करनाल: शनिवार को करनाल में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक (samyukt kisan morcha meeting in karnal) हुई. बैठक में राकेश टिकैत समेत तमाम बड़े किसान नेता मौजूद रहे. 26 जनवरी से किसान भारत में सयुंक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन की शुरुआत करेंगे. बैठक में इसी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई. इस बैठक में 26 जनवरी को जींद में एक महापंचायत करने का फैसला किया गया. किसान नेता राकेश टिकैत (farmer leader rakesh tikait) के मुताबिक इस महापंचायत में देशभर से किसान पहुंचेंगे.
राकेश टिकैत (farmer leader rakesh tikait) ने कहा कि जींद जिला क्रांतिकारी जिला है. ये जिला पंजाब पश्चिमी यूपी से भी लगता है, ये जिला खाप पंचायतों का भी गढ़ माना जाता है, इसीलिए 26 जनवरी को किसान जींद में महापंचायत करेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि मार्च महीने में किसान दिल्ली में भी महापंचायत करेंगे. जिसमें देशभर से लाखों किसान दिल्ली पहुंचेंगे. राकेश टिकैत ने बताया कि 26 जनवरी को जींद में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले एक बड़ी महापंचायत (samyukt kisan morcha mahapanchayat in jind) होगी.
उस महापंचायत में हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और बाकी राज्यों से किसान पहुंचेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि अन्य सभी राज्यों के प्रत्येक जिले में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा तथा किसान अपनी मांगों को लेकर ब्लॉक स्तर से लेकर जिला स्तर तक अपने संबंधित अधिकारियों तक अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि मार्च 2023 में संयुक्त किसान मोर्चा बैनर तले दिल्ली में किसान प्रदर्शन करेंगे. किसान नेताओं का कहना है कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मामले सरकार ने अभी तक वापस नहीं लिए हैं.
जिसको लेकर सरकार लगातार वादाखिलाफी कर रही है. इसके साथ ही किसानों के द्वारा किसानों के समर्थन में पहुंचे कलाकारों के घरों पर हुई छापेमारी को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए भी रणनीति बनाई जाएगी. पंजाबी गायकों के घर छापेमारी को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार उन लोगों के घर छापेमारी कर रही है. जिन्होंने आंदोलन में अपनी भूमिका निभाई है. जो लोग किसानों के साथ आंदोलन के दौरान जुड़े थे. इन लोगों को परेशान करने का काम सरकार कर रही है.
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किसानों की मुख्य मांगें: राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों के ऊपर जो मुकदमे दर्ज किए गए थे. उनको अभी तक खारिज नहीं किया गया. सरकार कहती है कि मुकदमा खारिज हो गए हैं, लेकिन पुलिस की तरफ से किसानों के पास समन आ रहे हैं. जिसे स्पष्ट होता है कि उनके मुकदमे अभी भी चल रहे हैं. किसानों की मांग है कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हो. फसलों पर MSP गारंटी कानून बने, फसलों का बीमा हो इसके अलावा बीमारी से खराब फसलों पर मुआवजे समेत कई मांगों को लेकर किसान अब आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं.