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मृतक किसान के परिवार को आर्थिक सहायता और बेटे को नौकरी दे सरकार- राकेश टिकैत

करनाल का गांव जयसिंहपुरा पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait on Karnal farmer death) ने गांव में धरना प्रदर्शन के दौरान हृदय गति रुकने से किसान विक्रम सिंह की मौत होने पर दुख जताते हुए सरकार से मृतक किसान के परिवार को आर्थिक सहायता और बेटे को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

Rakesh Tikait on Karnal farmer death
मृतक किसान के परिवार को आर्थिक सहायता और बेटे को नौकरी दे सरकार- राकेश टिकैत
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Published : Jun 8, 2023, 1:09 PM IST

करनाल: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मृतक किसान विक्रम सिंह के घर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी. उन्होंने मृतक किसान को शहीद का दर्जा देते हुए सरकार से उसके बेटे को सरकारी नौकरी व आर्थिक मदद देने की मांग की है. गौरतलब है कि करनाल का गांव जयसिंहपुरा में मंगलवार देर रात रोडजाम के लिए दरी बिछाते समय हृदय गति रुकने से किसान विक्रम सिंह की मौत हो गई थी.


जानकारी के अनुसार किसानों के आक्रोश को देखते हुए सुबह से ही यहां भारी पुलिस बल तैनात था. बड़ी संख्या में किसान भी अंतिम संस्कार में पहुंचे और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मृतक विक्रम सिंह के बेटे ने मुखाग्नि दी. करनाल के जयसिंहपुरा में भी कुरुक्षेत्र के शाहबाद में लाठीचार्ज के बाद किसानों ने जाम लगाना शुरू कर दिया था. जयसिंहपुरा गांव में भी किसानों ने जाम लगाया था और उसी धरने पर काम करते हुए एक किसान की मौत हो गई थी.

ये भी पढ़ें : गुरनाम सिंह चढूनी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, किसानों ने जमानत लेने से किया मना

उनके घर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने परिवार के साथ दुख साझा किया. इस दौरान उन्होंने मृतक किसान को शहीद बताते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र के शाहबाद में लाठीचार्ज हुआ था. उसके बाद किसानों ने जगह-जगह रोड जाम और धरने दिए थे. इसी कड़ी में किसान विक्रम सिंह भी धरने पर बैठा था और इसी दौरान उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि यह हमारा शहीद है, किसान आंदोलन के दौरान इसकी मौत हुई है.

प्रशासन को जो भी सहयता बनती है, वह पीड़ित परिवार को देनी चाहिए. वहीं उन्होंने कहा कि वे शाहबाद में किसानों के धरने पर गए थे. इस दौरान गुरनाम सिंह से भी बात हुई थी. फोन पर गुरनाम सिंह ने कहा था कि हमारी जो मांगें हैं, वह सबसे पहले हैं. उन्हें जेल जाने का कोई भय नहीं है. किसानों के हक की आवाज उठाने के लिए अगर वे जेल भी जाते हैं तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है.

ये भी पढ़ें : Haryana Farmers Protest: हरियाणा पहुंचे राकेश टिकैत का बड़ा ऐलान- दिल्ली के आंदोलन से बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी

उन्होंने कहा कि किसानों की सूरजमुखी की एमएसपी खरीद की मांग है, जिसको वे पूरा कराकर रहेंगे. वहीं जब से किसानों पर कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में लाठीचार्ज किया गया था, तभी से यह अफवाह फैली हुई थी कि एक किसान की लाठीचार्ज में मौत हो गई है. इस पर राकेश टिकैत ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा की लाठीचार्ज में किसी भी किसान की मौत नहीं हुई है. लाठीचार्ज कुरुक्षेत्र के शाहबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ है, जबकि इस किसान की मौत गांव में धरना प्रदर्शन करने के लिए तैयारी करने के दौरान हृदय गति रुकने से हुई थी.

करनाल: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मृतक किसान विक्रम सिंह के घर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी. उन्होंने मृतक किसान को शहीद का दर्जा देते हुए सरकार से उसके बेटे को सरकारी नौकरी व आर्थिक मदद देने की मांग की है. गौरतलब है कि करनाल का गांव जयसिंहपुरा में मंगलवार देर रात रोडजाम के लिए दरी बिछाते समय हृदय गति रुकने से किसान विक्रम सिंह की मौत हो गई थी.


जानकारी के अनुसार किसानों के आक्रोश को देखते हुए सुबह से ही यहां भारी पुलिस बल तैनात था. बड़ी संख्या में किसान भी अंतिम संस्कार में पहुंचे और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मृतक विक्रम सिंह के बेटे ने मुखाग्नि दी. करनाल के जयसिंहपुरा में भी कुरुक्षेत्र के शाहबाद में लाठीचार्ज के बाद किसानों ने जाम लगाना शुरू कर दिया था. जयसिंहपुरा गांव में भी किसानों ने जाम लगाया था और उसी धरने पर काम करते हुए एक किसान की मौत हो गई थी.

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उनके घर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने परिवार के साथ दुख साझा किया. इस दौरान उन्होंने मृतक किसान को शहीद बताते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र के शाहबाद में लाठीचार्ज हुआ था. उसके बाद किसानों ने जगह-जगह रोड जाम और धरने दिए थे. इसी कड़ी में किसान विक्रम सिंह भी धरने पर बैठा था और इसी दौरान उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि यह हमारा शहीद है, किसान आंदोलन के दौरान इसकी मौत हुई है.

प्रशासन को जो भी सहयता बनती है, वह पीड़ित परिवार को देनी चाहिए. वहीं उन्होंने कहा कि वे शाहबाद में किसानों के धरने पर गए थे. इस दौरान गुरनाम सिंह से भी बात हुई थी. फोन पर गुरनाम सिंह ने कहा था कि हमारी जो मांगें हैं, वह सबसे पहले हैं. उन्हें जेल जाने का कोई भय नहीं है. किसानों के हक की आवाज उठाने के लिए अगर वे जेल भी जाते हैं तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है.

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उन्होंने कहा कि किसानों की सूरजमुखी की एमएसपी खरीद की मांग है, जिसको वे पूरा कराकर रहेंगे. वहीं जब से किसानों पर कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में लाठीचार्ज किया गया था, तभी से यह अफवाह फैली हुई थी कि एक किसान की लाठीचार्ज में मौत हो गई है. इस पर राकेश टिकैत ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा की लाठीचार्ज में किसी भी किसान की मौत नहीं हुई है. लाठीचार्ज कुरुक्षेत्र के शाहबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ है, जबकि इस किसान की मौत गांव में धरना प्रदर्शन करने के लिए तैयारी करने के दौरान हृदय गति रुकने से हुई थी.

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