करनाल: हरियाणा में 24 मई से 31 मई तक लॉकडाउन लगा है. कोरोना की दूसरी लहर और लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने गर्मियों की छुट्टियां जून की जगह 31 मई तक घोषित की थी. ऐसे में संभावना है कि 1 जून से हरियाणा में स्कूल खुल जाएंगे. लेकिन ना तो अभी स्कूल में जाने के लिए ना तो अभिभावक तैयार हैं और ना बच्चे
नवीश और लवीश नाम के छात्रों ने कहा कि जब तक कोरोना पर लगाम नहीं लगती तब तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए. क्योंकि सबसे पहले हमारी यानी छात्रों की सेहत है. अगर हमें कुछ हो गया तो क्या सरकार इसकी जिम्मेदार होगी?
स्कूल जाने के लिए ना बच्चे तैयार ना अभिभावक
कोरोना की पहली लहर के बाद जब स्कूलों को खोला गया था तो बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिले थे. इसका डर अब भी छात्रों में देखा जा रहा है. सिर्फ छात्र ही नहीं बल्कि अभिभावक भी कोरोना को लेकर काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं. छात्र की तरह अभिभावक भी स्कूल में बच्चों को भेजने के लिए तैयार नहीं है.
'वैक्सीन नहीं तो स्कूल भी नहीं'
गुजन और पावनी नाम की छात्रा ने कहा कि जब तक बच्चों का वैक्सीन नहीं लग जाती तब तक स्कूलों को खोलना नहीं चाहिए. क्योंकि पिछली बार भी बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना पॉजिटिव आए थे. इस बार तो दूसरी लहर ज्यादा जानलेवा बनकर आई है.
'स्कूलों को को खोलना सही नहीं'
ईटीवी भारत के साथ बातचीत में तमाम बच्चों ने स्कूल को अभी खोलना अनुचित बताया. अभिभावकों ने बताया कि अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तरह से 45 प्लस और 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन की डोज नहीं लगाई है. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल खोलने से पहले सभी बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगनी जरूरी है. ताकि संक्रमण का खतरा ना रहे.
जानें क्या कहा शिक्षा मंत्री ने
जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि जैसे सरकार के आदेश आएंगे उनकी पालना की जाएगी. अभी तक उनके पास स्कूल को खोलने के कोई आदेश नहीं आए हैं. अगर स्कूल खोलने के आदेश आते भी हैं तो वो पूरी तरह से तैयार हैं.
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर भी साफ कर चुके हैं अभी कोरोना से हालात काफी खराब हैं. हालांकि लॉकडाउन के बाद से कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है. फिर भी अभी स्कूल खोलने की सही वक्त नहीं है. कोरोना वायरस को लेकर अभिभावकों और बच्चों में लगातार डर का साया बना हुआ है. कोरोना के बाद अब ब्लैक फंसग भी तेजी से पैर पसार रहा है. ऐसे में ना तो अभिभावक स्कूल में बच्चों को भेजने को तैयार हैं और नहीं बच्चे स्कूल जाने को तैयार हैं. शिक्षा मंत्री 1 जून को बैठक कर स्कूलों को खोलने पर फैसला करेंगे.