करनाल: गांव सिंघडा के संत बाबा राम सिंह ने किसान आंदोलन के समर्थन में आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि वो सरकार के रवैये से दुखी होकर और किसानों की हालत देखकर बहुत आहत हैं. इसलिए वो आत्महत्या कर रहे हैं. उनकी मौत पर करनाल से बीजेपी सांसद संजय भाटिया ने शोक व्यक्त किया.
संजय भाटिया ने कहा है कि वो संत बाबा राम सिंह को बहुत मानते हैं. अगर उनके अनुयायी चाहेंगे तो निश्चित तौर पर जांच करवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि वो संत बाबा राम सिंह के साथ काफी लंबे समय से जुड़े रहे हैं और उनकी मौत पर उन्हें बेहद अफसोस है.
उन्होंने कहा कि संत बाबा राम सिंह का हमारे बीच में से ऐसे चले जाना हमारे समाज के लोगों के लिए दुखदाई है. मैं बाबा को नमन करता हूं और उनके लिए आज हमने मिलकर 2 मिनट का मौन भी रखा.
कौन हैं संत बाबा राम सिंह?
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ बुधवार को करनाल के संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. संत राम सिंह के पास से सुसाइड नोट भी मिला है. संत राम सिंह करनाल के सिंगडा गांव के गुरुद्वारे में रहते थे.गोली लगने के बाद संत राम सिंह को पानीपत के पार्क अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया. जहां डॉक्टर्स ने संत रामसिंह को मृत घोषित कर दिया. सोनीपत पुलिस को संत के पास से सुसाइट नोट भी मिला है.
संत ने सुसाइड नोट में क्या लिखा?
किसानों का दुख देखा, अपने हक के लिए सड़कों पर बैठे हैं. बहुत दिल दुखा है. सरकार न्याय नहीं दे रही, जुल्म है. जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है. किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ किया, कुछ नहीं किया. कइयों ने सम्मान वापस किये, पुरुस्कार वापस करके रोष जताया. मैं किसानों के हक के लिए और सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या करता हूं. ये जुल्म के खिलाफ आवाज है. ये कीर्ति किसानों के हक में आवाज है. वाहे गुरू जी का खालसा. वाहे गुरू जी की फतेह.
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