16,947 मरीज सामने आए हैं. इनमें से 655 टीबी के मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं, फिलहाल जिले में 2074 मरीजों की दवा चल रही है. टीबी मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होना मुख्य कारण जागरूकता की कमी बताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई जागरूकता कार्यक्रम और शिविरों के आयोजनों करने के बाद भी जिले के लोगों में जागरूकता की कमी है. लोग स्वयं स्वास्थ्य केंद्रों में जांच के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग को घर-घर दस्तक देनी पड़ रही है. (TB free campaign in haryana )

TB patients Increased in Karnal district
टीबी को लेकर जागरूकता संदेश.

टीबी विभाग में कार्यरत विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप ने बताया कि छाती में कफ जमना, तीन सप्ताह या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी का आना, खांसी के साथ खून आना, वजन में लगातार गिरावट आना, थकान का अनुभव होना, बुखार आना, रात में पसीना आना, ठंड लगना, सीने में दर्द का होना, सांस लेने में तकलीफ होना व भूख की कमी महसूस होने इसके लक्षण हैं. इस प्रकार के लक्षण महसूस होने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच कराएं और दवाई शुरू करें. (TB patients Increased in Karnal district) (District TB Center Karnal)

TB patients Increased in Karnal district
जिला नागरिक अस्पताल करनाल.
आइए वर्ष अनुसार प्रदेश में टीबी के मरीजों पर एक नजर डालते हैं...
वर्ष मरीज मौत
2019 3854 153
2020 4312 154
2021 4274 184
2022 4507 164
कुल 16,947 655



आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल 26 लाख केस टीबी के मिलते हैं. इनमें से पांच लाख की मौत हो जाती है. हरियाणा में एक लाख पर 265 मरीज फिलहाल टीबी के मरीज मिल रहे हैं. इन्हें वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत एक लाख पर 10 मरीज तक लेकर आने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए वे प्रयास जारी है.

धूम्रपान से खतरा: चिकित्सकों का मानना है कि धूम्रपान के कारण टीबी और कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. विश्व भर में 80 लाख और देश भर में 13 लाख लोग तंबाकू की वजह से अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं. पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े का कैंसर सबसे अधिक रहे हैं. फेफड़े के कैंसर का प्रमुख कारण धूम्रपान है. प्रदेश में हर साल 77 हजार मौतें तंबाकू खाने की वजह से हो रही है. (symptoms of TB)

इन लक्षणों पर सचेत होना जरूरी

  1. लंबे समय तक खांसी
  2. बलगम के साथ खून आना
  3. सांस का फूलना
  4. सीने में दर्द होना
  5. वजन का तेजी से कम होना
  6. भूख ना लगना
  7. आवाज में बदलाव आना
  8. कंधे और हाथ में दर्द होना

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