करनाल: एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक की अध्यक्षता में सोमवार को सैनिटाइजर और मास्क की ब्लैक मार्केटिंग को रोकने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई अमल में लाई गई. जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव के नेतृत्व में गठित विभिन्न टीमों ने एक साथ अलग-अलग आधा दर्जन दवा विक्रेताओं की दुकानों पर छापेमारी की.
कालाबाजारी करने पर होगी सख्त कार्रवाई
दवा विक्रेताओं को स्पष्ट संदेश दिया गया कि ब्लैक मार्केटिंग करने वाले को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. एसडीएम ने कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज और महावीर अस्पताल के सामने कई दवाई की दुकानों पर सैनिटाइजर और मास्क का स्टॉक चेक किया.
संबंधित सम्मान के खरीद बिल मांगे और विक्रय मूल्य के बारे जानकारी ली. जरूरी दस्तावेज ना दिखाने के कारण एक दवा विक्रेता की दुकान को सील किया गया और दो अन्य को नोटिस देने की कार्रवाई अमल में लाई गई. दुकानदारों द्वारा बेचे जा रहे समान के सैंपल के साथ उनके बिल की प्रति भी कब्जे में ली गई और प्राप्त किए समान की रिसीविंग भी दुकानदारों को सौंपी.
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इसके बाद सेक्टर-3 के आद्योगिक क्षेत्र की एक सैनिटाइजर बनाने वाली उद्योग इकाई का भी निरीक्षण किया और उनके ड्रग लाइसेंस, स्टॉक बिक्री व अन्य दस्तावेजों को लेकर जांच शुरू की. एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक ने इस बारे में कहा कि कोरोना वायरस के चलते जिला प्रशासन को ये सूचना मिली थी कि दवा विक्रेता बाजार भाव से अधिक मूल्य पर सैनिटाइजर और मास्क की बिक्री कर रहे हैं, जबकि हरियाणा सरकार ने इस आपदा के समय में ऐसा करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
'छापेमारी और कार्रवाई जारी रहेगी'
उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रभाव के चलते इसी प्रकार से कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी, ताकि इस आपदा के समय में आमजन को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी वस्तुएं बाजार भाव पर उपलब्ध हो सकें. उन्होंने दवा विक्रेताओं से अपील की कि वो इस मुश्किल के समय में मुनाफा छोड़कर संवेदनशीलता का दें और आमजन का सहयोग करें.