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करनाल: छेड़छाड़ से परेशान छात्राओं ने जिला सचिवालय पर हल्ला बोला, स्कूल अपग्रेड करने की मांग - करनाल के गांव टपराना

करनाल के गांव टपराना के बच्चों ने गांव के आठवीं तक के स्कूल को 12वीं तक करने की मांग की है. उनका कहना है कि जब वो दूसरे गांव में पढ़ने जाते हैं, वहां के कुछ लोग उनके साथ छेड़छाड़ और मारपीट करते हैं.

टपराना गांव के स्कूली बच्चों का जिला सचिवालय पर हल्ला बोल
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Published : Aug 26, 2019, 7:59 PM IST

करनालः गांव टपराना के स्कूली छात्र-छात्राएं अभिवावकों के साथ 10 किलोमीटर पैदल चलकर जिला सचिवालय पहुंचे और जमकर हल्ला बोला. बच्चों का कहना है कि हम पढ़ना चाहते हैं लेकिन पढ़ नहीं सकते. अपने गांव से निकल कर गांव टिकरी में जब भी पढ़ने के लिए जाते हैं तो रास्ते में कुछ लोग उनके साथ छेड़खानी और बदतमीजी करते हैं.

टपराना गांव के स्कूली बच्चों का जिला सचिवालय पर हल्ला बोल

उनका ये भी कहना है कि अगर हमारे परिजन उन्हें रोकते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है. टिकरी गांव के बच्चे स्कूल में भी हमारे साथ गलत व्यवहार करते हैं. कभी कपड़े से अपने मुंह को ढक कर मारते हैं तो कभी छेड़खानी करते हैं. कभी-कभी लड़कियों के वॉशरूम जाने पर खिड़कियों से झांकते हैं, जिसके कारण सभी में डर बना हुआ है.

स्कूली छात्रा काजल ने बताया कि इस पूरे मामले की शिकायत स्कूल की प्रिंसिपल को कई बार की जा चुकी है, लेकिन सब अनदेखा किया जा रहा है. काजल ने कहा कि परेशान होकर सब करनाल उपायुक्त से मिलने पहुंचे, जिससे ठोस समाधान हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी ये भी मांग है कि हमारे टपराना गांव के स्कूल में ही 12वीं कक्षा तक स्कूल किया जाए ताकि इन समस्याओं से निजात मिल सके.

उन्होंने बताया कि जिला सचिवालय में उपायुक्त से मिलने पहुंचे, लेकिन उपायुक्त नहीं मिले. अन्य प्रशासनिक अधिकारी को अपनी समस्या से अवगत करा दिया गया है और उन्होंने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है.

बता दें कि गांव टपराना में आठवीं तक का स्कूल है, जिस वजह से बच्चों को दूसरे गांव में पढ़ने जाना पड़ता है. जिसके कारण उन्हें गांव के मनचले परेशान करते हैं. इन बच्चों के साथ इनके अभिभावक भी परेशान हैं और चाहते हैं कि गांव टपराना में ही 12वीं तक का स्कूल बनाया जाए.

करनालः गांव टपराना के स्कूली छात्र-छात्राएं अभिवावकों के साथ 10 किलोमीटर पैदल चलकर जिला सचिवालय पहुंचे और जमकर हल्ला बोला. बच्चों का कहना है कि हम पढ़ना चाहते हैं लेकिन पढ़ नहीं सकते. अपने गांव से निकल कर गांव टिकरी में जब भी पढ़ने के लिए जाते हैं तो रास्ते में कुछ लोग उनके साथ छेड़खानी और बदतमीजी करते हैं.

टपराना गांव के स्कूली बच्चों का जिला सचिवालय पर हल्ला बोल

उनका ये भी कहना है कि अगर हमारे परिजन उन्हें रोकते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है. टिकरी गांव के बच्चे स्कूल में भी हमारे साथ गलत व्यवहार करते हैं. कभी कपड़े से अपने मुंह को ढक कर मारते हैं तो कभी छेड़खानी करते हैं. कभी-कभी लड़कियों के वॉशरूम जाने पर खिड़कियों से झांकते हैं, जिसके कारण सभी में डर बना हुआ है.

स्कूली छात्रा काजल ने बताया कि इस पूरे मामले की शिकायत स्कूल की प्रिंसिपल को कई बार की जा चुकी है, लेकिन सब अनदेखा किया जा रहा है. काजल ने कहा कि परेशान होकर सब करनाल उपायुक्त से मिलने पहुंचे, जिससे ठोस समाधान हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी ये भी मांग है कि हमारे टपराना गांव के स्कूल में ही 12वीं कक्षा तक स्कूल किया जाए ताकि इन समस्याओं से निजात मिल सके.

उन्होंने बताया कि जिला सचिवालय में उपायुक्त से मिलने पहुंचे, लेकिन उपायुक्त नहीं मिले. अन्य प्रशासनिक अधिकारी को अपनी समस्या से अवगत करा दिया गया है और उन्होंने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है.

बता दें कि गांव टपराना में आठवीं तक का स्कूल है, जिस वजह से बच्चों को दूसरे गांव में पढ़ने जाना पड़ता है. जिसके कारण उन्हें गांव के मनचले परेशान करते हैं. इन बच्चों के साथ इनके अभिभावक भी परेशान हैं और चाहते हैं कि गांव टपराना में ही 12वीं तक का स्कूल बनाया जाए.

Intro:स्कूली लड़कियों के साथ छेड़खानी और बच्चो के साथ मारपीट को लेकर बच्चो समेत अभिवावक परेशान होकर पहुंचे जिला सचिवालय, बच्चों ने करनाल लघु सचिवालय मैं बोला हल्ला स्कूल छोड़ 10 किलोमीटर पैदल चल पहुंचे करनाल गांव में है आठवीं तक स्कूल पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है दूसरे गांव में जहां लड़कियों के साथ उस गांव के बच्चे करते हैं छेड़छाड़ कोई रोके तो करते हैं उनके साथ मारपीट स्कूल प्रशासन से आश्वासन या ठोस कार्रवाई ना होने पर किया प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ गांव के बच्चों और अभिभावकों अभिभावकों ने रुख ।


Body:जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को बुलंद करने में सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ रही वही सीएम के जिले करनाल के गांव टपराना का एक ऐसा मामला सामने आया है जहां के रहने वाले बच्चों को पढ़ाई करने के लिए दूसरे गांव के स्कूल का सहारा लेना पड़ता है क्योंकि खुद टपराना गांव में स्कूल आठवीं तक है और उसके बाद की पढ़ाई के लिए उन्हें दूसरे गांव टिकरी में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है । बच्चों का कहना है कि हम पढ़ना चाहते हैं लेकिन पढ़ नहीं सकते गांव टिकरी में जब भी पढ़ने के लिए जाते हैं तो रास्ते में राम के बच्चे हमारे साथ छेड़खानी और बदतमीजी करते हैं अगर हमारे परिजन उन्हें रोकते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है टिकरी गांव के बच्चे स्कूल में भी हमारे साथ गलत व्यवहार करते हैं कभी कपड़ा से अपने मुंह को ढक कर मारते हैं तो कभी छेड़खानी करते है तो कभी लड़कियों के वॉशरूम जाने पर खिड़कियों से झांगते हैं जिसके कारण हम सभी में डर बना हुआ है , जिसकी शिकायत स्कूल की बड़ी मैडम को कई बार की जा चुकी है लेकिन सब अनदेखा किया जा रहा है , जिसकी वजह से आज हम सब इकट्ठा हो करनाल उपायुक्त से मिलने पहुंचे हैं ताकि कोई भी ठोस समाधान हो सके हम सभी की मांग है कि हमारे टपराना गांव के स्कूल में ही 12वीं कक्षा तक स्कूल किया जाए ताकि इस समस्याओं से हमें निजात मिल सके।


Conclusion:बता दें कि गांव टपराना में आठवीं तक का स्कूल है जिस वजह से बच्चों को दूसरे काम में पढ़ने जाना पड़ता है जिसके कारण उन्हें गांव के मनचले स्कूल के बच्चे परेशान करते हैं जिससे इन बच्चों के साथ इनके अभिभावक भी परेशान है और वह यही चाहते हैं कि हमारे गांव टपराना में ही 12वीं तक का स्कूल बनाया जाए ताकि हम वहां चैन से पढ़ सकें कई कई दिन यह स्कूल में बच्चे नहीं जाते हैं क्योंकि इनसे यह सब देखा नहीं जाता जिस वजह से आज यह सभी बच्चे अपने गांव से पैदल चलकर जिला सचिवालय में उपायुक्त साहब को मिलने पहुंचे लेकिन उपायुक्तों मिले नहीं जिस वजह से अन्य प्रशासनिक अधिकारी को अपनी समस्या से अवगत करा दिया गया है और उनके द्वारा हमें आश्वासन भी मिला है ।

बाईट - काजल -स्कूली छात्रा- टपराना निवासी
बाईट - अभिवावक- राजेश कुमार
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