करनाल: तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में 14 फरवरी को करनाल के इंद्री में किसान महापंचायत का आयोजन हुआ. आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में किसान नेता राकैश टिकैत पहुंचे. यहां उन्होंने हजारों किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार गलतफहमी में ना रहे, पहले 4 लाख ट्रैक्टरों का टारगेट रखा था, लेकिन इस बार 40 लाख ट्रैक्टर होंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के 40 नेता पूरे देश में जाएंगे.
राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए लंबा आंदोलन चलाने के लिए तैयार रहें. देश में 40 लाख ट्रैक्टर द्वारा विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में शामिल हो जाएं. उन्होंने कहा कि देश भर में किसान मौजूदा सरकार की किसान विरोधी नीतियों की पोल खोलेंगे.
'किसान भी संगठनों पर भरोसा करें'
उन्होंने कहा कि देश की संसद में किसानों के लिए 2 मिनट का मौन रखने पर जिस तरह का बर्ताव सत्ता में बैठे नेताओं ने किया उसे किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे. जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के जय कारे लगाकर किसानों की बात नहीं मानते तब तक आंदोलन जारी रहेगा. किसान संगठन पूरी तरह से मजबूत है और किसान भी इन संगठनों पर भरोसा करें.
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'सरकार किसानों को मूर्ख ना समझे'
टिकैत ने कहा कि देश भर में किसान मौजूदा सरकार की किसान विरोधी नीतियों की पोल खोलेंगे. जब तक तीन कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता और न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद गारंटी का कानून सरकार नहीं बनाएगी तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि ये सरकार किसानों को मूर्ख समझने की गलती कर रही है, लेकिन किसान इस सरकार को बदलना भी जानते हैं.
'किसान के भाग्य का फैसला दिल्ली की...'
इसके साथ उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे हुए जेजेपी और भाजपा के लोगों को गांव में घुसने ना दो और जो भी चुनाव आए इन पार्टी के लोगों को बुरी तरह से हरा दो. ऐसी हालात बना दो कि इन दोनों पार्टियों के लोग सत्ता करना भूल जाएं. टिकैत ने कहा कि सरकार बात मान ले नहीं तो सरकार को मनाना भी आता है. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं. किसान के भाग्य का फैसला दिल्ली की कोठियों में नहीं किसान के खेत में होगा.
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