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जल प्रबंधन में करनाल का शाहपुर गांव बना मिसाल, गंदे पानी को बनाया आय का जरिया - Karnal latest news

करनाल का शाहपुर गांव (Shahpur village of Karnal) जल प्रबंधन के मामले में प्रदेश में मिसाल बनकर उभरा है. जहां पहले ग्रामीण गंदे पानी की वजह से परेशान थे, वहीं आज गंदा पानी ग्रामीणों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है.

Shahpur village of Karnal
Shahpur village of Karnal
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Published : Jan 28, 2022, 10:52 PM IST

करनाल: 'मंजिल पर पहुंचना हो, तो राहों के कांटों से मत घबराना, क्योंकि कांटे ही तो बढ़ा देते हैं रफ्तार कदमों की' ये कहावत करनाल के शाहपुर गांव पर सर्वथा सटीक बैठती है. जो गांव कभी गंदे पानी की समस्या से परेशान था, जहां ग्रामीणों को दुर्गंध की वजह से सांस लेना दुभर हो रहा था. आज वही गांव जल प्रबंधन के मामले में मिसाल बनकर उभर (water management in Karnal) रहा है. ये सब मुमकिन हो पाया है ग्रामीणों की मेहनत और काम करने की लगन से और गांव को साफ करने की चाहत से.

गांव में क्या थी समस्या

दरअसल करनाल के गांव शाहपुर (Shahpur village of Karnal) में एक जोहड़ था, जहां गांव का गंदा पानी जमा होता था. गंदे पानी की समस्या इस हद तक थी कि ग्रामीणों का सांस लेना भी दुभर होता जा रहा था. गांव में गंदे पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के चलते गंदा पानी ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बना हुआ था. अगर तीन वर्ष पहले गांव की गलियों पर नजर डाली जाए तो करीब आधा दर्जन गलिया कीचड़ से भरी हुई थी. गंदे पानी की निकासी नहीं होने से ग्रामीणों को दुर्गंध के बीच जीने को मजबूर होना पड़ रहा था, लेकिन अब वही गंदा पानी ग्रामीणों के लिए वरदान बन गया है.

जल प्रबंधन में करनाल का शाहपुर गांव बना मिसाल, गंदे पानी को बनाया आय का जरिया

ये भी पढ़ें- हरियाणा के 40 फीसदी से ज्यादा गांवों में भूमिगत जल स्तर खतरे में, 1780 गांव रेड जोन घोषित

कैसे दूर की समस्या

गांव की पूर्व पंचायत की बनाई गई जल संरक्षण की योजना ने पूरे गांव की तस्वीर बदलकर रख दी है. करीब 3 साल पहले गांव में थ्री पौंड सिस्टम शुरू किया. स्वच्छ भारत मिशन के सहायक समन्वयक राजीव शर्मा ने बताया कि गंदे पानी की समस्या से निजात पाने के लिए गांव में ग्राम सभा की बैठक बुलाई गई. इसमें योजना अनुसार मनरेगा स्कीम के तहत गंदे पानी की निकासी के लिए गांव के करीब पंचायती जमीन में एक तालाब खुदवाया गया. गांव के पास लगते ओवरफ्लो तालाब का गंदा पानी निकालने के लिए खेतों के बीच से एक पाइप लाइन पंचायती जमीन में खोदे गए तालाब तक पहुंचाई गई. इस तालाब में गंदे पानी को स्टॉक कर दिया गया. साथ ही तालाब के गंदे पानी को पाइप लाइन के माध्यम से खेतों से गुजरने वाली नहरी पानी की खाल से जोड़ दिया गया. इससे अब जिस भी किसान को फसल में पानी की जरूरत होती है, तो वह पानी ले लेता है.

Shahpur village of Karnal
शाहपुर में गंदे पानी को साफ कर बना तालाब

क्या हुआ फायदा

तालाब को तीन हिस्सों में विभाजित कर गंदे पानी को साफ किया गया. इस साफ पानी को अब खेतों में सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाता है. जिससे एक तो ग्रामीणों को गंदे पानी से छुटकारा मिला है, वहीं फसलों को सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध हो रहा है. यही नहीं तालाब के साफ पानी में मछली पालन ग्राम पंचायत की आय का जरिया भी बन गया है. जो दूसरों को भी प्रेरणा दे रहा है. आज यह तालाब सौंदर्यीकरण के चलते सबके आकर्षण का केंद्र है और गांव के लोग इसके किनारों पर सैर का आनंद उठाते हैं. गांव के पंच कर्मजीत ने बताया कि गांव की सभी गलियां पक्की हैं, पीने के पानी की भी हर घर तक सुविधा है.

Shahpur village of Karnal
गांव में तालाब के किनारे बनाई गई पगडंडी

ये भी पढ़ें- UNION BUDGET 2022: केंद्रीय बजट में कितनी है हरियाणा की हिस्सेदारी ? अर्थशास्त्री ने बताई ये बड़ी बातें

ग्रामीणों, पंचायत और स्वच्छ भारत मिशन के समन्वय के अथक प्रयासों से आज करनाल के शाहपुर गांव को गंदे पानी की समस्या से तो निजात मिला ही. साथ ही गांव में सिंचाई और पंचायत के लिए मछली पालन कर आय का जरिया भी बन गया है. जल प्रबंधन के मामले में शाहपुर गांव ने प्रदेश में मिसाल कायम करने का काम किया है. साथ ही यहां के लोगों के प्रयासों की जितनी सराहना की जाये कम है.

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करनाल: 'मंजिल पर पहुंचना हो, तो राहों के कांटों से मत घबराना, क्योंकि कांटे ही तो बढ़ा देते हैं रफ्तार कदमों की' ये कहावत करनाल के शाहपुर गांव पर सर्वथा सटीक बैठती है. जो गांव कभी गंदे पानी की समस्या से परेशान था, जहां ग्रामीणों को दुर्गंध की वजह से सांस लेना दुभर हो रहा था. आज वही गांव जल प्रबंधन के मामले में मिसाल बनकर उभर (water management in Karnal) रहा है. ये सब मुमकिन हो पाया है ग्रामीणों की मेहनत और काम करने की लगन से और गांव को साफ करने की चाहत से.

गांव में क्या थी समस्या

दरअसल करनाल के गांव शाहपुर (Shahpur village of Karnal) में एक जोहड़ था, जहां गांव का गंदा पानी जमा होता था. गंदे पानी की समस्या इस हद तक थी कि ग्रामीणों का सांस लेना भी दुभर होता जा रहा था. गांव में गंदे पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के चलते गंदा पानी ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बना हुआ था. अगर तीन वर्ष पहले गांव की गलियों पर नजर डाली जाए तो करीब आधा दर्जन गलिया कीचड़ से भरी हुई थी. गंदे पानी की निकासी नहीं होने से ग्रामीणों को दुर्गंध के बीच जीने को मजबूर होना पड़ रहा था, लेकिन अब वही गंदा पानी ग्रामीणों के लिए वरदान बन गया है.

जल प्रबंधन में करनाल का शाहपुर गांव बना मिसाल, गंदे पानी को बनाया आय का जरिया

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कैसे दूर की समस्या

गांव की पूर्व पंचायत की बनाई गई जल संरक्षण की योजना ने पूरे गांव की तस्वीर बदलकर रख दी है. करीब 3 साल पहले गांव में थ्री पौंड सिस्टम शुरू किया. स्वच्छ भारत मिशन के सहायक समन्वयक राजीव शर्मा ने बताया कि गंदे पानी की समस्या से निजात पाने के लिए गांव में ग्राम सभा की बैठक बुलाई गई. इसमें योजना अनुसार मनरेगा स्कीम के तहत गंदे पानी की निकासी के लिए गांव के करीब पंचायती जमीन में एक तालाब खुदवाया गया. गांव के पास लगते ओवरफ्लो तालाब का गंदा पानी निकालने के लिए खेतों के बीच से एक पाइप लाइन पंचायती जमीन में खोदे गए तालाब तक पहुंचाई गई. इस तालाब में गंदे पानी को स्टॉक कर दिया गया. साथ ही तालाब के गंदे पानी को पाइप लाइन के माध्यम से खेतों से गुजरने वाली नहरी पानी की खाल से जोड़ दिया गया. इससे अब जिस भी किसान को फसल में पानी की जरूरत होती है, तो वह पानी ले लेता है.

Shahpur village of Karnal
शाहपुर में गंदे पानी को साफ कर बना तालाब

क्या हुआ फायदा

तालाब को तीन हिस्सों में विभाजित कर गंदे पानी को साफ किया गया. इस साफ पानी को अब खेतों में सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाता है. जिससे एक तो ग्रामीणों को गंदे पानी से छुटकारा मिला है, वहीं फसलों को सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध हो रहा है. यही नहीं तालाब के साफ पानी में मछली पालन ग्राम पंचायत की आय का जरिया भी बन गया है. जो दूसरों को भी प्रेरणा दे रहा है. आज यह तालाब सौंदर्यीकरण के चलते सबके आकर्षण का केंद्र है और गांव के लोग इसके किनारों पर सैर का आनंद उठाते हैं. गांव के पंच कर्मजीत ने बताया कि गांव की सभी गलियां पक्की हैं, पीने के पानी की भी हर घर तक सुविधा है.

Shahpur village of Karnal
गांव में तालाब के किनारे बनाई गई पगडंडी

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ग्रामीणों, पंचायत और स्वच्छ भारत मिशन के समन्वय के अथक प्रयासों से आज करनाल के शाहपुर गांव को गंदे पानी की समस्या से तो निजात मिला ही. साथ ही गांव में सिंचाई और पंचायत के लिए मछली पालन कर आय का जरिया भी बन गया है. जल प्रबंधन के मामले में शाहपुर गांव ने प्रदेश में मिसाल कायम करने का काम किया है. साथ ही यहां के लोगों के प्रयासों की जितनी सराहना की जाये कम है.

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