करनालः गांव टपराना के स्कूली छात्र-छात्राएं अभिवावकों के साथ 10 किलोमीटर पैदल चलकर जिला सचिवालय पहुंचे और जमकर हल्ला बोला. बच्चों का कहना है कि हम पढ़ना चाहते हैं लेकिन पढ़ नहीं सकते. अपने गांव से निकल कर गांव टिकरी में जब भी पढ़ने के लिए जाते हैं तो रास्ते में कुछ लोग उनके साथ छेड़खानी और बदतमीजी करते हैं.
उनका ये भी कहना है कि अगर हमारे परिजन उन्हें रोकते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है. टिकरी गांव के बच्चे स्कूल में भी हमारे साथ गलत व्यवहार करते हैं. कभी कपड़े से अपने मुंह को ढक कर मारते हैं तो कभी छेड़खानी करते हैं. कभी-कभी लड़कियों के वॉशरूम जाने पर खिड़कियों से झांकते हैं, जिसके कारण सभी में डर बना हुआ है.
स्कूली छात्रा काजल ने बताया कि इस पूरे मामले की शिकायत स्कूल की प्रिंसिपल को कई बार की जा चुकी है, लेकिन सब अनदेखा किया जा रहा है. काजल ने कहा कि परेशान होकर सब करनाल उपायुक्त से मिलने पहुंचे, जिससे ठोस समाधान हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी ये भी मांग है कि हमारे टपराना गांव के स्कूल में ही 12वीं कक्षा तक स्कूल किया जाए ताकि इन समस्याओं से निजात मिल सके.
उन्होंने बताया कि जिला सचिवालय में उपायुक्त से मिलने पहुंचे, लेकिन उपायुक्त नहीं मिले. अन्य प्रशासनिक अधिकारी को अपनी समस्या से अवगत करा दिया गया है और उन्होंने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है.
बता दें कि गांव टपराना में आठवीं तक का स्कूल है, जिस वजह से बच्चों को दूसरे गांव में पढ़ने जाना पड़ता है. जिसके कारण उन्हें गांव के मनचले परेशान करते हैं. इन बच्चों के साथ इनके अभिभावक भी परेशान हैं और चाहते हैं कि गांव टपराना में ही 12वीं तक का स्कूल बनाया जाए.