करनाल: जिले के रंदौली और बयाना गांव में बन रही एथेनॉल केमिकल फैक्ट्री को हटाने को लेकर सोमवार को करीब 15 गांवों के ग्रामीण जिला उपायुक्त से लघु सचिवालय में मिलने पहुंचे. ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव की जमीन पर यह फैक्ट्री लगाई जा रही है, जिससे उनकी कृषि योग्य भूमि खराब हो जाएगी. ग्रामीणों ने फैक्ट्री को यहां से हटाने की मांग की है. इस संबंध में बयाना, रंदोली, डबकोली, बदरपुर, कमालपुर गडरियान, कलसोरा व आसपास के सभी ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा.
जानकारी के अनुसार सरकार एथेनॉल केमिकल फैक्ट्री रंदोली और बयाना गांव की कृषि योग्य भूमि में लगाने जा रही है. ग्रामीण करनाल में एथेनॉल केमिकल फैक्ट्री का विरोध कर इसे किसी दूसरे स्थान पर लगाने की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि रंदोली व डबकोली गांव के पास पहले से ही एक गंदा नाला निकल कर जाता है, जिसमें फैक्ट्रियों का दूषित व जहरीला पानी आता है, जिससे आसपास के गांवों में कैंसर, अस्थमा, स्किन एलर्जी के मरीज बढ़ गए हैं.
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अब IRIS फ्यूल इंडिया लिमिटेड की एथेनॉल फैक्ट्री भी गांव के पास लगने जा रही है, जिससे रंदोली गांव महज 400 मीटर, डबकोली कलां गांव 500 मीटर व बयाना 900 मीटर दूरी पर है. ऐसे में रंदौली और बयाना गांव में केमिकल फैक्ट्री का विरोध हो रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि इस फैक्ट्री से होने वाले प्रदूषण से ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ेगा. इसका एक उदाहरण शाहबाद के एथेनॉल प्लांट के आस-पास के गांव हैं. ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर इसे हटाने की मांग की है.
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने एथेनॉल फैक्ट्री के पास के गांव जनजेडी व आसपास रहने वाले लोगों से इस बारे में बात की थी, उन्होंने बताया था कि फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषण से बीमारियां हो रही हैं, वहीं कृषि व अन्य प्राणियों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. आसपास के इलाके में कृषि उपज लगभग आधी हो गई है. वहां के लोगों ने उस फैक्ट्री को बंद करवाने के लिए कई दिनों तक धरना भी दिया था, बावजूद इसके कोई समाधान नहीं हो रहा है.
अब ग्रामीणों के पक्ष में भारतीय किसान यूनियन के सदस्य भी आ गए हैं, जो आज जिला उपायुक्त से मिलने के लिए पहुंचे थे. हरियाणा के विभिन्न किसान संगठन इस फैक्ट्री को बंद करवाने की मांग कर रहे हैं. किसान इस फैक्ट्री को कृषि प्रधान क्षेत्र से कहीं और फैक्ट्री एरिया में स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं, ताकि यहां के लोग स्वस्थ रहें व कृषि भूमि भी बंजर ना हो.