करनाल: उच्च शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार के निर्देश मिलने के बाद प्रदेशभर में कॉलेज खुल चुके हैं. करीब 8 महीनों बाद मंगलवार को करनाल में स्थित कॉलेजों में छात्रों ने कदम रखा. लॉक डाउन के दौरान बंद चल रहे कॉलेजों में जहां आज रौनक देखने को मिली तो वहीं प्रशासन द्वारा एतिहात के तौर पर भी पूरी सावधानी बरती जा रही है.
इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने करना के कॉलेजों में जाकर छात्रों से बात की तो उनका कहना था कि कॉलेज खुलने से वो काफी खुश है क्यों कि अब उनकी पढ़ाई सुचारू ढंग से हो सकेगी. छात्रों का कहना था कि लॉक डाउन के दौरान उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. छात्रों ने बताया कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा पूरे इंतेजाम किए गए. जिससे सभी छात्र संतुष्ट है और सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है.
छात्रों को कॉलेज भेजने में अभिभावक पूरी तरह सहमत नहीं
वहीं इस दौरान कॉलेज प्रिंसिपल चंद्रशेखर भारद्वाज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी की गई सभी गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है और कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी प्रकार व्यवस्थाएं की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों के परिजनों के मन में अभी थोड़ा डर है और अभी तक सिर्फ 26% ही अभिभावकों ने बच्चों को कॉलेज भेजने में सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए हमने पूरी व्यव्स्थाएं की है और हम चाहतें है की बच्चे कॉलेज में आना शुरू कर दें.
इन दिनों कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कॉलेज खोलने के फैसले पर प्रिंसिपल ने कहा कि जब पूरे देश में मंदिर, गुरुद्वारे, मॉल, थिएटर और बड़े बड़े संस्थानों को खोला जा रहा है तो शिक्षा के मंदिरों को खोलने में परेशानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि कोरोना के डर से अभी कम संख्या में ही छात्र कॉलेज पहुंच रहे हैं.
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हालांकि करनाल के कॉलेजों में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पूरी सावधानी बरती जा रही है और कॉलेज खुलने की खुशी भी छात्रों के चहरों पर देखने को मिल रही है. इन छात्रों समेत कॉलेज प्रशासन भी चाहता है अब ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन पढ़ाई शुरु हो ताकी छात्रों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो.