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जींद में सात घोड़े ग्लैंडर से संक्रमित, जानिए क्या है ग्लैंडर बीमारी और इसके लक्ष्ण - पशुपालन विभाग के उपनिदेशक

हरियाणा के जींद में सात घोड़े ग्लैंडर से संक्रमित पाए गए हैं. ग्लैंडर के मामले सामने आने के बाद पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने नई बीमारी को लेकर जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है. बता दें कि ग्लैंडर्स वायरस जनित बीमारी है. किसी घोड़े को ये बीमारी होती है तो उसके नाक से तेज पानी बहने लगता है. इस दौरान घोड़े के शरीर पर फफोले हो जाते हैं.

Seven horses infected with Glander in Jind
जींद में सात घोड़े मिले ग्लैंडर से संक्रमित.
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Published : Jan 12, 2023, 8:49 PM IST

करनाल: पशुओं में गाय और भैंसों में लंपी वायरस का अटैक थमा ही था कि अब घोड़ों में ग्लैंडर्स के मामले सामने आने लगे हैं. पिछले दिनों लिए गए सैंपलों में जींद में सात घोड़ों में ग्लैंडर के सैंपल पॉजिटिव आए हैं. जींद के शहरी एरिया में सात घोड़ों में ग्लैंडर्स बीमारी मिली है. इनके मालिकों के सैंपल भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए थे, लेकिन वह नेगेटिव मिले हैं. यानी उनमें बीमारी नहीं मिली. अब मुख्यालय द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, जिसके बाद इन घोड़ों को मारना पड़ेगा.

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने नई बीमारी को लेकर जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है. जिले में करीब एक हजार के करीब घोड़े हैं, लेकिन जिले में अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है. फिर भी पशु चिकित्सालय में बीमारी से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है.

horses infected with Glander in Jind
जींद में सात घोड़े ग्लैंडर से संक्रमित

क्या है ग्लैंडर बीमारी और इसके लक्ष्ण: ग्लैंडर्स बीमारी से संक्रमित घोड़ा या दूसरा पशु खाना-पीना छोड़ देता है. उसकी नाक से तेज पानी बहने लगता है. शरीर में फफोले हो जाते हैं. सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है. वायरस जनित बीमारी होने के चलते एक जानवर से दूसरे जानवर में यह बीमारी फैल सकती है. घोड़े से आदमी में भी इस बीमारी के आने की आशंका रहती है. इस तरह के लक्ष्ण मिलने पर तुरंत चिकित्सक से जांच करवाएं. पशु के नजदीक नहीं जाएं. मास्क लगाकर और हाथों में दस्ताने पहनकर काम करें. (what is glander disease )

ग्लैंडर्स वायरस जनित बीमारी है. अगर किसी घोड़े को ये बीमारी होती है तो उसके नाक से तेज पानी बहने लगता है. शरीर पर फफोले हो जाते हैं. सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगती है साथ ही बुखार आने के कारण घोड़ा चुस्त हो जाता है. यही बीमारी की पहचान है. एक जानवर से दूसरे जानवर में ये बीमारी फैल सकती है. यह बीमारी आमतौर पर घोड़ों में होती है. (Symptoms of glander disease)

horses infected with Glander in Jind
जींद में सात घोड़े ग्लैंडर से संक्रमित.

घोड़ों में होने वाली ग्लैंडर्स की बीमारी से इंसान को हमेशा खतरा बना रहता है, यही कारण है कि भारत सरकार ने अगले पांच साल में देश में इसका खात्मा करने का लक्ष्य रखा है. ग्लैंडर्स एक संक्रामक रोग है, जिसमें बीमारी के जीवाणु पशुओं के शरीर में फैल जाते हैं जिससे उनके शरीर में गांठें पड़ जाती हैं, मुंह से खून निकलने लगता है और सांस संबंधी तकलीफें भी बढ़ जाती हैं. (Glanders disease in horses)

horses infected with Glander in Jind
हरियाणा में घोड़े मिले ग्लैंडर से संक्रमित.

क्या कहते हैं पशुपालन विभाग के उपनिदेशक: पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ जिले मे घोड़ों में ग्लैंडर की बीमारी मिली है. लेकिन, करनाल में फिलहाल ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है और न ही कोई संदिग्ध मामला भी इस तक जिले में सामने आया है. हालांकि जिले में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. अगर कोई संदिग्ध मामला सामने आया तो उसके पास सैंपल बनाकर जांच कराई जाए. जिले के सभी पशु हॉस्पिटल को भी अलर्ट पर रखा गया है.

ये भी पढ़ें: सावधान! सर्दी में बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले, जानिए कैसे करें बचाव

करनाल: पशुओं में गाय और भैंसों में लंपी वायरस का अटैक थमा ही था कि अब घोड़ों में ग्लैंडर्स के मामले सामने आने लगे हैं. पिछले दिनों लिए गए सैंपलों में जींद में सात घोड़ों में ग्लैंडर के सैंपल पॉजिटिव आए हैं. जींद के शहरी एरिया में सात घोड़ों में ग्लैंडर्स बीमारी मिली है. इनके मालिकों के सैंपल भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए थे, लेकिन वह नेगेटिव मिले हैं. यानी उनमें बीमारी नहीं मिली. अब मुख्यालय द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, जिसके बाद इन घोड़ों को मारना पड़ेगा.

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने नई बीमारी को लेकर जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है. जिले में करीब एक हजार के करीब घोड़े हैं, लेकिन जिले में अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है. फिर भी पशु चिकित्सालय में बीमारी से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है.

horses infected with Glander in Jind
जींद में सात घोड़े ग्लैंडर से संक्रमित

क्या है ग्लैंडर बीमारी और इसके लक्ष्ण: ग्लैंडर्स बीमारी से संक्रमित घोड़ा या दूसरा पशु खाना-पीना छोड़ देता है. उसकी नाक से तेज पानी बहने लगता है. शरीर में फफोले हो जाते हैं. सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है. वायरस जनित बीमारी होने के चलते एक जानवर से दूसरे जानवर में यह बीमारी फैल सकती है. घोड़े से आदमी में भी इस बीमारी के आने की आशंका रहती है. इस तरह के लक्ष्ण मिलने पर तुरंत चिकित्सक से जांच करवाएं. पशु के नजदीक नहीं जाएं. मास्क लगाकर और हाथों में दस्ताने पहनकर काम करें. (what is glander disease )

ग्लैंडर्स वायरस जनित बीमारी है. अगर किसी घोड़े को ये बीमारी होती है तो उसके नाक से तेज पानी बहने लगता है. शरीर पर फफोले हो जाते हैं. सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगती है साथ ही बुखार आने के कारण घोड़ा चुस्त हो जाता है. यही बीमारी की पहचान है. एक जानवर से दूसरे जानवर में ये बीमारी फैल सकती है. यह बीमारी आमतौर पर घोड़ों में होती है. (Symptoms of glander disease)

horses infected with Glander in Jind
जींद में सात घोड़े ग्लैंडर से संक्रमित.

घोड़ों में होने वाली ग्लैंडर्स की बीमारी से इंसान को हमेशा खतरा बना रहता है, यही कारण है कि भारत सरकार ने अगले पांच साल में देश में इसका खात्मा करने का लक्ष्य रखा है. ग्लैंडर्स एक संक्रामक रोग है, जिसमें बीमारी के जीवाणु पशुओं के शरीर में फैल जाते हैं जिससे उनके शरीर में गांठें पड़ जाती हैं, मुंह से खून निकलने लगता है और सांस संबंधी तकलीफें भी बढ़ जाती हैं. (Glanders disease in horses)

horses infected with Glander in Jind
हरियाणा में घोड़े मिले ग्लैंडर से संक्रमित.

क्या कहते हैं पशुपालन विभाग के उपनिदेशक: पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ जिले मे घोड़ों में ग्लैंडर की बीमारी मिली है. लेकिन, करनाल में फिलहाल ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है और न ही कोई संदिग्ध मामला भी इस तक जिले में सामने आया है. हालांकि जिले में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. अगर कोई संदिग्ध मामला सामने आया तो उसके पास सैंपल बनाकर जांच कराई जाए. जिले के सभी पशु हॉस्पिटल को भी अलर्ट पर रखा गया है.

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