करनाल: बरसात के मौसम में यमुना नदी में पानी के उफान की संभावना बनी रहती है. इस पानी को काबू में करने के लिए हर साल सिंचाई विभाग प्रबंध करता है. इस साल भी सिंचाई विभाग की ओर से पानी के कटान को रोकने के लिए 13 स्टड बनाए जा रहे हैं. साथ ही 10 पुराने स्टडों की मरम्मत की जा रही है. इस काम के लिए प्रशासन की ओर से 5 करोड़ 33 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
उपायुक्त ने लिया मौके का जायजा
कितना काम हुआ है और कितना बचा है. इस सब का जायजा लेने के लिए करनाल उपायुक्त निशांत कुमार यादव मौके पर पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उपायुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते स्टड बनाने में देरी जरूर हुई है, लेकिन सभी काम निर्धारित समय से पूरा कर लिया जाएगा.
वहीं ठेकेदारों का कहना है कि इस बार स्टड बनाने के लिए प्रयोग होने वाले पत्थर मिलने में काफी दिक्कत आ रही है. इसलिए काम थोड़ा धीमा चल रहा है. यहां हर रोज 16 हजार क्विंटल पत्थर आने चाहिए, लेकिन सिर्फ 5 से 6 हजार क्विंटल पत्थर ही मिल पा रहे हैं, लेकिन फिर भी हमारी कोशिश है कि समय से काम पूरा कर लिया जाए.
सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता संजय राहड़ और कार्यकारी अभियंता नवतेज सिंह ने उपायुक्त को बताया कि हर साल की तरह इस साल भी यमुना पर स्टड बनाने का काम किया जा रहा है. बरसात के मौसम से पहले इस काम को पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि मुस्ताबाद में करीब 3 करोड़ 14 लाख रुपये की लागत से 3 नए स्टड बनाए जाएंगे और 7 पुराने स्टडों की मरम्मत की जाएगी. ढाकवाला में करीब 58 लाख रुपये की लागत से 1 नया स्टड बनाया जाएगा और 3 की मरम्मत की जाएगी और इसी प्रकार शेरगढ़ टापू में करीब 1 करोड़ 61 लाख रुपये की लागत से 9 नए स्टड बनाए जाएंगे.
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उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने अपने दौरे के दौरान ग्रामीणों से बातचीत की. ग्रामीणों ने उपायुक्त को बताया कि स्टड बनाने के लिए बढ़िया पत्थरों का प्रयोग हो और ये पानी आने से पहले ही बन जाएं, ताकि उनकी खेत में खड़ी फसल बर्बाद ना हो. उपायुक्त ने ग्रामीणों को आश्वासन दिलाया कि ये सभी काम समय से ही पूरा कर लिया जाएगा. इस काम की निगरानी करनाल एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक करेंगे.