करनाल: हरियाणा सरकार के खिलाफ राजपूत समाज का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा. सोमवार को कुरुक्षेत्र में भी राजपूत समाज के लोगों ने एकत्र होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे राजपूत समाज के लोगों ने सरकार के मंत्रियों का पुतला भी जलाया. प्रदर्शनकारियों ने चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने की चेतावनी भी दी.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले हरियाणा के कैथल में राजा मिहिर भोज की मूर्ति लगाई गई थी. जिसमें राजा मिहिर भोज के आगे गुर्जर प्रतिहार लिखा गया है. जिसका राजपूत समाज ने विरोध किया था. इस वजह से हरियाणा में राजपूतों व गुर्जर समाज के लोगों के बीच तनातनी का माहौल बना हुआ है. जिस दिन कैथल में मूर्ति का अनावरण किया जाना था, उससे एक दिन पहले राजपूत समाज के लोग इकट्ठा हुए थे. जिनके ऊपर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था. उस घटना के दिन से ही राजपूत समाज के लोगों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है.
सोमवार को भी कुरुक्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में राजपूत समाज के लोग इकट्ठा हुए. उन्होंने राजपूत समाज द्वारा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और कैथल के विधायक लीलाराम गुर्जर का पुतला भी फूंका. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
राजपूत समाज के राकेश राणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कैथल में हुई घटना के बाद पूरे प्रदेश के हर जिले में प्रदर्शन किया जा रहा है. कैथल में समाज के बच्चों के ऊपर लाठीचार्ज किया गया और यह सारा कारनामा भाजपा सरकार का किया हुआ है. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश भर में भाजपा सरकार का क्षत्रिय समाज द्वारा विरोध किया जा रहा है और आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनाव के अंदर भाजपा का विरोध किया जाएगा.
राकेश राणा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में हमारी 10% वोट बैंक प्रदेश की भाजपा को मिटाने का काम करेगी. आने वाले चुनाव में राजपूत समाज हरियाणा में भाजपा सरकार को वोट के जरिए चोट मारने का काम करेगा. प्रदेश भर में हो रहा प्रदर्शन थमेगा नहीं, क्षत्रिय समाज प्रदेश से भाजपा को हटाने की मुहिम शुरू कर चुका है.
बीजेपी और सरकार से नाराज कैथल के 30 से ज्यादा जिला स्तर के नेता पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं. चर्चा है कि कुरुक्षेत्र और मुख्यमंत्री के गृह जिले करनाल में भी राजपूत समाज के कई नेता बीजेपी और जेजेपी से इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं. राजपूत समाज के नेताओं का कहना है कि ये विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती.