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Shardiya navratri 2023: नवरात्रि की महाअष्टमी, जानें कब करें कंजक पूजन महत्व और व्रत का शुभ मुहूर्त - नवरात्रि की महाअष्टमी

Shardiya navratri 2023: नवरात्रि चल रही है और दुर्गा मंदिरों में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है. हिंदू पंचांग के मुताबिक दुर्गा अष्टमी आज यानी रविवार, 22 अक्टूबर को है. इस दिन कंजक पूजन भी कराया जाता है, जिसका विशेष महत्व है. आईए जानते हैं कि दुर्गा अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और कंजक पूजन कैसे किया जाए.

ashtami and Kanjak Poojan date
कब है नवरात्रि की महाअष्टमी
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 19, 2023, 5:35 PM IST

Updated : Oct 22, 2023, 8:05 AM IST

करनाल : नवरात्रि चल रही हैं, जिसमें सनातन धर्म के लोग माता दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं. इन नौ दिनों के दौरान विशेष तौर पर माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दौरान अष्टमी का ख़ास महत्व है. इस दिन कंजक पूजन कराया जाता है. दुर्गा अष्टमी के दिन कन्याओं का पूजन कर उनको उपहार स्वरूप कुछ दक्षिणा या कोई चीज़ दी जाती है, लेकिन अगर शुभ मुहूर्त और सही तरीके से कंजक पूजा ना हो तो इंसान के जिंदगी में कई विघ्न पैदा हो जाते हैं.

दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त : हिंदू पंचांग के मुताबिक दुर्गा अष्टमी इस साल आज रविवार, 22 अक्टूबर को है. दुर्गा अष्टमी आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है. दुर्गा अष्टमी इस बार 21 अक्टूबर को रात 9:53 से शुरू होकर 22 अक्टूबर के शाम 7:58 तक रहेगी. दुर्गा अष्टमी के दिन विशेष तौर पर मां गौरी और मां दुर्गा के अवतार की पूजा अर्चना की जाती है.

ये भी पढ़ें : Mata Mansa Devi Temple in Panchkula: नवरात्रि में माता मनसा देवी के मंदिर में इंतजाम पूरे, नवरात्रि मेले को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

पूजा करने का शुभ मुहूर्त : 22 अक्टूबर को दुर्गा अष्टमी के दिन दुर्गा मां की पूजा करने का शुभ अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे शुरू होगा जबकि इसका समापन 12:46 पर होगा, वही दूसरा विजय मुहूर्त दोपहर के बाद 2:19 से शुरू होगा जबकि इसका समापन 3:05 पर होगा. दुर्गा अष्टमी के दिन पूजा करने का तीसरा शुभ मुहूर्त अमृत काल मुहूर्त है जो दोपहर 12:38 से शुरू होगा और इसका समापन 2:10 पर होगा. बताए गए इस समय के दौरान माता दुर्गा की पूजा करने से विशेष फल मिलता है और पूजा सफल मानी जाती है.

दुर्गा अष्टमी के दिन बन रहे कई शुभ योग : इस बार की दुर्गा अष्टमी भक्तों के लिए काफी शुभ रहने वाली है. दुर्गा अष्टमी के दिन सुबह सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जिसकी शुरुआत सुबह 6:26 से होगी जबकि इसका समापन शाम को 6:44 पर होगा. वहीं इस दिन दूसरा शुभ रवि योग भी बन रहा है जिसका आरंभ दुर्गा अष्टमी के दिन शाम के 6:44 से होगा जबकि इसका 30 अक्टूबर को सुबह 6:27 पर समापन होगा.

ये भी पढ़ें : Navratri special 2023: पानीपत का प्राचीन मंदिर जिसे मराठों ने बनावाया, यहां लाखों की संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु

दुर्गा नवमी का आरंभ : हिंदू धर्म में नवरात्रों का समापन दुर्गा अष्टमी और दुर्गा नवमी के दोनों दिन किया जाता है. लेकिन भारत में ज्यादातर राज्यों में दुर्गा अष्टमी के दिन ही नवरात्रों का समापन कर दिया जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक दुर्गा नवमी की शुरुआत 22 अक्टूबर को शाम 7:58 से होगी जबकि इसका समापन अगले दिन शाम को 5:44 पर होगा, इसी के चलते दुर्गा नवमी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी.

कंजक पूजन : दुर्गा अष्टमी के दिन कंजक पूजा काफी महत्व रखती है. कंजक पूजन करने के लिए नौ कन्या होनी चाहिए जिनकी उम्र 2 वर्ष से 10 वर्ष तक होनी चाहिए. अगर कहीं नौ कन्या नहीं मिलती तो वहां पर पांच या सात कन्या का पूजन भी हो सकता है. छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है इसलिए उनका पूजन किया जाता है.

कंजक पूजन की विधि : कंजक पूजन के समय पहले मां दुर्गा की पूजा अर्चना करनी चाहिए उसके बाद कंचन पूजन करायें. पहले घर में कंजक पूजन करने वाले स्थान को साफ करके वहां पर एक कपड़ा बिछा लें, उसके बाद सबसे पहले कन्या के पैर धोयें. फिर उनको प्रसाद के रूप में हलवा, पूरी और काले चने दें और और उनको अपनी क्षमता अनुसार दक्षिणा या कोई गिफ्ट दें.


करनाल : नवरात्रि चल रही हैं, जिसमें सनातन धर्म के लोग माता दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं. इन नौ दिनों के दौरान विशेष तौर पर माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दौरान अष्टमी का ख़ास महत्व है. इस दिन कंजक पूजन कराया जाता है. दुर्गा अष्टमी के दिन कन्याओं का पूजन कर उनको उपहार स्वरूप कुछ दक्षिणा या कोई चीज़ दी जाती है, लेकिन अगर शुभ मुहूर्त और सही तरीके से कंजक पूजा ना हो तो इंसान के जिंदगी में कई विघ्न पैदा हो जाते हैं.

दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त : हिंदू पंचांग के मुताबिक दुर्गा अष्टमी इस साल आज रविवार, 22 अक्टूबर को है. दुर्गा अष्टमी आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है. दुर्गा अष्टमी इस बार 21 अक्टूबर को रात 9:53 से शुरू होकर 22 अक्टूबर के शाम 7:58 तक रहेगी. दुर्गा अष्टमी के दिन विशेष तौर पर मां गौरी और मां दुर्गा के अवतार की पूजा अर्चना की जाती है.

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पूजा करने का शुभ मुहूर्त : 22 अक्टूबर को दुर्गा अष्टमी के दिन दुर्गा मां की पूजा करने का शुभ अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे शुरू होगा जबकि इसका समापन 12:46 पर होगा, वही दूसरा विजय मुहूर्त दोपहर के बाद 2:19 से शुरू होगा जबकि इसका समापन 3:05 पर होगा. दुर्गा अष्टमी के दिन पूजा करने का तीसरा शुभ मुहूर्त अमृत काल मुहूर्त है जो दोपहर 12:38 से शुरू होगा और इसका समापन 2:10 पर होगा. बताए गए इस समय के दौरान माता दुर्गा की पूजा करने से विशेष फल मिलता है और पूजा सफल मानी जाती है.

दुर्गा अष्टमी के दिन बन रहे कई शुभ योग : इस बार की दुर्गा अष्टमी भक्तों के लिए काफी शुभ रहने वाली है. दुर्गा अष्टमी के दिन सुबह सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जिसकी शुरुआत सुबह 6:26 से होगी जबकि इसका समापन शाम को 6:44 पर होगा. वहीं इस दिन दूसरा शुभ रवि योग भी बन रहा है जिसका आरंभ दुर्गा अष्टमी के दिन शाम के 6:44 से होगा जबकि इसका 30 अक्टूबर को सुबह 6:27 पर समापन होगा.

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दुर्गा नवमी का आरंभ : हिंदू धर्म में नवरात्रों का समापन दुर्गा अष्टमी और दुर्गा नवमी के दोनों दिन किया जाता है. लेकिन भारत में ज्यादातर राज्यों में दुर्गा अष्टमी के दिन ही नवरात्रों का समापन कर दिया जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक दुर्गा नवमी की शुरुआत 22 अक्टूबर को शाम 7:58 से होगी जबकि इसका समापन अगले दिन शाम को 5:44 पर होगा, इसी के चलते दुर्गा नवमी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी.

कंजक पूजन : दुर्गा अष्टमी के दिन कंजक पूजा काफी महत्व रखती है. कंजक पूजन करने के लिए नौ कन्या होनी चाहिए जिनकी उम्र 2 वर्ष से 10 वर्ष तक होनी चाहिए. अगर कहीं नौ कन्या नहीं मिलती तो वहां पर पांच या सात कन्या का पूजन भी हो सकता है. छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है इसलिए उनका पूजन किया जाता है.

कंजक पूजन की विधि : कंजक पूजन के समय पहले मां दुर्गा की पूजा अर्चना करनी चाहिए उसके बाद कंचन पूजन करायें. पहले घर में कंजक पूजन करने वाले स्थान को साफ करके वहां पर एक कपड़ा बिछा लें, उसके बाद सबसे पहले कन्या के पैर धोयें. फिर उनको प्रसाद के रूप में हलवा, पूरी और काले चने दें और और उनको अपनी क्षमता अनुसार दक्षिणा या कोई गिफ्ट दें.


Last Updated : Oct 22, 2023, 8:05 AM IST
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