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प्लास्टिक की मार से कराहता करनाल! नहीं दिखा बैन का असर

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में करनाल में लंबी छालांग लगाई है. स्वच्छता सर्वेक्षण में करनाल शहर देश के शीर्ष-25 शहरों में शामिल हुआ है. सर्वेक्षण में 17 अंक सुधार के साथ करनाल 41वें से 24वें पायदान पर आ गया है..

प्लास्टिक खाती गाय
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Published : Mar 12, 2019, 9:35 PM IST

करनाल:स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में करनाल में लंबी छालांग लगाई है. स्वच्छता सर्वेक्षण में करनाल शहर देश के शीर्ष-25 शहरों में शामिल हुआ है. सर्वेक्षण में 17 अंक सुधार के साथ करनाल41वें से 24वें पायदान पर आ गया है.

वहीं सरकार ने प्लास्टिक की थैलियों पर बैन तो लगाया हुआ है, लेकिन फिर भी बाजार में प्लास्टिक की थैलियां, प्लास्टिक प्लेटे, गिलास एवं पानी की बोतलें गैर कानूनी तौर पर खुले आम प्रयोग हो रही हैं. वहीं करनाल शहर में कई जगह पर रखे टूटे हुएडस्टबिनों के बाहर फैली गंदगी में पॉलीथिनों की भरमार लगी हुई है. जिसको के आवारा पशु निगल रहे है जो की उनकी जिंदगी के लिए बहुत ही घातक है.

प्लास्टिक बैन का नहीं दिखा असर

पॉलीथिन की बिक्री करने वाले दुकानदारों ने बताया कि अगर सरकार पॉलीथिन बनाने वालों पर ही बैन लगा देगी तो वो अपने आप ही मार्केट में नहीं पहुंचेगा और ना ही बिकेगा.

पर्यावरण संरक्षण समिति करनालके अध्यक्ष एसडी अरोड़ा ने बताया किअपने-आप को जिम्मेदार नागरिक समझते हुए लोग सब्जियां एवं फल आदि लाने के लिए प्लास्टिक की थैलियां नहीं लेनी चाहिए बल्कि अपना कपड़े के थैले का ही प्रयोग करना चाहिए.

करनाल:स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में करनाल में लंबी छालांग लगाई है. स्वच्छता सर्वेक्षण में करनाल शहर देश के शीर्ष-25 शहरों में शामिल हुआ है. सर्वेक्षण में 17 अंक सुधार के साथ करनाल41वें से 24वें पायदान पर आ गया है.

वहीं सरकार ने प्लास्टिक की थैलियों पर बैन तो लगाया हुआ है, लेकिन फिर भी बाजार में प्लास्टिक की थैलियां, प्लास्टिक प्लेटे, गिलास एवं पानी की बोतलें गैर कानूनी तौर पर खुले आम प्रयोग हो रही हैं. वहीं करनाल शहर में कई जगह पर रखे टूटे हुएडस्टबिनों के बाहर फैली गंदगी में पॉलीथिनों की भरमार लगी हुई है. जिसको के आवारा पशु निगल रहे है जो की उनकी जिंदगी के लिए बहुत ही घातक है.

प्लास्टिक बैन का नहीं दिखा असर

पॉलीथिन की बिक्री करने वाले दुकानदारों ने बताया कि अगर सरकार पॉलीथिन बनाने वालों पर ही बैन लगा देगी तो वो अपने आप ही मार्केट में नहीं पहुंचेगा और ना ही बिकेगा.

पर्यावरण संरक्षण समिति करनालके अध्यक्ष एसडी अरोड़ा ने बताया किअपने-आप को जिम्मेदार नागरिक समझते हुए लोग सब्जियां एवं फल आदि लाने के लिए प्लास्टिक की थैलियां नहीं लेनी चाहिए बल्कि अपना कपड़े के थैले का ही प्रयोग करना चाहिए.

HAR               KARNAL 
REPORTER   RAKEDH KUMAR SHARMA 

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स्टोरी  -   स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 में करनाल देश के टॉप 25 में हो चूका है शुमार , कई दिन से नगर निगम में है जश्न का माहौल , निगम अधिकारी दावा कर रहे हैं कि शहर में सफाई व्यवस्था की है बेहतर , जिस वजह से यह मिला है खिताब , सर्वेक्षण में 17 अंक सुधार के साथ करनाल 41वें से 24वें पायदान पर आया तो जरूर हैं, लेकिन पॉलीथिन बैग से फैली गंदगी आज भी इंसानो ओर पशुओं के लिए हो रही है घातक , सी एम सिटी में प्लास्टिक बैग के प्रयोग की रोकथाम बना गम्भीर बिषय,अनुसंधानों में साबित हो चुका कि प्लास्टिक भूमि को खराब करके पर्यावरण को कर रहा है प्रदुषित, सरकार ने प्लास्टिक की थैलियों पर बैन तो लगाया पर मात्र दिखावे के लिए ।

एंकर  -   प्लास्टिक बैग का प्रयोग अनुसंधानों द्वारा साबित किया जा चुका  कि प्लास्टिक भूमि को खराब करके पर्यावरण को प्रदुषित करता है। सरकार ने प्लास्टिक की थैलियों पर बैन तो लगाया हुआ है लेकिन फिर भी बाजार में प्लास्टिक की थैलियां, प्लास्टिक प्लेटे, गिलास एवं पानी की बोतलें गैर कानूनीतौर पर खुले आम प्रयोग हो रही हैं। वहीँ करनाल शहर में कई जगह पर रखे टूटे हुए डस्टबिनों के बाहर फैली गंदगी में पॉलीथिनों की भरमार लगी हुई है जिसको के आवारा पशु निगल रहे है जो की उनकी जिंदगी के लिए बहुत ही घातक है। 

वीओ - पॉलीथिन की विक्री करने वाले दुकानदारों ने बताया कि अगर सरकार पॉलीथिन बनाने वालो पर ही वैन लगा देगी तो वः अपने आप ही मार्किट में नहीं पहुंचेगा और ना ही विकेगा। 

वीओ  - पर्यावरण सरक्षण समिति करनाल  के अध्य्क्ष एस डी अरोड़ा ने बताया कि अपने आप को जिम्मेदार नागरिक समझते हुए लोग सब्जियां एवं फल आदि लाने के लिए प्लास्टिक की थैलियां नही लेनी चाहिए बल्कि अपना कपड़े के थैले का ही प्रयोग करना चाहिए । राशन का सामान प्लास्टिक की थैलियों में ना लाकर, जूट के थैलों का प्रयोग करें। दफ्तरों में भी चाय आदि डिस्पोजल गिलासों में ना मंगवाएं, बल्कि स्टील व क्राकरी के गिलासों का प्रयोग करे। पुरुष लोग, शेव करने के लिए प्लास्टिक के डिस्पोजल रेजर का प्रयोग ना करें बल्कि उसकी जगह मैटल के रेजर का प्रयोग करें। दफ्तरों में पानी की प्लास्टिक की बोतलें ना मंगवाएं, बल्कि पानी के कैम्पर रख कर स्टील व शीशे के गिलासों का प्रयोग करें। बैंकट हालों एवं होटलों में शादी-विवाह व अन्य पार्टियों में प्लास्टिक प्लेटें, कप, गिलास आदि का प्रयोग ना करें, बल्कि पहले की तरह स्टील प्लेटों व गिलास आदि का प्रयोग करें।पोलीथीन प्रयोग के प्रतिबंध को सख्ती से लागु कराया जाए। 

बाईट  -  पॉलीथिन की विक्री करने वाले                -  दुकानदार 
बाईट  -  पर्यावरण सरक्षण समिति करनाल अध्य्क्ष -  एस डी अरोड़ा


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