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मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विधानसभा क्षेत्र में भूखे पेट सोने को मजबूर 73 वर्षीय समाजसेवी - social worker need help karnal

समाजसेवी ईश्वर कुमार इन दिनों भूखे पेट सोने के मजबूर हैं. ईश्वर कुमार ने कहा कि उन्होंने शादी नहीं की, बल्कि अपना पूरा जीवन समाज को दिया. घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया, लेकिन इस बुरे वक्त में कोई भी उसके साथ नहीं खड़ा.

Social worker Ishwar Kumar
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Published : May 19, 2020, 8:22 PM IST

करनाल: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र में 73 साल का बुजुर्ग भूखे पेट सोने को मजबूर है. कई सालों से समाजसेवी बुजुर्ग ईश्वर सिंह रेलवे में अपनी सेवाएं दे रहे थे, लेकिन अब वो रोटी के लिए भी मोहताज हैं. बुजुर्ग के मुताबिक वो कई बार अधिकारियों और पार्षद से मिल चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली.

दानवीर कर्ण नगरी करनाल में वैसे तो समाजसेवी बहुत हैं, लेकिन इसी नगरी में बेबस और बेसहारा बुजुर्ग भूखा सोने को भी मजबूर है. 73 साल के बुजुर्ग ईश्वर मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र करनाल के रेलवे स्टेशन पर कई सालों से घायलों की सेवा कर रहे थे. आज करोना काल के दौरान वो दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो चुके हैं.

भूखे पेट सोने को मजबूर 73 वर्षीय समाजसेवी

करनाल के रेलवे लाइन पार क्षेत्र के रहने वाले ईश्वर कुमार कई बार अधिकारियों से मिल चुके हैं. उनका कहना है कि किसी ने भी उनकी कोई मदद नहीं की. ईश्वर कुमार ने आरोप लगाया है कि वो कई बार पार्षदों से मिल चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी सहायता नहीं की.

बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और बड़े-बड़े राजनेता सम्मानित कर चुके हैं. यही नहीं हरियाणा के पूर्व डीजीपी रंजीव दलाल और बड़े राजनेता हरमोहिंदर सिंह चट्ठा से प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है. इसके बाद भी आज बुजुर्ग की सुध लेने वाला कोई नहीं.

ये भी पढ़ें- हालात सामान्य करने की तरफ बढ़ रही सरकार, बसें चलाने के लिए कई राज्यों को लिखा पत्र- सीएम

बता दें कि ईश्वर कुमार लाइनपार क्षेत्र में एक किराए के मकान में अकेले रहते हैं. वो बुढ़ापा पेंशन से अपना जीवन चलाते हैं. ईश्वर कुमार ने कहा कि उसने शादी नहीं की बल्कि अपना पूरा जीवन समाज को दिया. घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया, लेकिन इस बुरे वक्त में कोई भी उसके साथ नहीं खड़ा.

करनाल: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र में 73 साल का बुजुर्ग भूखे पेट सोने को मजबूर है. कई सालों से समाजसेवी बुजुर्ग ईश्वर सिंह रेलवे में अपनी सेवाएं दे रहे थे, लेकिन अब वो रोटी के लिए भी मोहताज हैं. बुजुर्ग के मुताबिक वो कई बार अधिकारियों और पार्षद से मिल चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली.

दानवीर कर्ण नगरी करनाल में वैसे तो समाजसेवी बहुत हैं, लेकिन इसी नगरी में बेबस और बेसहारा बुजुर्ग भूखा सोने को भी मजबूर है. 73 साल के बुजुर्ग ईश्वर मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र करनाल के रेलवे स्टेशन पर कई सालों से घायलों की सेवा कर रहे थे. आज करोना काल के दौरान वो दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो चुके हैं.

भूखे पेट सोने को मजबूर 73 वर्षीय समाजसेवी

करनाल के रेलवे लाइन पार क्षेत्र के रहने वाले ईश्वर कुमार कई बार अधिकारियों से मिल चुके हैं. उनका कहना है कि किसी ने भी उनकी कोई मदद नहीं की. ईश्वर कुमार ने आरोप लगाया है कि वो कई बार पार्षदों से मिल चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी सहायता नहीं की.

बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और बड़े-बड़े राजनेता सम्मानित कर चुके हैं. यही नहीं हरियाणा के पूर्व डीजीपी रंजीव दलाल और बड़े राजनेता हरमोहिंदर सिंह चट्ठा से प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है. इसके बाद भी आज बुजुर्ग की सुध लेने वाला कोई नहीं.

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बता दें कि ईश्वर कुमार लाइनपार क्षेत्र में एक किराए के मकान में अकेले रहते हैं. वो बुढ़ापा पेंशन से अपना जीवन चलाते हैं. ईश्वर कुमार ने कहा कि उसने शादी नहीं की बल्कि अपना पूरा जीवन समाज को दिया. घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया, लेकिन इस बुरे वक्त में कोई भी उसके साथ नहीं खड़ा.

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